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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को पोषण ट्रैकर पहल के लिए ई-गवर्नेंस 2024 (स्वर्ण) का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को 3 सितंबर 2024 को मुंबई में आयोजित एक समारोह में ई-गवर्नेंस 2024 (स्वर्ण) का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार पोषण ट्रैकर पहल को सरकारी प्रक्रिया की पुनर्रचना और डिजिटल बदलाव के लिए दिया गया है। पोषण ट्रैकर, बच्चों के पोषण विकास की वास्तविक समय में निगरानी और मूल्यांकन के साथ बच्चों के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करता है।

  • मिशन पोषण 0 ने 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
  • इस दिशा में मासिक विकास निगरानी पहल – पोषण ट्रैकर ने उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है।
  • पोषण ट्रैकर, जो इस वर्ष के राष्ट्रीय पोषण माह 2024 का मूल विषय (थीम) भी है, लाखों युवाओं के जीवन में सुधार की निगरानी करने और बेहतर पोषण परिणाम प्राप्त करने में सफल रहा है।

पोषण ट्रैकर की शुरुआत

महिला और बाल विकास मंत्रालय ने 1 मार्च 2021 को “पोषण ट्रैकर” की शुरुआत की थी, जो पोषण आपूर्ति समर्थन प्रणालियों को मजबूत बनाने और उनमें पारदर्शिता लाने का काम करता है। इसके तहत प्रौद्योगिकी का उपयोग कर बच्चों में कुपोषण की पहचान और पोषण सेवाओं की निगरानी की जाती है।

ग्रोथ पैटर्न की निगरानी और सुधार:

  • मिशन पोषण 0, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ग्रोथ चार्ट का उपयोग करके बच्चों के विकास के पैटर्न को समयानुसार ट्रैक करने में मदद करता है।
  • ये चार्ट मुख्य मानवशास्त्रीय मापों जैसे ऊंचाई और वजन को दर्शाते हैं, जो बच्चे के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं।
  • आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण की स्थिति का आकलन करने और शुरुआती मदद प्रदान करने में यह चार्ट सहायक साबित होते हैं।

अत्याधुनिक आईसीटी एप्लीकेशन: पोषण ट्रैकर

  • पोषण ट्रैकर एक अत्याधुनिक आईसीटी एप्लीकेशन है, जो समय पर विकास संबंधी मुद्दों की पहचान और ट्रैकिंग को संभव बनाता है।
  • आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) पर उपलब्ध विकास मापक उपकरणों (जीएमडी) की सहायता से सटीक डेटा प्रविष्टि और नियमित निगरानी के साथ, कार्यक्रम ने प्रभावशाली परिणाम प्राप्त किए हैं।

व्यापक पहुंच और प्रभाव:

  • वर्तमान में, मिशन पोषण 0 के तहत 8.9 करोड़ बच्चे (0-6 वर्ष) शामिल हैं, जिनमें से 8.57 करोड़ बच्चों की वृद्धि एक महीने में नियमित मासिक माप के माध्यम से मापी गई है।
  • यह कार्यक्रम की व्यापक पहुंच और प्रभाव को दर्शाता है, जो बच्चों के जीवन में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार की दिशा में मिशन पोषण 2.0:

  • मिशन पोषण 0 स्वास्थ्य समस्याओं की प्रारंभिक पहचान, पोषण मूल्यांकन और विकास से संबंधित मुद्दों की ट्रैंकिंग पर ध्यान केंद्रित करके न केवल स्वास्थ्य परिणामों में सुधार कर रहा है, बल्कि समुदायों को अपने बच्चों की भलाई की जिम्मेदारी लेने के लिए सशक्त भी बना रहा है।
  • यह कार्यक्रम भारत के सबसे युवा नागरिकों के लिए एक स्वस्थ, उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद की किरण बनता जा रहा है।

मिशन पोषण 2.0 की प्रमुख रणनीतियां

मिशन पोषण 2.0 के तहत कई प्रमुख रणनीतियां अपनाई गई हैं, जैसे:

  • सुधारात्मक रणनीतियां: पोषण सम्बंधी अभावों को दूर करने के लिए।
  • पोषण जागरूकता: सतत स्वास्थ्य और आरोग्य के लिए।
  • संचार रणनीतियां: जन जागरूकता और सहभागिता के लिए।
  • हरित ईको-प्रणाली: पर्यावरण के अनुकूल पोषण तंत्र के निर्माण के लिए।

पृष्ठभूमि: जन आंदोलन और पोषण माह:

  • जन आंदोलन के तहत प्रतिवर्ष पोषण माह (1-30 सितंबर) और पोषण पखवाड़ा (मार्च का पखवाड़ा) के रूप में मनाया जाता है।
  • 2018 से अब तक 6-6 पोषण माह और पोषण पखवाड़ा आयोजित किए जा चुके हैं, जिनके माध्यम से विभिन्न विषयों के तहत 100 करोड़ से अधिक पोषण-केंद्रित संवेदीकरण गतिविधियों की सूचना प्रदान की गई है।
  • इस प्रकार, मिशन पोषण 0 बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो भारत के भविष्य को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए कार्यरत है।

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