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SEBI का NPO और सोशल स्टॉक एक्सचेंज में बदलाव का प्रस्ताव

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संदर्भ:

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए एक नया ढांचा प्रस्तावित किया है। इसमें गैरलाभकारी संगठनों (NPO) की परिभाषा में बदलाव और सामाजिक उद्यम के रूप में पहचाने जाने वाली पात्र गतिविधियों का विस्तार शामिल है।

सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) के नियमों में प्रस्तावित संशोधन:

  1. गैरलाभकारी संगठनों (NPOs) की परिभाषा का विस्तार:
    • वर्तमान परिभाषा:
      • भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत पंजीकृत चैरिटेबल ट्रस्ट।
      • सोसाइटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत पंजीकृत चैरिटेबल सोसायटी।
      • कंपनियां, कंपनियों अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत।
    • विस्तारित परिभाषा:
      • भारतीय पंजीकरण अधिनियम के तहत उप पंजीयक के साथ पंजीकृत ट्रस्ट।
      • राज्य के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत चैरिटेबल सोसायटी।
      • कंपनियों अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत पंजीकृत कंपनियां।
  2. पात्र गतिविधियों की सूची का विस्तार:
    • शामिल गतिविधियां:
      • वंचित बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और विकलांगों का कल्याण।
      • व्यावसायिक कौशल का संवर्धन।
      • कला, संस्कृति और विरासत का प्रचार व शिक्षा।
  3. लक्षित वर्ग का विस्तार: सामाजिक इकाइयों के साथ-साथ सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पारिस्थितिकी तंत्र इकाइयों को भी शामिल किया जाएगा।
  4. पंजीकरण नवीनीकरण की शर्तों में छूट:
    • NPOs अब SSE के माध्यम से धन जुटाए बिना दो वर्षों तक पंजीकरण कर सकेंगी।
    • वार्षिक रिपोर्टिंग और सामाजिक प्रभाव आकलन की लागत को ध्यान में रखते हुए यह छूट दी गई है।
  5. व्यवसाय आय की शर्त:
    • प्रस्ताव:
      • लाभकारी और गैर-लाभकारी सामाजिक उद्यमों के लिए व्यवसाय आय राजस्व का 20% से अधिक होनी चाहिए।
      • यह सुनिश्चित करने के लिए कि 67% गतिविधियां पात्र गतिविधियों के मानदंडों को पूरा करती हैं।

सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज (Social Stock Exchange – SSE)

  • परिचय:
    • SSE मौजूदा स्टॉक एक्सचेंज के भीतर एक अलग खंड के रूप में कार्य करेगा।
    • यह सामाजिक उद्यमों (Social Enterprises) को सार्वजनिक निवेशकों से धन जुटाने में मदद करेगा।
  • उद्देश्य:
    • सामाजिक पहलों के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करना।
    • उद्यमों को दृश्यता और पारदर्शिता प्रदान करना, जिससे धन उगाही और उपयोग पर नजर रखी जा सके।
  • निवेश नियम:
    • खुदरा निवेशक (Retail Investors): केवल लाभकारी सामाजिक उद्यमों (FPSEs) के तहत मुख्य बोर्ड में निवेश कर सकते हैं।
    • संस्थागत और गैरसंस्थागत निवेशक: वे सभी सामाजिक उद्यमों (SEs) द्वारा जारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं।

सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज (SSE) के लिए पात्रता

  • सामाजिक उद्देश्य (Social Intent):
    • कोई भी गैरलाभकारी संगठन (NPO) या लाभकारी सामाजिक उद्यम (FPSE) जो सामाजिक उद्देश्य को प्राथमिकता देता है, उसे सामाजिक उद्यम के रूप में मान्यता दी जाएगी।
    • मान्यता प्राप्त संगठनों को SSE पर पंजीकरण की पात्रता मिलेगी।
  • कॉरपोरेट निर्भरता (Dependent on Corporates): वे NPOs जो अपनी 50% से अधिक फंडिंग कॉरपोरेट्स से प्राप्त करते हैं, SSE पर पंजीकरण के लिए अयोग्य माने जाएंगे।

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