8th Central Pay Commission
संदर्भ:
केंद्र सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission – CPC) के गठन को मंजूरी दे दी है। यह नया आयोग सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन ढांचे (salary structure) और भत्तों की समीक्षा करेगा। इसकी जानकारी वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब के माध्यम से दी। अब यह आयोग भविष्य की वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता समायोजन और भत्तों की संरचना पर विस्तृत सिफारिशें देगा।
8वां केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission): 2026 से लागू होने की संभावना–
गठन की प्रक्रिया शुरू:
- केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th CPC) के गठन का निर्णय लिया है।
- इसके लिए रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) और विभिन्न राज्यों सहित प्रमुख स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे गए हैं।
- आयोग के गठन के बाद इसके चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी।
सिफारिशों की प्रक्रिया:
- आयोग पहले विस्तृत अध्ययन और सुझावों के आधार पर सिफारिशें तैयार करेगा।
- फिर सरकार की स्वीकृति के बाद ही उन्हें लागू किया जाएगा।
- फिलहाल आयोग की ओर से कोई सिफारिश पेश नहीं की गई है।
संभावित क्रियान्वयन:
- पूर्व वेतन आयोगों (जैसे 6वें और 7वें) की टाइमलाइन को देखते हुए अनुमान है कि: 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो सकती हैं
8वां केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) –
पृष्ठभूमि और गठन:
- घोषणा: जनवरी 2025 में भारत सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया गया।
- आवृत्ति: प्रत्येक 10 वर्षों में गठित किया जाता है।
- उद्देश्य: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन संरचना में सुधार करना।
उद्देश्य और दायरा:
- संवैधानिक स्थिति: एक प्रस्तावित संवैधानिक निकाय के रूप में कार्य करेगा।
- मुख्य कार्य:
- महंगाई, आर्थिक वृद्धि, और कार्यभार के अनुसार वेतन समायोजन।
- फिटमेंट फैक्टर की समीक्षा।
- सरकारी और निजी क्षेत्र के वेतनमान की तुलनात्मक समीक्षा।
- जीवनयापन लागत के आधार पर वेतन निर्धारण (Aykroyd Formula आधारित)।
संभावित क्रियान्वयन और सिफारिशें:
- लागू होने की संभावित तिथि: 1 जनवरी 2026।
- फिटमेंट फैक्टर: 1.92 से बढ़ाकर 2.86 किए जाने की संभावना।
- संभावित वेतन वृद्धि: 40%–50% तक।
- न्यूनतम वेतन: ₹51,480
- न्यूनतम पेंशन: ₹25,740
आयोग की व्यापक भूमिका:
- केवल वेतन वृद्धि नहीं, बल्कि:
- महंगाई समायोजन व्यवस्था में सुधार।
- निजी क्षेत्र से तुल्यता स्थापित करना।
- कर्मचारियों की संतुष्टि और कार्यदशाओं का मूल्यांकन।
- राजस्व भत्तों एवं कठिन जलवायु/भौगोलिक क्षेत्रों के लिए विशेष भत्तों पर पुनर्विचार।
प्रमुख प्रभावित क्षेत्र:
- लाभार्थी कर्मचारी: केंद्र सरकार के 50 लाख+ कर्मचारी और पेंशनभोगी।
- प्रभावित संस्थान:
- NTPC, ONGC जैसी महारत्न–नवरत्न PSUs।
- ISRO, BARC, DRDO, रेलवे, आदि के वैज्ञानिक एवं अभियंता।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं।
- सैन्य और अर्धसैनिक बलों के कार्मिक।
निष्कर्ष: आठवें वेतन आयोग को लेकर सरकार की ओर से संकेत साफ हैं कि प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है। वित्त मंत्रालय ने मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकारों से सुझाव मंगवाने की पहल की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इसे लागू करने की दिशा में गंभीर है।
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