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Union Budget 2024-25

Union Budget

चर्चा में क्यों –

हाल ही में 23 जुलाई 2024 को केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण (Mrs. Nirmala Sitharaman) ने संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25 (Union Budget 2024-25)’ पेश किया।

बजट (Budget) का अर्थ क्या है?

बजट” शब्द अंग्रेजी के शब्द “bowgette” से लिया गया है, जिसकी उत्पत्ति फ्रेंच शब्द “bougette” से हुई है। “bougette” शब्द भी “Bouge” से बना है जिसका अर्थ चमड़े का बैग होता है।

बजट, एक निश्चित अवधि में सरकार की आय और व्यय का लेखा-जोखा होता है अर्थात Budget में यह बताया जाता है कि सरकार के पास रुपया कहां से आया और कहां गया? Budget भाषण में वित्त मंत्री (Finance Minister) पूरे देश को यह बताता है कि पिछले, वर्तमान और अगले वित्त वर्ष में उसको किन-किन श्रोतों से पैसा मिला/मिलेगा और किन-किन मदों पर खर्च किया जायेगा?

भारत का केंद्रीय बजट (Union Budget of India):

  • भारत के संविधान में ‘Budget’ शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, भारत के केंद्रीय Budget को “वार्षिक वित्तीय विवरण” कहा जाता है।
  • भारत का वार्षिक बजट हर साल फरवरी के पहले कार्यदिवस को भारत के वित्त मंत्री द्वारा संसद में प्रस्तुत किया जाता है।
  • पहले इसे फरवरी के आखिरी कार्यदिवस को पेश किया जाता था।
  • हमारे देश में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक वित्त वर्ष माना जाता है। केंद्रीय Budget इसी समय के लिए पेश किया जाता है।

केन्‍द्रीय बजट 2024-25 की मुख्य विशेषताएं (Key highlights of Union Budget 2024-25)- 

  • दो लाख करोड़ रुपये की लागत से पांच योजनाओं और पहलों से संबंधित प्रधानमंत्री का पैकेज अगले 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और अन्य अवसरों की सुविधा देगा।
  • विकसित भारत को साकार करने के लिए बजट में सभी के लिए पर्याप्त अवसरों के सृजन हेतु 9 प्राथमिकताओं के लिए सतत प्रयासों की परिकल्पना की गई है।
  • बजट 2024-25 का रोजगार, कौशल विकास, MSME और मध्यम वर्ग पर विशेष जोर दिया गया हैं।
  • किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 बागवानी फसलों की उच्च-उपज वाली तथा जलवायु-अनुकूल 109 नई किस्में जारी की जाएंगी।
  • अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि की शुरुआत करने के लिए सहायता दी जाएगी।
  • इस वर्ष कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा।
  • सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए पूर्वोदय योजना को अंतिम रूप देगी, जिसमें बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश शामिल हैं।
  • महिला संचालित विकास को बढ़ावा देने से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के लिए बजट में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन का प्रस्ताव दिया गया है, जिनसे महिलाओं और लड़कियों को लाभ होगा।
  • इस वर्ष ग्रामीण अवसंरचना समेत ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • मुद्रा ऋण की सीमा को वर्तमान के 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जाएगा।
  • सरकार अगले 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को 500 शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना का शुभारंभ करेगी।
  • पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत, एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग परिवारों की आवास आवश्यकताओं का समाधान किया जाएगा, इसके लिए 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
  • 25,000 ग्रामीण बस्तियों को सभी मौसमों के उपयुक्त सड़क संपर्क सुविधा प्रदान करने के लिए पीएमजीएसवाई के चरण-IV की शुरुआत की जाएगी।
  • 1,000 करोड़ रुपये की वेंचर कैपिटल निधि के साथ अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का 5 गुना विस्तार करने पर जोर दिया गया हैं।
  • 4 करोड़ वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आयकर में बड़ी राहत दी गई है।
  • नई कर व्यवस्था अपनाने वाले लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 करोड़ रुपये किया गया।
  • पारिवारिक पेंशन पर छूट को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया।
  • नई व्यवस्था के तहत 58 प्रतिशत से अधिक कॉरपोरेट टैक्स प्राप्तियां संग्रहित की गई।
  • व्यक्तिगत करदाताओं में से दो तिहाई करदाताओं ने नई आयकर व्यवस्था को अपनाया।
  • स्टार्टअप और निवेश को बढ़ावा देने के क्रम में सभी श्रेणियों के निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त किया गया।
  • निवेश आकर्षित करने के लिए विदेशी कंपनियों पर लगने वाले टैक्स को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत किया गया।
  • कई तरह के भुगतानों पर लगने वाले 5 प्रतिशत टीडीएस का विलय 2 प्रतिशत टीडीएस में किया गया।
  • निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए पूंजीगत लाभ पर छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये प्रतिवर्ष किया गया।
  • एक्स-रे पैनल, मोबाइल फोन तथा पीसीबीए पर सीमा शुल्क को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया।
  • सोना और चांदी जैसी कीमती धातुएं सस्ती होंगी, सीमा शुल्क घटाकर 6 प्रतिशत किया गया।

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