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भारत की विनिर्माण गति (India Manufacturing Momentum) | UPSC Preparation

भारत की विनिर्माण गति 2025 (India Manufacturing Momentum)

India Manufacturing Momentum

संदर्भ

जुलाई 2025 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में उल्लेखनीय वृद्धि (भारत की विनिर्माण गति 2025) दर्ज की गई। कुल वृद्धि 3.5% रही, जबकि विनिर्माण क्षेत्र में साल-दर-साल 5.4% की तेज़ वृद्धि देखने को मिली। यह उछाल मुख्य रूप से बढ़ती मांग और बेहतर क्षमता उपयोग को दर्शाता है।

 


भारत के निर्माण क्षेत्र की गति

औद्योगिक उत्पादन (IIP Growth)

  • जुलाई 2025 में IIP में 3.5% वृद्धि (भारत की विनिर्माण गति 2025), जून में केवल 1.5%।

  • विनिर्माण ग्रोथ 5.4% रही: यह मांग में पुनरुत्थान का संकेत है।

निर्यात प्रदर्शन (Export Performance)

  • अप्रैल–अगस्त 2025 में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स में 2.52% वार्षिक वृद्धि (भारत की विनिर्माण गति 2025)।

  • कुल निर्यात: US$ 184.13 बिलियन

  • प्रमुख क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और ऑटोमोबाइल्स शामिल।

रोजगार (Employment Gains)

  • बेरोजगारी दर 5.0% तक कम हुई।

  • पुरुषों में बेरोजगारी 5-माह के निचले स्तर पर।

  • महिला कार्यबल भागीदारी 32% तक पहुँची, जो समावेशी रोजगार का संकेत है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI Flows)

  • FY25 में कुल FDI प्रवाह US$ 81.04 बिलियन (+14% YoY)।

  • मैन्युफैक्चरिंग FDI 18% बढ़कर US$ 19.04 बिलियन


निर्माण क्षेत्र के प्रेरक कारक

PLI योजना

  • ₹1.97 लाख करोड़ की योजना, 14 सेक्टर्स में लागू।

  • उत्पादन बढ़ाने, निर्यात को प्रोत्साहित करने और वैश्विक OEMs को आकर्षित करने में मदद।

राष्ट्रीय निर्माण मिशन

  • विभिन्न मंत्रालयों का समन्वय।

  • क्लीन-टेक मैन्युफैक्चरिंग पर विशेष फोकस: सौर ऊर्जा, ईवी बैटरी और ग्रीन हाइड्रोजन।

आधारभूत संरचना सुधार

  • PM GatiShakti और Industrial Corridors

  • लॉजिस्टिक्स लागत कम और कनेक्टिविटी बेहतर।

GST 2.0 सुधार

  • दो-स्तरीय GST व्यवस्था।

  • दरों का तर्कसंगतकरण और तेज़ रिफंड।

  • अनुपालन लागत में कमी, घरेलू मांग को बढ़ावा।

इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल क्रांति

  • मोबाइल निर्माण इकाइयों में 150x वृद्धि (2 से 300 तक)।

  • निर्यात ₹2 लाख करोड़ पार।

  • आयात पर निर्भरता में उल्लेखनीय कमी।


भारत के विनिर्माण क्षेत्र का महत्व

  • वैश्विक निवेश आकर्षण: सुधारों और स्थिर नीतिगत माहौल के कारण भारत शीर्ष निवेश गंतव्य बना।

  • निवेश प्रवाह में अग्रणी राज्य: महाराष्ट्र (39%) ने सबसे अधिक निवेश आकर्षित किया, इसके बाद कर्नाटक और दिल्ली।

  • मुख्य FDI स्रोत: सिंगापुर, मॉरीशस और अमेरिका।

  • आर्थिक विकास का इंजन: घरेलू मांग और वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की भूमिका मजबूत।

  • रोज़गार सृजन: अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध।

  • कार्यबल भागीदारी में वृद्धि: हालिया आँकड़े दर्शाते हैं कि भागीदारी दर 2% बढ़ी।

  • बेरोजगारी में कमी: यह व्यापक और समावेशी रोजगार वृद्धि का संकेत है।


UPSC परीक्षा के लिए प्रमुख बिंदु (भारत की विनिर्माण गति 2025)

  • IIP और मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ डेटा।

  • निर्यात प्रदर्शन और FDI प्रवाह।

  • PLI योजना और राष्ट्रीय निर्माण मिशन।

  • रोजगार, बेरोजगारी दर और महिला भागीदारी।

  • आधारभूत संरचना और कर सुधार।

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