Download Today Current Affairs PDF
UGC ड्राफ्ट रेगुलेशन 2025 : हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों को बनाए रखने के उपायों पर आधारित UGC (न्यूनतम योग्यता) नियमन, 2025 का मसौदा जारी किया है।
UGC ड्राफ्ट रेगुलेशन 2025:
कुलपति (VC) की नियुक्ति
- चयन प्रक्रिया:
- सर्च–कम–सेलेक्शन कमेटी द्वारा चयन, जिसमें शामिल होंगे:
- चांसलर/विजिटर के नामित व्यक्ति (अधिकांश राज्य विश्वविद्यालयों में राज्यपाल)।
- यूजीसी चेयरपर्सन।
- विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था (जैसे सीनेट या सिंडिकेट)।
- सर्च–कम–सेलेक्शन कमेटी द्वारा चयन, जिसमें शामिल होंगे:
- पात्रता मानदंड: शिक्षाविद, उद्योग, सार्वजनिक प्रशासन, या सार्वजनिक नीति से संबंधित पेशेवर पात्र होंगे।
- कार्यकाल: कुलपति का कार्यकाल 5 वर्ष होगा, पुनर्नियुक्ति की पात्रता होगी।
फैकल्टी की भर्ती और पदोन्नति:
- “विशिष्ट योगदान” पर जोर: शिक्षण नवाचार, प्रायोजित शोध, भारतीय भाषाओं में शिक्षण, और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने जैसे 9 क्षेत्रों में योगदान को प्राथमिकता।
- कैरियर एडवांसमेंट स्कीम (CAS): स्कोर आधारित प्रणाली के बजाय गुणात्मक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोशन।
- भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS): पारंपरिक ज्ञान और भारतीय भाषाओं में शोध और शिक्षण को प्रोत्साहन।
फैकल्टी भर्ती में लचीलापन
- विभिन्न विषयों में पात्रता: NET/SET के माध्यम से वे उम्मीदवार पात्र होंगे, जिन्होंने UG/PG से अलग विषयों में योग्यता प्राप्त की है।
- पीएचडी प्राथमिकता: पीएचडी विशेषज्ञता को अधिक महत्व।
अनुबंध शिक्षक (Contractual Teachers): 10% सीमा समाप्त, जिससे अधिक अनुबंध शिक्षकों की भर्ती की अनुमति।
- समावेशन और प्रतिनिधित्व:
- भर्ती में विविधता: SC/ST/OBC/EWS और दिव्यांग व्यक्तियों की भागीदारी को बढ़ावा।
- पारदर्शिता और सुशासन:
- भर्ती प्रक्रियाएँ: सार्वजनिक अधिसूचनाएँ और व्यवस्थित प्रक्रियाएँ सुनिश्चित करें।
प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस (PoP):
- उद्योग पेशेवरों की भागीदारी: उच्च शिक्षण संस्थान (HEIs) कुल स्वीकृत पदों के 10% तक उद्योग विशेषज्ञों को शामिल कर सकते हैं।
- शोध और उद्यमिता को बढ़ावा:
- फैकल्टी की अपेक्षाएँ: शोध प्रयोगशालाओं, स्टार्टअप्स, और डिजिटल कंटेंट निर्माण (जैसे MOOCs) में योगदान देना।
- अनुपालन और दंड:
- अनुपालन न करने पर परिणाम:
- यूजीसी फंडिंग और योजनाओं से वंचित।
- यूजीसी अधिनियम की धारा 2(f) और 12B के तहत मान्यता समाप्त।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के बारे में:
- स्थापना:
- 1956 में स्थापित: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को 1956 में सांविधिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया।
- यह “विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956″ के तहत गठित किया गया।
- मुख्यालय: UGC का मुख्य कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- UGC का उद्देश्य:
- विश्वविद्यालय शिक्षा को बढ़ावा देना और समन्वय करना।
- शिक्षण, परीक्षा और शोध के मानकों को निर्धारित करना और बनाए रखना।
- शिक्षा के न्यूनतम मानकों पर विनियम बनाना।
- कॉलेज और विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में विकास की निगरानी करना और अनुदान वितरित करना।
- केंद्र और राज्य सरकारों को विश्वविद्यालय शिक्षा के सुधार के लिए आवश्यक उपायों पर सलाह देना।