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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी सरकार के अहम पदों पर नियुक्तियां करना शुरू कर दिया है। इनमें से एक महत्वपूर्ण नियुक्ति हिन्दू नेता तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के पद पर किया गया है। यह नियुक्ति बुधवार को ट्रम्प और बाइडेन की मुलाकात के बाद की गई।
मुख्य बिंदु:
- तुलसी गबार्ड की नियुक्ति: ट्रम्प ने तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी है। वह अवरील हेन्स की जगह लेंगी।
- तुलसी का राजनीतिक करियर: तुलसी गबार्ड (43) अमेरिका की पहली हिन्दू सांसद रही हैं और उन्होंने 21 साल की उम्र में हवाई से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वह 4 बार डेमोक्रेटिक पार्टी से सांसद रहीं।
- रिपब्लिकन पार्टी में शामिल होना: तुलसी पहले बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता थीं, लेकिन पिछले महीने उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी ज्वाइन की।
- अन्य अहम नियुक्तियां: ट्रम्प ने तुलसी गबार्ड के अलावा फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रूबियो को विदेश मंत्री और मैट गेट्ज को अटॉर्नी जनरल बनाया है।
तुलसी गबार्ड कौन हैं?
- जन्म: तुलसी गबार्ड का जन्म 1981 में अमेरिकी समोआ में माइक गबार्ड और कैरल गबार्ड के घर हुआ। वह गबार्ड दंपती की पांच संतानों में से एक हैं। जब तुलसी दो साल की थीं, तो उनका परिवार हवाई राज्य में आकर बस गया था।
- धार्मिक परिवर्त: हवाई में आने के बाद उनकी मां कैरल ने हिन्दू धर्म अपनाया, जबकि उनके पिता रोमन कैथोलिक ईसाई थे। इस कारण ही उनके माता-पिता ने बच्चों के हिन्दू नाम रखे।
- तुलसी का धर्म: तुलसी खुद को हिन्दू मानती हैं, लेकिन वह भारतीय मूल की नहीं हैं।
- पार्टी का इतिहास: तुलसी के पिता पहले रिपब्लिकन पार्टी (2004-2007) से जुड़े थे, फिर 2007 में डेमो
तुलसी गबार्ड
क्रेटिक पार्टी से जुड़ गए।
- राजनीतिक करियर:
- 2013 में तुलसी पहली बार हवाई राज्य से सांसद चुनी गईं और 2021 तक इस पद पर रहीं।
- उन्होंने बर्नी सैंडर्स के लिए 2016 में प्रचार किया और 2020 में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेट उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी पेश की।
- सैन्य सेवा: तुलसी गबार्ड दो दशकों से अधिक समय से आर्मी नेशनल गार्ड से जुड़ी हुई हैं और उन्होंने इराक़ और क़ुवैत जैसे देशों में सेवा दी है।
- सरकारी मुद्दे: तुलसी ने अपने कार्यकाल के दौरान सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य सेवा, मुफ़्त कॉलेज ट्यूशन और गन कंट्रोल जैसे उदारवादी मुद्दों का समर्थन किया।
- डेमोक्रेटिक पार्टी से बाहर आना:
- 2021 में तुलसी ने सदन छोड़ने के बाद कुछ मुद्दों पर डेमोक्रेटिक पार्टी के खिलाफ रुख अपनाया।
- उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से ट्रंप का समर्थन करना शुरू किया।
- 2022 में, तुलसी ने डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़ दिया और खुलकर ट्रंप के समर्थन में आ गईं।
- रिपब्लिकन पार्टी में शामिल होना: 2024 में तुलसी ने रिपब्लिकन पार्टी जॉइन की।\
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