New Defence MRO Centre for C-130J Super Hercules in India
संदर्भ:
भारत ने सैन्य विमानन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बेंगलुरु में C-130J सुपर हरक्युलिस विमान के लिए नया मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल (MRO) केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो आने वाले समय में भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता को दीर्घकालिक रूप से सुदृढ़ करेगी।
परियोजना की पृष्ठभूमि:
- 8 दिसंबर 2025 को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और लॉकहीड मार्टिन ने इस MRO केंद्र की आधारशिला रखी। यह सहयोग भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के गहराते स्वरूप को दर्शाता है और तकनीकी हस्तांतरण व स्थानीय उत्पादन की भारत की नीति को मजबूत करता है।
- परियोजना का निर्माण 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है तथा प्रारंभिक 2027 में पहला C-130J विमान MRO कार्यों हेतु इस सुविधा में पहुंच जाएगा।
C-130J सुपर हरक्युलिस:
-
C-130J सुपर हरक्युलिस चार-इंजन वाला बहु-भूमिका सैन्य परिवहन विमान है, जिसे लॉकहीड मार्टिन ने विकसित किया है। यह C-130 परिवार का सबसे उन्नत संस्करण है तथा डिजिटल ग्लास कॉकपिट, उन्नत नेविगेशन, और Rolls-Royce AE 2100D3 इंजन इसकी मुख्य विशेषताएँ हैं।
C-130J सुपर हरक्युलिस की विशेषताएं:
-
सामरिक वायु परिवहन: विमान सैनिकों, भारी हथियारों, हेलीकॉप्टरों और मानवतावादी राहत सामग्री के परिवहन में अत्यंत सक्षम है। C-130J-30 संस्करण तकरीबन 128 सैनिकों को ले जा सकता है।
-
विशेष अभियान कार्य: MC-130J कमांडो II जैसे संस्करण गुप्त अभियानों, कम ऊँचाई वाली उड़ानों और हाई-रिस्क क्षेत्रों में लॉजिस्टिक समर्थन प्रदान करते हैं।
-
हवा में ईंधन भरना: KC-130J संस्करण लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और टिल्ट-रोटर विमानों को हवा में ही ईंधन भर सकता है, जो मिशन विस्तार क्षमता को कई गुना बढ़ाता है।
-
- इंजन और क्षमता: यह चार रोल्स रॉयस AE 2100D3 टर्बोप्रॉप इंजन द्वारा संचालित किया जाता है। जिसमें प्रत्येक पायलट के लिए हेड-अप डिस्प्ले (HUD) सहित डिजिटल एवियोनिक्स उपलब्ध है। बिना पेलोड के इसकी रेंज: 6,852 किमी और 20+ घंटे की उड़ान क्षमता पाई जाती है। यह बिना तैयार रनवे से छोटी उड़ान भरने और उतरने में भी सक्षम है ।
-
अन्य विशेष भूमिकाएँ: खोज और बचाव मिशन (SAR), चिकित्सीय निकासी (Medevac), हवाई अग्निशमन, मौसम विज्ञान मिशन (WC-130J), AC-130J गनशिप द्वारा जमीनी हमले करने में यह सहायक है।
-
वैश्विक स्वीकृति: C-130J 23 देशों की वायु सेनाओं द्वारा संचालित है। वैश्विक बेड़े ने 30 लाख से अधिक उड़ान घंटे पूरे किए हैं। यह दुनिया के सबसे विश्वसनीय सामरिक परिवहन विमानों में से एक है।
भारत में MRO केंद्र का महत्व:
-
आत्मनिर्भरता और लागत में कमी: MRO केंद्र के स्थापित होने से भारत को विदेशी MRO पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इससे मरम्मत लागत में कमी, समय की बचत, और लॉजिस्टिक लचीलापन बढ़ेगा।
-
स्थानीय कौशल विकास: परियोजना से भारत में उन्नत एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, तकनीकी प्रशिक्षण, और उच्च कौशल रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
-
सामरिक बढ़त: रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समय में तेज MRO क्षमता भारतीय वायुसेना की विशेषकर हिमालयी व समुद्री सीमाओं पर परिचालन तत्परता को सुनिश्चित करेगी।
-
भारतीय वायुसेना का अनुभव: भारत 2011 से C-130J का उपयोग कर रहा है। यह विमान आपदा राहत, सीमावर्ती क्षेत्रों में त्वरित सैनिक तैनाती, विशेष अभियान मिशनों में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हुआ है।

