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जैविक हथियार सम्मेलन के 50 वर्ष (50 years of the Biological Weapons Convention) | UPSC Preparation

50 years of the Biological Weapons Convention

50 years of the Biological Weapons Convention

संदर्भ:

भारत ने जैविक हथियार सम्मेलन (BWC) के लागू होने की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में नई दिल्ली में ‘जैविक हथियार सम्मेलन (BWC) के 50 वर्ष: वैश्विक दक्षिण के लिए जैव सुरक्षा को मजबूत करना’ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की।

 जैविक हथियार सम्मेलन (BWC) क्या हैं?

  • परिचय: जैविक हथियार सम्मेलन (BWC), जिसे Biological and Toxin Weapons Convention (BTWC) भी कहा जाता है, एक बहुपक्षीय विस्फोटक हथियार निषेध संधि है। इसका उद्देश्य जैविक और विषाणु हथियारों के विकास, उत्पादन, अधिग्रहण, हस्तांतरण, भंडारण और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना है। 
  • गठन: इसे 10 अप्रैल 1972 को लंदन, मॉस्को और वॉशिंगटन डी.सी. में हस्ताक्षरित किया गया और 26 मार्च 1975 को लागू किया गया। यह संधि अनिश्चित काल तक प्रभावी है और अब तक 189 देशों ने इसे अपनाया है।
  • शर्त: BWC दुनिया की पहली बहुपक्षीय निरस्त्रीकरण संधि थी जिसने सम्पूर्ण हथियारों की एक श्रेणी को निषिद्ध किया। इसके तहत जैविक हथियारों का उपयोग मानवता के लिए अस्वीकार्य माना गया। इसमें कोई भी राज्य जैविक हथियार नहीं रख सकता और न ही उनके उपयोग का औचित्य सिद्ध कर सकता है।

जैविक हथियार निषेध संधि के मुख्य प्रावधान:

  • Article I: किसी भी परिस्थितियों में जैविक एजेंट या विषाणु हथियारों का विकास, उत्पादन, भंडारण या अधिग्रहण करना निषिद्ध है। यह प्रावधान “General-Purpose Criterion” के सिद्धांत पर आधारित है, जो सभी प्रकार के शत्रुतापूर्ण प्रयोगों को प्रतिबंधित करता है।
  • Article III: किसी अन्य व्यक्ति, संगठन या सरकार को जैविक हथियार बनाने या रखने में सहायता, प्रोत्साहन या प्रेषण करना निषिद्ध है। यह हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • Article IV: प्रत्येक राज्य पार्टी को अपने राष्ट्रीय कानूनों और नियमों के माध्यम से BWC के प्रावधानों को लागू करना आवश्यक है। यह अनुपालन सुनिश्चित करने और जैविक हथियारों के दुरुपयोग को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • Article V: राज्यों को किसी भी विवाद या समस्या के समाधान के लिए दो-पक्षीय और बहुपक्षीय परामर्श और सहयोग करना चाहिए।
  • Article VI: यदि किसी राज्य को संधि का उल्लंघन संदेहास्पद लगे तो वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत दर्ज कर सकता है।
  • Article VII: BWC उल्लंघन के कारण किसी राज्य को खतरा होने पर अन्य राज्यों को सहायता प्रदान करना आवश्यक है। यह आतंकवाद या जैविक हमलों की रोकथाम में सहयोग सुनिश्चित करता है।
  • Article X: सभी राज्य पार्टी को शांति के लिए जैविक सामग्री, तकनीक और जानकारी का आदान-प्रदान करने का अधिकार है। यह अनुसंधान और विकास के लिए वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देता है।

BWC का महत्व:

  • वैश्विक जैव-हथियार निषेध: BWC दुनिया का पहला बहुपक्षीय निषेध-संधि है जिसने पूरी श्रेणी के जैविक हथियारों पर प्रतिबंध लगाया। यह संधि मानवता को हथियारों से बचाने की आधारशिला है।
  • विकासशील देशों के लिए सुरक्षा ढांचा: BWC विशेष रूप से Global South देशों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उनके पास जैविक खतरों से निपटने के लिए सीमित संसाधन होते हैं। संधि इन्हें सहयोग, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण से मजबूत बनाती है।
  • बायोटेक्नोलॉजी का सुरक्षित उपयोग: BWC यह सुनिश्चित करती है कि DNA editing, synthetic biology और biotech innovations का उपयोग केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हो। इससे शोध और उद्योग में जिम्मेदार नवाचार (Responsible Innovation) को बढ़ावा मिलता है।
  • जैव-आतंकवाद से वैश्विक सुरक्षा: BWC देशों को कानूनी ढांचा, राष्ट्रीय उपाय, और आपसी सहायता प्रदान करती है। इससे किसी भी गैर-राज्य अभिनेता या समूह के लिए जैविक हथियार विकसित करना बेहद कठिन हो जाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: BWC देशों के बीच सूचना-साझेदारी, आपातकालीन सहायता, और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देती है। इससे वैश्विक स्तर पर विश्वास बढ़ता है।

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