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टैक्स जस्टिस नेटवर्क द्वारा ‘स्टेट ऑफ टैक्स जस्टिस 2024’ रिपोर्ट ने वैश्विक कर दुरुपयोग से संबंधित चिंताओं और सुधारों पर प्रकाश डाला है। यह रिपोर्ट कर नुकसान के वित्तीय प्रभावों, जिम्मेदार देशों और संभावित समाधान की दिशा में नीतिगत सिफारिशों को रेखांकित करती है।
‘स्टेट ऑफ टैक्स जस्टिस 2024’ रिपोर्ट की मुख्य टिप्पणियाँ:
- कुल नुकसान:
- वैश्विक कर दुरुपयोग से 492 बिलियन अमेरिकी डॉलर का वार्षिक नुकसान।
- इसमें से:
- 347.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा लाभ को विदेश में स्थानांतरित करने से।
- 144.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान धनी व्यक्तियों द्वारा संपत्ति छुपाने के कारण।
- जिम्मेदार देश:
- वैश्विक कर नुकसान का लगभग 43% आठ OECD सदस्य देशों (ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इजरायल, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, और अमेरिका) के कारण होता है।
- ये देश संयुक्त राष्ट्र कर समझौते का विरोध कर रहे हैं।
- प्रभाव का वितरण:
- वैश्विक उत्तर के देश निरपेक्ष रूप से सबसे अधिक कर राजस्व खोते हैं।
- वैश्विक दक्षिण के देश अपने कर राजस्व के हिस्से के रूप में अधिक नुकसान सहते हैं।
- परिणाम:
- सार्वजनिक सेवाओं में कटौती।
- देशों के बीच और भीतर असमानता में वृद्धि।
- घरेलू व्यवसायों पर नकारात्मक प्रभाव।
नीतिगत सिफारिशें:
- संयुक्त राष्ट्र कर सम्मेलन:
- समावेशी वैश्विक कर नियमों की स्थापना के लिए।
- सीमा पार कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए।
- प्रगतिशील कराधान को बढ़ावा देने के लिए।
- अंतर्राष्ट्रीय कर सहयोग: 2025-2027 तक संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन पर बातचीत की सिफारिश।
- अतिरिक्त लाभ और संपत्ति कर:
- आर्थिक असमानता कम करने और समाज में समान योगदान सुनिश्चित करने के लिए।
- एकाधिकार शक्ति को सीमित करने के लिए।
वैश्विक कर सुधार:
- वैश्विक न्यूनतम कर (GMT): OECD नीति के तहत, 15% की न्यूनतम प्रभावी दर का प्रस्ताव, जो कॉर्पोरेट मुनाफे पर लागू होगी।
- बीईपीएस (BEPS) कार्य योजना: आधार क्षरण और लाभ स्थानांतरण से निपटने के लिए सरकारों को उपकरण प्रदान करता है।
- सामान्य रिपोर्टिंग मानक (CRS): वित्तीय खातों की जानकारी के स्वचालित आदान-प्रदान के लिए OECD का मानक।
निष्कर्ष: यह रिपोर्ट न केवल वैश्विक कर दुरुपयोग के वित्तीय और सामाजिक प्रभावों को रेखांकित करती है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समावेशी नीतियों के महत्व को भी रेखांकित करती है। संयुक्त राष्ट्र आधारित कर ढांचे और प्रगतिशील कर सुधारों को लागू करना वैश्विक आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।