संदर्भ:
शहरी ऊष्मा द्वीप (Urban Heat Island – UHI): तेलंगाना सामाजिक–आर्थिक परिदृश्य 2025 रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद में शहरी ऊष्मा द्वीप प्रभाव (Urban Heat Island Effect) के कारण रात्रिकालीन तापमान में वृद्धि हो रही है। विशेष रूप से मार्च से अगस्त के बीच बढ़ता तापमान सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है, जिसमें हीट एक्सहॉशन, हृदय संबंधी तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं।
शहरी ऊष्मा द्वीप (Urban Heat Island – UHI):
शहरी ऊष्मा द्वीप प्रभाव एक जलवायु घटना है, जिसमें शहरी क्षेत्रों का तापमान आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में काफी अधिक होता है। यह अंतर मुख्य रूप से मानव गतिविधियों और शहरीकरण के कारण होता है, जो भूमि की सतह और पर्यावरण को बदलते हैं।
शहरी ऊष्मा द्वीप (Urban Heat Island – UHI) के मुख्य कारण
- हरित क्षेत्रों की कमी: शहरीकरण से पेड़-पौधे और हरियाली घटती है, जिससे प्राकृतिक शीतलन (छायांकन व वाष्पोत्सर्जन) कम हो जाता है।
- घनी इमारतें व कंक्रीट संरचनाएं: कंक्रीट और डामर की सतहें अधिक गर्मी अवशोषित करती हैं, जिससे तापमान बढ़ता है।
- संकरी गलियां व ऊंची इमारतें: ये गर्म हवा को फंसा देती हैं, जिससे तापमान और बढ़ जाता है।
- मानव गतिविधियों से निकलने वाली गर्मी: वाहन, एयर कंडीशनर और औद्योगिक गतिविधियां गर्मी उत्पन्न करती हैं, जिसे ग्रीनहाउस गैसें रोककर रखती हैं।
UHI प्रभाव के कारण दिन में अवशोषित गर्मी रात में धीरे-धीरे निकलती है, जिससे शहरी क्षेत्रों में रात का तापमान ग्रामीण क्षेत्रों से 12°C तक अधिक हो सकता है।