हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने भारतीय वायु सेना (IAF) के SU-30 MKI विमानों के लिए हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 240 एयरो-इंजन (Aero-Engine) की खरीद को मंजूरी दी।
- इन इंजनों की कुल लागत सभी करों और शुल्कों सहित 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक होगी।
- इन एयरो-इंजनों की आपूर्ति एक साल बाद शुरू होगी और इसे आठ साल की अवधि के भीतर पूरा किया जाएगा।
- ये इंजन 54 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री से बने हैं और इनके कई प्रमुख घटक देश में ही निर्मित किए गए हैं।
- इनका निर्माण हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के कोरापुट प्रभाग में किया जाएगा।
- SU-30 MKI भारतीय वायु सेना के बेड़े के सबसे शक्तिशाली और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण विमानों में से एक है।
- हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा इन एयरो-इंजनों की आपूर्ति भारतीय वायुसेना की प्रमुख आवश्यकताओं को पूरा करेगी, जिससे देश की रक्षा तैयारियों को सुदृढ़ और निरंतर बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- SU-30 MKI: भारतीय वायु सेना (IAF) द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक मल्टी-रोल और बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है। इसे रूस की सुखोई कंपनी द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है, और भारत में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा असेंबल किया जाता है।
एयरो-इंजन (Aero-Engine):एयरो-इंजन एक जटिल मशीन है जो विमानों को उड़ान भरने में सक्षम बनाती है। यह इंजन वायु को अंदर खींचता है, संकुचित करता है, ईंधन के साथ मिलाता है और फिर इसे जलाता है। इस प्रक्रिया से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा विमान को आगे बढ़ने के लिए आवश्यक प्रणोदन (thrust) प्रदान करती है। एयरो-इंजन (Aero-Engine) कैसे काम करता है?1. वायु का सेवन (Air Intake): इंजन के सामने का बड़ा भाग वायु को अंदर खींचता है। 2. संपीड़न (Compression): एक शक्तिशाली कंप्रेसर वायु को संकुचित करता है, जिससे इसका तापमान बढ़ जाता है। 3. दहन (Combustion): संकुचित वायु में ईंधन इंजेक्ट किया जाता है और मिश्रण को जलाया जाता है। यह प्रक्रिया उच्च तापमान और दबाव वाली गैस उत्पन्न करती है। 4. विस्तार (Expansion): गर्म गैसें एक टर्बाइन से गुजरती हैं, जिससे टर्बाइन घूमने लगता है। टर्बाइन कंप्रेसर को चलाने के लिए आवश्यक शक्ति प्रदान करता है। 5. नोज़ल (Nozzle): विस्तारित गैसें एक नोजल से होकर गुजरती हैं, जिससे वे उच्च गति से पीछे की ओर निकलती हैं। यह प्रक्रिया विमान को आगे की ओर धकेलती है। |
भारतीय वायु सेना के बारे में :
- भारतीय वायु सेना (IAF) भारत की तीनों सेनाओं में से एक महत्वपूर्ण शाखा है, जिसे 8 अक्टूबर 1932 को स्थापित किया गया था।
- भारतीय वायु सेना का मुख्य उद्देश्य देश की वायु सीमाओं की रक्षा करना और किसी भी आक्रमण से देश को सुरक्षित रखना है।
- इसके अलावा, आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करना, प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत पहुंचाना, और युद्ध के समय हवाई समर्थन देना भी वायु सेना की प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल है।
भारतीय वायु सेना की संरचना:
- वायु सेना मुख्यालय (AFHQ): भारतीय वायु सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- भारतीय वायु सेना के प्रमुख, जिन्हें एयर चीफ मार्शल कहा जाता है, वायु सेना की सभी परिचालन कमानों की जिम्मेदारी निभाते हैं। वे वायु सेना की रणनीतिक और प्रशासनिक कार्यों के सर्वोच्च अधिकारी होते हैं, और देश की वायु सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।
- वर्तमान में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी हैं।
- कमांड्स: भारतीय वायु सेना के कार्यों को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए इसे सात प्रमुख कमांड्स में विभाजित किया गया है:
- पूर्वी वायु कमान, मुख्यालय: शिलांग
- दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान, मुख्यालय: गांधीनगर
- दक्षिणी वायु कमान, मुख्यालय: तिरुवनंतपुरम
- पश्चिमी वायु कमान, मुख्यालय: नई दिल्ली
- मध्य वायु कमान, मुख्यालय: इलाहाबाद
- रखरखाव कमान, मुख्यालय: नागपुर
- प्रशिक्षण कमान, मुख्यालय: बैंगलोर
भारतीय वायु सेना के प्रमुख विमान और हेलीकॉप्टर:
- लड़ाकू विमान: सुखोई एसयू-30 एमकेआई, मिराज 2000, मिग-29, राफेल
- हमला करने वाले विमान: जगुआर, मिग-27
- परिवहन विमान: सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, सी-17 ग्लोबमास्टर III, एएन-32
- हेलीकॉप्टर: अपाचे, चिनूक, ध्रुव, मि-17 वी5
उपलब्धियां:
- भारतीय वायु सेना ने कई ऐतिहासिक अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे कि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध, कारगिल युद्ध, और ऑपरेशन मेघदूत।
- IAF ने आपदा राहत कार्यों में भी बड़ी सफलता हासिल की है, जैसे कि 2004 की सुनामी, 2013 का उत्तराखंड बाढ़ और 2020 का कोविड-19 महामारी के दौरान सहायता पहुंचाना।
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बारे में
हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारत का एक प्रमुख सरकारी स्वामित्व वाला विमानन उद्यम है। यह भारत में सैन्य और नागरिक दोनों तरह के विमानों का डिजाइन, विकास, निर्माण और मरम्मत करता है। हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को भारत की रक्षा और विमानन उद्योग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है।
हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) का इतिहास:
- हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की स्थापना 1940 में हुई थी।
- तब से लेकर अब तक, इसने भारतीय वायु सेना, नौसेना और सेना को कई तरह के विमान और हेलिकॉप्टर प्रदान किए हैं।
- हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने भारतीय विमानन उद्योग में स्वदेशी तकनीक और उत्पादन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के उत्पाद:
हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित कुछ प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं:
- लड़ाकू विमान: मिग-21, मिग-27, सुखोई-30एमकेआई
- हेलिकॉप्टर: ध्रुव, अलौट, एलएच
- प्रशिक्षण विमान: एचजे-16, डोर्नियर-228
- अन्य: ड्रोन, मिसाइलें
हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की भूमिका:
- रक्षा क्षमता: हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
- रोजगार: हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) देश में हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
- प्रौद्योगिकी विकास: हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) स्वदेशी तकनीक के विकास और उत्पादन को बढ़ावा देता है।
- आत्मनिर्भरता: हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारत को विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करता है।
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