भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के 1987 बैच के वरिष्ठ अधिकारी संजीव रैना (Sanjeev Raina) को ITBP का अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) नियुक्त किया गया है। संजीव रैना अब भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनात बलों की निगरानी की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह ITBP के इतिहास में इस उच्च पद तक पहुंचने वाले केवल दूसरे अधिकारी हैं, जो भारतीय पुलिस सेवा (IPS) से नहीं हैं।
इस नियुक्ति का महत्व –
- ITBP की स्थापना 1962 में मुख्य रूप से पर्वतीय युद्ध को संभालने और सीमाओं की रक्षा करने के उद्देश्य से की गई थी।
- सामान्यत: ADG का पद IPS अधिकारियों द्वारा ही भरा जाता है, जो अक्सर व्यापक पुलिस पृष्ठभूमि से आते हैं।
- रैना की ADG के पद पर पदोन्नति ITBP के भीतर अधिकारियों के कौशल और विशेषज्ञता को मान्यता देने का प्रतीक है, खासकर उन अधिकारियों के लिए जिन्होंने कई वर्षों तक चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में सीधे काम किया है।
संजीव रैना (Sanjeev Raina) के बारे में –
- संजीव रैना ने ITBP में 1987 में सेवा शुरू की और 30 से अधिक वर्षों तक अपनी सेवाएँ दीं।
- अपने करियर के दौरान, उन्होंने लद्दाख और जम्मू और कश्मीर जैसे संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं।
- उनकी एक प्रमुख उपलब्धि उत्तराखंड के महिदंडा में काउंटर इंसर्जेंसी एंड जंगल वारफेयर (CIJW) स्कूल की स्थापना है, जो ITBP कर्मियों के प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण रहा है, विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में युद्ध तकनीकों के संदर्भ में।
नए ADG के रूप में ज़िम्मेदारी –
- चंडीगढ़ स्थित पश्चिमी कमान के ADG के रूप में, रैना LAC पर तैनात ITBP इकाइयों की देखरेख करेंगे, जिसमें लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
- इसके अलावा, वह पंजाब, दिल्ली और जम्मू और कश्मीर जैसे क्षेत्रों में तैनात इकाइयों की भी निगरानी करेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि बल अपने कर्तव्यों के लिए तैयार और प्रभावी हैं।
- हालाँकि यह नियुक्ति उनके लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, लेकिन इस भूमिका में रैना का समय सीमित रहेगा, क्योंकि वह एक महीने से कुछ अधिक समय में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
- उनके सेवानिवृत्त होने के बाद, महानिरीक्षक (IG) जसपाल सिंह नए ADG के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
भारत–तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के बारे में –
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की स्थापना 24 अक्टूबर 1962 को की गई थी, मुख्य रूप से भारत-तिब्बत सीमा की रक्षा के लिए। इस बल का गठन भारत-चीन युद्ध के दौरान किया गया था, जब देश को हिमालयी सीमा पर सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता महसूस हुई। ITBP का मुख्य उद्देश्य भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की रक्षा करना, कठिन पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में निगरानी करना, और आपदा प्रबंधन के समय में सहायता प्रदान करना है।
- संगठनात्मक ढांचा –
- ITBP गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इस बल की संरचना बटालियनों में विभाजित है, और प्रत्येक बटालियन एक निश्चित क्षेत्र की निगरानी करती है।
- बल में उच्च प्रशिक्षित पर्वतारोही, स्कीयर और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं, जो कठिन परिस्थितियों में प्रभावी ढंग से कार्य करने में सक्षम होते हैं।
- प्रमुख कार्य और जिम्मेदारियाँ –
- सीमा सुरक्षा: ITBP का मुख्य कार्य भारत-चीन सीमा की रक्षा करना है। बल उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा की निगरानी करता है, जो समुद्र तल से 9,000 से 18,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
- आंतरिक सुरक्षा: ITBP आंतरिक सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार है और आतंकवाद, नक्सलवाद, और अन्य सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करती है।
- आपदा प्रबंधन: ITBP राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) का भी हिस्सा है और भूकंप, बाढ़, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय में बचाव और राहत कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- वीआईपी सुरक्षा: ITBP विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के साथ मिलकर वीआईपी सुरक्षा का काम भी करती है।
- प्रशिक्षण और विशेषता
- ITBP के जवानों को कठिन पर्वतीय परिस्थितियों में काम करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
- बल में पर्वतारोहण और स्कीइंग जैसी क्षमताओं का विकास किया जाता है, जिससे जवान हिमालय के चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में अपनी जिम्मेदारियों का कुशलता से निर्वहन कर सकें।
उत्तराखंड के महिदंडा में स्थित काउंटर इंसर्जेंसी एंड जंगल वारफेयर (CIJW) स्कूल ITBP के जवानों को उच्च प्रशिक्षण देने के लिए महत्वपूर्ण केंद्र है।
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