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भारतीय तटरक्षक बल का 11वां राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव अभ्यास (SAREX-24) 28-29 नवंबर, 2024 को कोच्चि, केरल में आयोजित होगा।
SAREX-24 के मुख्य बिंदु–
- आयोजन की जानकारी:
- राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव अभ्यास एवं कार्यशाला (SAREX-24) का 11वां संस्करण 28-29 नवंबर, 2024 को कोच्चि, केरल में होगा।
- इसका आयोजन राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड के तहत होगा।
- 40 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक इस अभ्यास में भाग लेंगे।
- थीम:
- थीम है ‘क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से खोज और बचाव क्षमताओं को बढ़ाना।’
- यह भारतीय तटरक्षक बल (ICG) की आपातकालीन स्थिति में मदद के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- पहले दिन के कार्यक्रम:
- कार्यशाला, सेमिनार और टेबल–टॉप अभ्यास आयोजित किए जाएंगे।
- इसमें सरकारी एजेंसियों, सशस्त्र बलों, मंत्रालयों और विदेशी प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी।
- दूसरे दिन के कार्यक्रम:
- कोच्चि के तट पर दो बड़े समुद्री आपातकालीन अभ्यास किए जाएंगे:
- पहला परिदृश्य: 500 यात्रियों वाले जहाज में आपात स्थिति का अभ्यास।
- दूसरा परिदृश्य: 200 यात्रियों वाले नागरिक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का अभ्यास।
- नई तकनीकों का प्रदर्शन:
- सैटेलाइट डिस्ट्रेस बीकन, ड्रोन से लाइफ ब्वॉय फेंकने, एयर-ड्रॉपेबल लाइफ राफ्ट और रिमोट-कंट्रोल लाइफ ब्वॉय का उपयोग।
- विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के बीच समन्वय और संचालन क्षमता का परीक्षण।
- कोच्चि के तट पर दो बड़े समुद्री आपातकालीन अभ्यास किए जाएंगे:
- भारतीय तटरक्षक बल की भूमिका:
- ICG को भारतीय महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) सदस्य देशों के साथ SAR (Search and Rescue) समन्वय के लिए कार्यान्वयन एजेंसी नामित किया गया है।
- ICG को इंडो–पैसिफिक क्षेत्र में SAR गतिविधियों के लिए नोडल एजेंसी भी घोषित किया गया है।
- प्रधानमंत्री की SAGAR पहल: ICG का यह प्रयास प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के SAGAR (Security and Growth for All in the Region) दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की वैश्विक जिम्मेदारी को मजबूत करता है।
SAREX-24: भारत और विश्व के लिए महत्व–
- समुद्री सुरक्षा में सुधार:
- यह अभ्यास भारत को बेहतर खोज और बचाव (SAR) रणनीतियां विकसित करने में मदद करेगा।
- समुद्री संचालन को सुरक्षित और प्रभावी बनाएगा।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा:
- SAREX-24 विभिन्न देशों को एक मंच पर लाएगा।
- समुद्री सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया जैसे साझा मुद्दों का समाधान करने में सहयोग बढ़ाएगा।
- नई तकनीकों का परीक्षण: वास्तविक परिदृश्यों पर आधारित अभ्यास के माध्यम से आपदाओं और दुर्घटनाओं से निपटने की नई तकनीकों को परखा और विकसित किया जाएगा।
प्रौद्योगिकी नवाचार:
- समुद्र अभ्यास में नई तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा।
- सैटेलाइट डिस्ट्रेस बेकन्स का उपयोग संचार के लिए होगा।
- ड्रोन आपातकाल में लाइफ बुइज़ तैनात करेंगे।
- रिमोट-कोण्ट्रोल लाइफ-सेविंग उपकरण भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
- इन नवाचारों का उद्देश्य बचाव अभियानों की दक्षता बढ़ाना है।
सामरिक लक्ष्य:
- राष्ट्रीय भागीदारों के साथ समन्वय को बेहतर बनाना।
- पड़ोसी देशों के साथ साझेदारी को मजबूत करना।
- आपात स्थितियों में प्रतिक्रिया समय को सुधारना।
- SAREX-24 का उद्देश्य भारत की समुद्री खोज और बचाव क्षमताओं को बढ़ाना है।