शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अंतर्राष्ट्रीयकरण लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में ब्रिटेन के साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय (UOS) को भारत में अपना पहला कैम्पस स्थापित करने के लिए एक आशय पत्र (LOI) जारी किया गया है।
- नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में ब्रिटेन के साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय (UOS) को यह आशय पत्र सौंपा गया, जिसका शीर्षक था “एनईपी 2020 के तहत शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण: भारत में विदेशी विश्वविद्यालय की स्थापना।”
- ब्रिटेन के साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय को विश्व के शीर्ष 100 उच्च शैक्षणिक संस्थानों में शामिल किया गया है, और इसका भारत में आगमन भारतीय शैक्षिक परिदृश्य को समृद्ध करेगा।
- यह विदेशी विश्वविद्यालयों के भारतीय परिसरों की स्थापना के लिए UCG विनियमों के तहत LOI प्राप्त करने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय होगा।
ब्रिटेन का साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय:
ब्रिटेन का साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय एक प्रतिष्ठित सार्वजनिक शोध विश्वविद्यालय है जो साउथेम्प्टन, इंग्लैंड में स्थित है। यह रसेल समूह का सदस्य है, जो यूके के 24 अग्रणी अनुसंधान-गहन विश्वविद्यालयों का एक समूह है।
विश्वविद्यालय की कुछ प्रमुख विशेषताएं:
- उच्च रैंकिंग: साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय को दुनिया भर में उच्च रैंकिंग प्राप्त है।
- शोध-केंद्रित: विश्वविद्यालय अपने अनुसंधान कार्य के लिए जाना जाता है। यह विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान करता है।
- व्यापक पाठ्यक्रम: विश्वविद्यालय स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
- अत्याधुनिक सुविधाएं: विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं हैं, जिनमें पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, और खेल सुविधाएं शामिल हैं।
- विविध छात्र समुदाय: विश्वविद्यालय में दुनिया भर के छात्र हैं, जो एक समृद्ध और विविध सीखने का वातावरण प्रदान करते हैं।
विश्वस्तरीय स्नातकों को तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम:
- यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन दिल्ली भारत में पहला व्यापक अंतर्राष्ट्रीय कैम्पस होगा।
- यह संस्थान विश्वस्तरीय, कार्य-तैयार स्नातकों को विशेषज्ञ और हस्तांतरणीय कौशल के साथ तैयार करेगा, जो भारत की तेजी से बढ़ती ज्ञान अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा।
वैश्विक पाठ्यक्रम और अध्ययन के अवसरों का विस्तार:
- भारत में यूओएस कैम्पस का निर्माण छात्रों के लिए वैश्विक पाठ्यक्रम और अध्ययन के अवसरों का विस्तार करेगा।
- इसके अलावा, यह अनुसंधान, ज्ञान का आदान-प्रदान, उद्यमिता और जुड़ाव के संदर्भ में भी फायदेमंद होगा।
- इस कैम्पस में व्यवसाय और प्रबंधन, कंप्यूटिंग, कानून, इंजीनियरिंग, कला और डिजाइन, जैव विज्ञान एवं जीवन विज्ञान पर पाठ्यक्रम पेश किए जाएंगे।
- विश्वविद्यालय ने 10 साल की अनुमानित पाठ्यक्रम योजना प्रस्तुत की है, जिसमें पहले तीन वर्षों में निम्नलिखित पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे:
- प्रथम वर्ष: बीएससी कंप्यूटर साइंस, बीएससी बिजनेस मैनेजमेंट, बीएससी अकाउंटिंग और फाइनेंस, बीएससी इकोनॉमिक्स और एमएससी इंटरनेशनल मैनेजमेंट, एमएससी फाइनेंस।
- दूसरे वर्ष: बीएससी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, बीएससी क्रिएटिव कंप्यूटिंग, एमएससी अर्थशास्त्र।
- तीसरे वर्ष: एलएलबी लॉ और बी.इंजी. (मैकेनिकल इंजीनियरिंग)।
NEP 2020 के तहत “घर पर अंतर्राष्ट्रीयकरण” का महत्व:
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को वैश्विक मानकों तक पहुंचाने पर जोर देती है।
- यह नीति “घर पर अंतर्राष्ट्रीयकरण” की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है और भारत को एक वैश्विक अध्ययन गंतव्य के रूप में बढ़ावा देती है, जो सस्ती कीमत पर प्रीमियम शिक्षा प्रदान करती है।
- साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के शाखा परिसर की स्थापना भारत को एक शीर्ष वैश्विक अध्ययन गंतव्य के रूप में मान्यता दिलाएगी और भारत-यूके संबंधों को मजबूत करेगी, जिससे भविष्य के शैक्षिक सहयोग के लिए नए मार्ग खुलेंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020:राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई, 2020 को लागू की गई एक व्यापक नीति है, जिसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली में गहन और व्यापक परिवर्तन करना है। शिक्षा क्षेत्र में इस बड़े सुधार का लक्ष्य भारतीय शिक्षा को अधिक समावेशी, लचीला और भविष्य के लिए उपयुक्त बनाना है। NEP 2020 के मुख्य पहलू:
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