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इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना के तहत 7 परियोजनाओं को मंजूरी (7 Projects Approved Under Electronics Component Manufacturing Scheme) | UPSC Preparation

7 Projects Approved Under Electronics Component Manufacturing Scheme

7 Projects Approved Under Electronics Component Manufacturing Scheme

संदर्भ:

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) के तहत कुल ₹5,532 करोड़ की लागत वाले 7 परियोजनाओं की घोषणा की है। इनमें से 5 परियोजनाएं तमिलनाडु, जबकि एक-एक मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में स्थापित की जाएंगी। यह पहल देश में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा देने और सप्लाई चेन को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत में इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट निर्माण परियोजनाएँ:

  1. उत्पादन और निवेश:
  • इन परियोजनाओं से 36,559 करोड़ रुपये मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट्स का उत्पादन होगा।
  • इससे 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
  1. स्वीकृत परियोजनाओं के क्षेत्र:
  • परियोजनाएँ निम्न क्षेत्रों में स्वीकृत हुई हैं:
    • मल्टी-लेयर PCB (Printed Circuit Boards)
    • HDI PCB
    • कैमरा मॉड्यूल सब-असेंबलीज़
    • लैमिनेट्स
    • पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म
  • यह पहल भारत की कोर इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट्स में आत्मनिर्भरता (self-reliance) को मजबूत करेगी।
  1. मंत्री का बयान:
  • केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 7 नए इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट निर्माण संयंत्रों को मंजूरी दी गई है।
  • ये संयंत्र घरेलू मांग (domestic demand) को पूरा करेंगे।
  1. संयंत्रों का स्थान:
  • ये संयंत्र तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे।
  • इससे क्षेत्रीय विनिर्माण क्षमता और संतुलित औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) के बारे में:

  1. योजना का परिचय:
  • अप्रैल 2025 में अधिसूचित की गई।
  • कुल बजट आवंटन — ₹22,919 करोड़।
  • योजना की अवधि — 6 वर्ष (वित्त वर्ष 2025–26 से 2031–32 तक)।
  1. प्रोत्साहन और निवेश:
  • ग्रीनफील्ड (नए) और ब्राउनफील्ड (मौजूदा) दोनों प्रकार के निवेशों को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • प्रोत्साहन “पहले आओ, पहले पाओ” (First-Come, First-Served) के आधार पर दिए जाएंगे।
  1. उद्देश्य (Objectives):
  • भारत में मजबूत इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) का निर्माण।
  • वैश्विक मूल्य श्रृंखला (Global Value Chain) में भारत का बेहतर एकीकरण।
  • आयात पर निर्भरता कम करना, घरेलू उत्पादन और निर्यात क्षमता बढ़ाना।

भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की वर्तमान स्थिति:

  1. निर्यात प्रदर्शन (Export Performance):
  • 2024–25 में इलेक्ट्रॉनिक्स भारत की तीसरी सबसे बड़ी और सबसे तेज़ी से बढ़ती निर्यात श्रेणी बन गई।
  • यह 2021–22 में सातवें स्थान से ऊपर आकर तीसरे स्थान पर पहुँची।
  • क्षेत्र का योगदान भारत के GDP में लगभग 3.4% है।
  1. हालिया आंकड़े (Recent Data):
  • 2025–26 की पहली छमाहीमें इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात2 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचा।
  • निर्यात में मजबूत वृद्धि दर से क्षेत्रभारत की दूसरी सबसे बड़ी निर्यात श्रेणी बनने की दिशा में है।
  1. मोबाइल निर्माण की भूमिका:
  • मोबाइल उत्पादन में28 गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
  • भारत अबदुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता देश बन गया है।

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