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संदर्भ:
रूस-अमेरिका के शीर्ष राजनयिकों ने सऊदी अरब में मुलाकात की, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों पर चर्चा हुई। ये वार्ता राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी विदेश नीति में आए महत्वपूर्ण और त्वरित बदलाव को दर्शाती है।
रूस-अमेरिका बैठक के मुख्य बिंदु:
- यूक्रेन मुद्दे पर शांति समझौते के लिए टीमें गठित होंगी, जो लगातार बातचीत करेंगी।
- अमेरिका का उद्देश्य युद्ध को स्थायी रूप से समाप्त करना और सभी पक्षों को स्वीकार्य समाधान खोजना है।
- यूक्रेन और यूरोप को भी शांति प्रयासों में शामिल किया जाएगा, ताकि सभी प्रभावित पक्षों की सहमति से हल निकाला जा सके।
यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए शांति वार्ताएँ:
रूस-यूक्रेन युद्ध (2014–वर्तमान) और 2022 में शुरू हुए रूसी आक्रमण को रोकने के लिए कई दौर की शांति वार्ताएँ हुईं।
- पहली वार्ता: 28 फरवरी 2022 को बेलारूस में हुई, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।
- दूसरी और तीसरी वार्ता: 3 और 7 मार्च 2022 को बेलारूस-यूक्रेन सीमा पर हुईं।
- चौथी और पाँचवीं वार्ता: 10 और 14 मार्च 2022 को तुर्की के अंटाल्या में आयोजित की गईं।
रूस-यूक्रेन युद्ध: पृष्ठभूमि और कारण–
रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि:
- राजनीतिक और व्यापारिक विवाद: 2013 के अंत में, यूक्रेन के तत्कालीन रूस समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने यूरोपीय संघ (EU) के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार और राजनीतिक समझौते को निलंबित कर दिया।
- प्रदर्शन और यानुकोविच की विदाई: इस फैसले के खिलाफ कीव (यूक्रेन की राजधानी) में यूरोमैदान आंदोलन शुरू हुआ, जो हिंसक हो गया। अंततः फरवरी 2014 में यानुकोविच को सत्ता से हटा दिया गया।
- क्राइमिया पर रूसी कब्जा: रूस ने यूक्रेन के क्राइमिया क्षेत्र पर कब्जा कर मार्च 2014 में इसे अपने में मिला लिया। रूस ने दावा किया कि वह वहां के रूसी-भाषी नागरिकों के हितों की रक्षा कर रहा है।
- डोनेट्स्क और लुहांस्क में अलगाववादी आंदोलन: क्राइमिया पर कब्जे के तुरंत बाद, यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों में रूस समर्थक अलगाववादियों ने स्वतंत्रता की घोषणा कर दी और डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (DPR) तथा लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक (LPR) नामक राज्य बना लिए।
- रूस द्वारा मान्यता: फरवरी 2022 में रूस ने आधिकारिक रूप से DPR और LPR को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया, जिससे संघर्ष और बढ़ गया।
रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रमुख कारण:
- शक्ति संतुलन:1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से ही रूस और पश्चिमी देश यूक्रेन पर प्रभाव बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
- यूक्रेन की भौगोलिक स्थिति:अमेरिका और यूरोपीय संघ के लिए यूक्रेन, रूस और पश्चिमी देशों के बीच एक रणनीतिक बफर जोन का काम करता है।
- काला सागर की भौगोलिक महत्ता:काला सागर (Black Sea) रूस के लिए सैन्य शक्ति और व्यापार मार्गों के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- नाटो (NATO) विस्तार:यूक्रेन ने नाटो की सदस्यता लेने की मांग की, जिसे रूस अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।
- सांस्कृतिक और भाषाई संबंध:यूक्रेन और रूस के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक, भाषाई और पारिवारिक संबंध रहे हैं, जो इस संघर्ष को और जटिल बनाते हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े प्रमुख घटनाक्रम:
- मिंस्क समझौते (2014 और 2015):यूक्रेन और रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच शांति समझौते किए गए, लेकिन दोनों ही समझौते असफल रहे।
- रूस का पूर्ण पैमाने पर हमला (2022):फरवरी 2022 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में “विशेष सैन्य अभियान” शुरू करने की घोषणा की और यूक्रेन पर बड़ा हमला कर दिया।
- युद्ध की स्थिरता और सीमित प्रगति (2023-2024): 2023 तक युद्ध स्थिर हो गया, जिसमें सीमा पर छोटे स्तर की लड़ाइयां जारी रहीं। रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर हवाई और मिसाइल हमले किए। 2024 में यूक्रेन ने रूस के भीतर हमले शुरू किए, जिनमें कुर्स्क ओब्लास्ट में हमला शामिल था।
युद्ध का वैश्विक प्रभाव:
- इस युद्ध ने वैश्विक आर्थिक अस्थिरता बढ़ा दी और ईंधन और अनाज की कीमतों में वृद्धि हुई।
- यूरोपीय देशों ने रूस से तेल और गैस खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिए।
- कई देशों ने यूक्रेन को आर्थिक, सैन्य और मानवीय सहायता देना जारी रखा।