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प्रोजेक्ट चीता के अंतर्गत बोत्सवाना से 8 चीता आने की तैयारी (8 cheetahs are set to arrive from Botswana) | Apni Pathshala

8 cheetahs are set to arrive from Botswana

8 cheetahs are set to arrive from Botswana

संदर्भ:

भारत ने विलुप्त हो चुके चीते को पुनः स्थापित करने के लक्ष्य को नई गति देते हुए प्रोजेक्ट चीता के तहत बोत्सवाना से 8 नए चीते लाने की घोषणा की है। यह निर्णय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की बोत्सवाना यात्रा के दौरान हुआ, जो दोनों देशों के बीच वन्यजीव संरक्षण और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करता हैं।

प्रोजेक्ट चीता की अवधारणा: राष्ट्रीय पुनर्स्थापन मिशन:

भारत ने 2022 में प्रोजेक्ट चीता की शुरुआत देश में 70 वर्षों बाद चीते की पुनर्वापसी के लिए की। यह विश्व का पहला अंतरमहाद्वीपीय बड़े मांसाहारी का स्थानांतरण कार्यक्रम है, जो चीता संरक्षण एक्शन प्लान पर आधारित है। इसका प्राथमिक उद्देश्य सुरक्षित वासस्थलों में प्रजननशील आबादी विकसित करना और खोए हुए सवाना एवं खुले वन पारिस्थितिक तंत्रों को बहाल करना है।

संस्थागत ढाँचा और संचालन प्रणाली:

इस परियोजना का नेतृत्व नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) कर रही है, जो पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत एक सांविधिक निकाय है।
NTCA ने 2023 में चीता प्रोजेक्ट स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया, जो निगरानी, मूल्यांकन, नीति सलाह और तकनीकी मार्गदर्शन का कार्य करती है। इस कार्यान्वयन में मध्य प्रदेश वन विभाग और वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) भी प्रमुख भागीदार हैं।

अब तक की उपलब्धियाँ:

  • नामीबिया के 8 और दक्षिण अफ्रीका के 12 चीते को सफलतापूर्वक कूनो नेशनल पार्क में बसाया जा चुका है।
  • 350 से अधिक “चीता मित्र” स्थानीय समुदायों से जोड़े गए, जो जागरूकता, निगरानी और मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने में मदद करते हैं।
  • लगभग तीन वर्ष में भारत ने चीता व्यवहार, अनुकूलन और प्रजनन विज्ञान पर मूल्यवान डेटा तैयार किया है।
  • वर्तमान में भारत में कुल 27 चीते हैं, जिनमें से 16 चीतों का जन्म भारत में हीं हुआ है।

भविष्य की योजना:

भारत अब दूसरे चरण में अधिक विविध जीन पूल के लिए बोत्सवाना और केन्या जैसे देशों से चीते लाने पर कार्य कर रहा है। आने वाले चीते कूनो नेशनल पार्क और गांधी सागर अभयारण्य में बसाए जाएंगे। यह विस्तार लंबे समय में मेटा-पॉपुलेशन मॉडल विकसित करने के लिए आवश्यक है।

चीते की प्रमुख विशेषताएँ:

  • ये दुनिया का सबसे तेज़ स्थलीय प्राणी (120 किमी/घंटा) है।
  • ये गरजते नहीं है, बल्कि चिरप, स्टटर-बार्क, और हल्की ध्वनियां उत्पन्न करते हैं।
  • चीते अकेले रहते हैं और मूत्र-छिड़काव, गाल रगड़ने के माध्यम से अपने क्षेत्र को चिन्हित करते हैं।
  • चीते वर्षभर प्रजनन कर सकते हैं, पर वर्षा ऋतु में शिखर समय होता है। इनमें मादा 20–24 महीनों में और नर 24–30 महीनों में परिपक्व होते हैं।
  • मादा में लगभग 90–95 दिन का गर्भकाल होता है और सामान्यतः 3–5 शावक जन्म लेते हैं।

संरक्षण स्थिति:

  • IUCN रेड लिस्ट – Vulnerable
  • भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 – अनुसूची II
  • CITES – Appendix I (अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर सर्वोच्च प्रतिबंध)

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