भारत के स्वास्थ्य आयाम (अवसंरचना और मानव संसाधन) 2022-23:
स्वास्थ्य मंत्रालय ने “भारत के स्वास्थ्य आयाम (अवसंरचना और मानव संसाधन) 2022-23” नामक वार्षिक प्रकाशन जारी किया। यह दस्तावेज, जिसे पहले “ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी” के रूप में जाना जाता था, 1992 से प्रकाशित हो रहा है।
एनएचएम के अंतर्गत महत्वपूर्ण दस्तावेज:
इस प्रकाशन को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के विभिन्न आयामों पर विश्वसनीय और प्रामाणिक जानकारी का स्रोत माना जाता है। श्री चंद्रा ने बताया कि यह दस्तावेज राज्यों में जनशक्ति और अवसंरचना की उपलब्धता और कमियों का क्षेत्र-आधारित विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जो नीति निर्माण और सुधार प्रक्रियाओं के लिए अहम है।
स्वास्थ्य पोर्टल्स का एकीकरण:
- स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS) पोर्टल को प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (RCH) तथा अन्य मंत्रालयिक पोर्टलों के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- इसका उद्देश्य स्वास्थ्य कर्मियों के कार्यभार को कम करना और समय पर डेटा अपलोडिंग एवं विश्लेषण सुनिश्चित करना है।
प्रकाशन की पृष्ठभूमि:
1992 से प्रकाशित, यह दस्तावेज प्रत्येक वर्ष के अंत तक स्वास्थ्य अवसंरचना और मानव संसाधनों का विस्तृत डेटा प्रदान करता है। यह डेटा स्वास्थ्य सेवा योजनाओं, प्रबंधन और निगरानी में सहायक होता है। प्रकाशन ग्रामीण, शहरी और आदिवासी क्षेत्रों की कमियों का पता लगाने के लिए एक अहम साधन है।
प्रकाशन की संरचना:
प्रकाशन के दो मुख्य भाग हैं:
- राज्यों की प्रोफाइल और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली का समग्र दृश्य: मानचित्रों और चार्ट्स के साथ जानकारी प्रस्तुत करता है।
- विस्तृत डेटा: नौ खंडों में विभाजित यह भाग स्वास्थ्य सुविधाओं, जनशक्ति और जनसांख्यिकीय संकेतकों पर गहन जानकारी प्रदान करता है।
स्वास्थ्य सेवा की स्थिति:
31 मार्च, 2023 तक देश में कुल 1,69,615 उप-केंद्र (SC), 31,882 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), 6,359 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), 1,340 उप-मंडल/जिला अस्पताल (SDH), 714 जिला अस्पताल (DH), और 362 मेडिकल कॉलेज (MC) हैं।
इन स्वास्थ्य सुविधाओं का संचालन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, डॉक्टरों, विशेषज्ञों, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा किया जाता है।
प्रकाशन की प्रमुख विशेषताएं:
- तुलनात्मक विश्लेषण: 2005 और 2023 के बीच स्वास्थ्य अवसंरचना और जनशक्ति की प्रगति और अंतराल को उजागर करता है।
- जिला-स्तरीय डेटा: सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का जिलेवार विवरण प्रदान करता है।
- क्षेत्रीय विश्लेषण: ग्रामीण, शहरी और आदिवासी क्षेत्रों में अवसंरचना और जनशक्ति का विवरण।
- प्रमुख स्वास्थ्य सूचकांक: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्वास्थ्य देखभाल प्रदर्शन के आधार पर वर्गीकृत करता है।
नीति निर्धारण में मददगार दस्तावेज:
यह दस्तावेज नीति निर्माताओं को स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर योजना और वितरण के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करता है। इसका डेटा विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यकताओं की पहचान करने और संसाधनों को सही ढंग से आवंटित करने में सहायक होता है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए मार्गदर्शक:
“भारत के स्वास्थ्य आयाम” प्रकाशन स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और मजबूत बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे देश की जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहतर नीतियाँ बनाई जा सकें।
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