केंद्र सरकार ने पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना के दूसरे चरण को अधिसूचित किया है। यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने और चार्जिंग बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है।
अधिसूचना की मुख्य बातें:
- प्रति वाहन प्रोत्साहन:
- 1 अप्रैल, 2024 – 7 नवंबर, 2024: ₹5,000 प्रति kWh (अधिकतम ₹50,000 प्रति वाहन)।
- 8 नवंबर, 2024 – 31 मार्च, 2026: ₹2,500 प्रति kWh (अधिकतम ₹25,000 प्रति वाहन)।
- एक्स-फैक्ट्री मूल्य सीमा: प्रोत्साहन के लिए वाहन की अधिकतम एक्स-फैक्ट्री कीमत ₹5 लाख।
- निधि आवंटन: योजना के लिए कुल ₹715 करोड़ का बजट।
पीएम ई-ड्राइव योजना के बारे में:
- उद्देश्य:
- इलेक्ट्रिक वाहनों (ई-2W, ई-3W, ई-बस) को बढ़ावा देना।
- चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, जैसे फास्ट चार्जर।
- इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर अग्रिम प्रोत्साहन प्रदान करना।
- योजना की समयावधि: 2024-26।
- योजना के 3 मुख्य घटक:
- सब्सिडी (डिमांड प्रोत्साहन): ई-2W, ई-3W, ई-एम्बुलेंस, और ई-ट्रक जैसी नई ईवी श्रेणियों के लिए।
- पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन: ई-बसों की खरीद, चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क का निर्माण, और परीक्षण एजेंसियों का उन्नयन।
- सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) गतिविधियां: योजना के प्रचार-प्रसार और प्रबंधन के लिए।
- नोडल मंत्रालय: केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय (MHI)।
- महत्व और प्रभाव:
- ग्रीन मोबिलिटी: कार्बन उत्सर्जन कम कर पर्यावरण को संरक्षित करेगा।
- स्थानीय उद्योग को प्रोत्साहन: इलेक्ट्रिक वाहन और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में मदद।
- आर्थिक लाभ: पेट्रोलियम आयात पर निर्भरता कम और परिवहन लागत घटेगी।
- रोजगार सृजन: ईवी और चार्जिंग स्टेशन से जुड़ी नौकरियों में वृद्धि होगी।
यह योजना भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के साथ पर्यावरण अनुकूल और किफायती परिवहन के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।