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राजकीय अंतिम संस्कार और राष्ट्रीय शोक

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राज्य सम्मान के साथ किया गया। उनके निधन पर सरकार ने 26 दिसंबर से 1 जनवरी तक सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया, और इस दौरान देशभर में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके हुए लहराए गए।

राज्य सम्मान में अंतिम संस्कार क्या है?

राज्य सम्मान में अंतिम संस्कार एक औपचारिक समारोह होता है, जो एक महत्वपूर्ण व्यक्ति, सामान्यत: एक राष्ट्रीय नेता, के लिए आयोजित किया जाता है और इसमें राज्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की सभी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं। इसमें सार्वजनिक भागीदारी भी होती है।

भारत में राज्य सम्मान का अंतिम संस्कार:

  • आमतौर पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए आरक्षित होता है।
  • कुछ मामलों में, केंद्रीय सरकार अन्य प्रमुख व्यक्तियों को भी उनके राष्ट्रीय योगदान के आधार पर राज्य सम्मान में अंतिम संस्कार देने का निर्णय ले सकती है, जैसे उद्योगपति रतन टाटा और गायिका लता मंगेशकर।

राज्य सम्मान में अंतिम संस्कार के मुख्य नियम:

  1. संगठन: अंतिम संस्कार की व्यवस्था रक्षा मंत्रालय द्वारा गृह मंत्रालय के निर्देश पर की जाती है।
  2. सरकारी अधिकारी: सभी गजेटेड अधिकारी को यदि वे उपलब्ध हों तो समारोह में उपस्थित होने की उम्मीद होती है।
  3. सेवा कर्मियों की वेशभूषा: सेवा कर्मी राज्य समारोहों के लिए आधिकारिक पोशाक पहनते हैं।
  4. ध्वज का प्रयोग: शव पर राष्ट्रीय ध्वज इस प्रकार लपेटा जाता है कि केसरिया (साफ़्रन) रंग सिर की ओर हो।
  5. ध्वज का निपटान: ध्वज को कब्र में नहीं डाला जाता है और न ही चिता में जलाया जाता है।

राष्ट्रीय शोक के बारे में:

  1. घोषणा: केंद्रीय सरकार देश के लिए असाधारण योगदान देने वाले नेताओं के निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित कर सकती है।
    • राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके होते हैं।
  2. अपवाद: गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती पर राष्ट्रीय शोक नहीं होता।
  3. ध्वज प्रबंधन: मृतक व्यक्तित्व का शव जिस भवन में हो, वहां का ध्वज आधे झुका रहेगा।
  4. आधिकारिक प्रोटोकॉल: शोक घोषित होने पर सरकारी मनोरंजन कार्यक्रम रद्द होते हैं, बाकी कार्यक्रम जारी रहते हैं।
  5. राज्य स्तर पर: गवर्नर के निधन पर राज्य शोक मनाना अनिवार्य है, मुख्यमंत्री के निधन पर राज्य सरकार की मर्जी।

भारतीय ध्वज संहिता की प्रमुख विशेषताएँ

  1. आकार और माप:
    • राष्ट्रीय ध्वज आयताकार आकार का होता है, जिसमें लंबाई और ऊंचाई (चौड़ाई) का अनुपात 3:2 होता है।
    • विमान के लिए ध्वज का आकार 450 x 300 मिमी होता है, जबकि मोटर-कारों पर प्रदर्शित करने के लिए 225 x 150 मिमी का आकार होता है। टेबल ध्वज का आकार 150 x 100 मिमी होता है।
  2. एक साथ ध्वज फहराने पर प्रतिबंध: राष्ट्रीय ध्वज को किसी एक ध्वजस्तंभ से किसी अन्य ध्वज के साथ एक साथ नहीं फहराया जा सकता।
  3. वाहनों पर ध्वज का प्रयोग: राष्ट्रीय ध्वज केवल उन वाहनों पर फहराया जा सकता है, जो ध्वज संहिता के भाग III, खंड IX में उल्लेखित विशिष्ट व्यक्तियों के हैं, जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल।
  4. पद और स्थान निर्धारण: कोई अन्य ध्वज या बंटिंग राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर, उसके समानांतर या उसके पास नहीं रखा जा सकता।

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