Foreign Contribution Regulation Act
संदर्भ:
गृह मंत्रालय (MHA) ने एनजीओ को निर्देश दिया है कि वे अपने फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट (FCRA), 2010 के नवीनीकरण आवेदन की समय पर प्रक्रिया पूरी करें। मंत्रालय ने कहा है कि आवेदन की समाप्ति से कम से कम चार महीने पहले इसे जमा किया जाना चाहिए।
विदेशी योगदान (नियमन) अधिनियम – FCRA:
विदेशी योगदान (नियमन) अधिनियम (FCRA) भारत का कानून है, जो व्यक्तियों, संघों और कंपनियों द्वारा विदेशी योगदान या विदेशी आतिथ्य (Foreign Hospitality) के स्वीकार और उपयोग को नियंत्रित करता है।
- पहली बार इसे 1976 में लागू किया गया और बाद में 2010 में व्यापक संशोधन किया गया।
- यह अधिनियम गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा प्रबंधित होता है।
- मुख्य उद्देश्य: यह सुनिश्चित करना कि विदेशी फंड भारत के राष्ट्रीय हित, सार्वभौमिकता या सुरक्षा के खिलाफ उपयोग न हों।
FCRA के प्रमुख प्रावधान:
- पंजीकरण (Registration):
- विदेशी दान प्राप्त करने के लिए, NGO, ट्रस्ट, सेक्शन 8 कंपनियां और अन्य संस्थाएं MHA के साथ पंजीकृत होनी चाहिए।
- पंजीकरण 5 वर्षों के लिए वैध होता है और नियमों का पालन करने पर इसे नवीनीकृत किया जा सकता है।
- पूर्व अनुमति: नई संस्थाओं या जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है, वे किसी विशेष विदेशी स्रोत से विशिष्ट परियोजना के लिए धन प्राप्त करने हेतु पूर्व अनुमति ले सकती हैं।
- नामित बैंक खाता (Designated Bank Account):
- विदेशी योगदान केवल एसबीआई, नई दिल्ली के मुख्य शाखा में नामित FCRA बैंक खाते के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
- उपयोग के लिए अन्य निर्धारित बैंक में अलग FCRA खाता खोला जा सकता है।
- उद्देश्य–विशेष उपयोग: विदेशी फंड का उपयोग केवल सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक या सामाजिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
- उपयोग पर प्रतिबंध (Restrictions):
- प्रशासनिक खर्च: 2020 संशोधन के अनुसार प्रशासनिक खर्च सीमा 50% से घटाकर 20% कर दी गई।
- फंड ट्रांसफर: विदेशी योगदान को किसी अन्य व्यक्ति, संगठन या कंपनी को तब तक स्थानांतरित नहीं किया जा सकता जब तक वे FCRA के अंतर्गत पंजीकृत न हों।
- सट्टा निवेश: फंड का उपयोग म्युचुअल फंड या शेयर जैसी सट्टा गतिविधियों में नहीं किया जा सकता।
- प्रतिबंधित प्राप्तकर्ता: चुनावी उम्मीदवार, राजनीतिक दल, पत्रकार, न्यायाधीश और सरकारी कर्मचारी विदेशी योगदान प्राप्त नहीं कर सकते।
- रिपोर्टिंग और अनुपालन:
- प्राप्तकर्ता वार्षिक रिटर्न Form FC-4 के माध्यम से FCRA पोर्टल पर ऑनलाइन जमा करें।
- फंड के उपयोग और रिकॉर्ड का रख-रखाव अनिवार्य है।
- दंड:
- उल्लंघन या फंड के दुरुपयोग पर सरकार किसी संगठन का FCRA पंजीकरण निलंबित या रद्द कर सकती है।
- रद्द होने के बाद, संगठन तीन वर्षों तक पुनः पंजीकरण के योग्य नहीं होगा।
FCRA के प्रमुख संशोधन:
- FCRA, 2010:
- 1976 अधिनियम की जगह इसे लागू किया गया।
- उद्देश्य: विदेशी फंड के दुरुपयोग को रोकना और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा।
- FCRA (संशोधन) अधिनियम, 2020:
- अधिकारीयों के लिए आधार अनिवार्य किया गया।
- प्रशासनिक खर्च सीमा घटाई गई।
- फंड ट्रांसफर पर प्रतिबंध लगाया और नामित बैंक खाता अनिवार्य किया।
- FCRA (संशोधन) नियम, 2022: रिश्तेदारों से विदेशी रेमिटेंस की सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख की गई, बिना पूर्व सूचना।
प्रभाव और आलोचना:
- FCRA के सख्त नियमों के कारण हजारों NGO का पंजीकरण रद्द या निलंबित किया गया।
- आलोचक मानते हैं कि ये संशोधन सरकार को अत्यधिक और मनमानी शक्ति देते हैं और NGO की कार्यप्रणाली पर भारी अनुपालन भार डालते हैं।
- सरकार का तर्क: ये नियंत्रण पारदर्शिता बढ़ाने और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।

