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विश्व सौर रिपोर्ट श्रृंखला

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विश्व सौर रिपोर्ट श्रृंखला का तीसरा संस्करण अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की 7वीं सभा में जारी किया गया। इस श्रृंखला में चार मुख्य रिपोर्टें शामिल हैं, जो टिकाऊ ऊर्जा की दिशा में वैश्विक बदलाव में महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डालती हैं।

विश्व सौर रिपोर्ट श्रृंखला की चार मुख्य रिपोर्टें:

  1. विश्व सौर बाजार रिपोर्ट
    • सौर क्षमता में वृद्धि: वैश्विक सौर क्षमता 2000 में 1.22 गीगावाट से बढ़कर 2023 में 1,418.97 गीगावाट हो गई है, जो लगभग 40% वार्षिक वृद्धि दर दर्शाती है।
    • सौर उद्योग में रोजगार: सौर उद्योग में 16.2 मिलियन नौकरियां हैं, जिसमें सौर ऊर्जा क्षेत्र 7.1 मिलियन रोजगार के साथ अग्रणी है।
  2. विश्व निवेश रिपोर्ट:
    • ऊर्जा निवेश: वैश्विक ऊर्जा निवेश 2018 में 2.4 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2024 में 3.1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जो 5% की वार्षिक वृद्धि दर दिखाता है।
    • एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अग्रणी भूमिका: एशिया-प्रशांत क्षेत्र 2023 तक सौर ऊर्जा में 223 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने में अग्रणी है।
  3. विश्व प्रौद्योगिकी रिपोर्ट: सौर पी.वी. मॉड्यूलों में 24.9% दक्षता, सिलिकॉन के उपयोग में 88% की कमी, और सौर पी.वी. की लागत में 90% की कमी शामिल है, जो ऊर्जा उत्पादन को अधिक लचीला और सस्ता बनाता है।
  4. अफ्रीकी देशों में ग्रीन हाइड्रोजन की तैयारी का आकलन: हरित हाइड्रोजन कोयला, तेल, और गैस के विकल्प के रूप में प्रस्तुत करता है, जो अफ्रीका के स्वच्छ ऊर्जा बदलाव में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA):

  • स्थापना: 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद द्वारा।
  • मुख्यालय: भारत में स्थित, यह पहला अंतर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय भारत में है।
  • लक्ष्य: 2030 तक सौर ऊर्जा क्षेत्र में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित करना और प्रौद्योगिकी एवं वित्तपोषण लागत को कम करना।

भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता:

  • कुल क्षमता: भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 452.69 गीगावाट है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा योगदान: 2024 तक, नवीकरणीय ऊर्जा आधारित उत्पादन क्षमता 201.45 गीगावाट है, जो कुल स्थापित क्षमता का 46.3% है। इसमें सौर ऊर्जा 90.76 गीगावाट, पवन ऊर्जा 47.36 गीगावाट, और जलविद्युत 46.92 गीगावाट शामिल हैं।

भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य:

  • शुद्ध शून्य उत्सर्जन: भारत का लक्ष्य 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करना है।
  • अल्पकालिक लक्ष्य:
    • 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाना।
    • ऊर्जा आवश्यकताओं का 50% नवीकरणीय स्रोतों से पूरा करना।
    • संचयी उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी लाना।
    • जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता को 2005 के स्तर से 2030 तक 45% तक कम करना।

इस रिपोर्ट श्रृंखला से यह स्पष्ट होता है कि सौर ऊर्जा में वृद्धि और निवेश विश्व स्तर पर टिकाऊ ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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