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प्रोजेक्ट चीता, जो भारत में जंगली चीता की अफ्रीकी उप-प्रजाति को पुनर्स्थापित करने के लिए शुरू किया गया था, ने 17 सितंबर को अपने दो साल पूरे कर लिए हैं। इस परियोजना के दो मुख्य उद्देश्य हैं: मध्य भारत में चीतों की स्थिर प्रजनन आबादी स्थापित करना और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्रों को बहाल करने के लिए चीतों को एक छत्र प्रजाति के रूप में उपयोग करना।
प्रोजेक्ट चीता परियोजना की प्रगति:
- चीता स्थानांतरण: प्रोजेक्ट चीता की शुरुआत कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीतों के अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण से हुई। पहले चरण में 20 चीतों को लाया गया, जिनमें से 12 वयस्क और 8 शावक शामिल थे।
- बचाव की स्थिति: दो साल में, 24 चीतों में से 12 वयस्क और 12 शावक जीवित हैं। हालांकि, इस दौरान 40% चीतों की मृत्यु हो गई, जिसमें विभिन्न कारण शामिल हैं जैसे संक्रमण और प्राकृतिक घटनाएँ।
- प्रजनन: चीतों ने 17 शावकों को जन्म दिया, जिनमें से 12 जीवित हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है।
प्रमुख चुनौतियाँ:
- स्वास्थ्य और सुरक्षा: पिछले साल, एक चीता, पवन, की डूबने से मृत्यु हो गई, जिससे सभी चीतों को बाड़ों में वापस लाना पड़ा। इससे चीतों के जंगल में स्थायी निवास स्थापित करने की क्षमता पर सवाल उठते हैं।
- शिकार की कमी: कुनो नेशनल पार्क में चीते के मुख्य शिकार चीतल की आबादी में कमी आई है। 2021 में चीतल का घनत्व 23.43 जानवर प्रति वर्ग किमी से घटकर 2024 में 17.5 जानवर प्रति वर्ग किमी रह गया है। यह चीतों के लिए आवश्यक शिकार की संख्या को पूरा करने के लिए काफी कम है।
आगे की राह:
- अंतरराज्यीय संरक्षण योजनाएँ: चीतों के लिए उपयुक्त आवास स्थापित करने के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान में संरक्षित क्षेत्रों का संरक्षण किया जाएगा। इस भूदृश्य को स्थापित करने के लिए शिकार प्रबंधन, अंतरराज्यीय समन्वय और पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- समुदाय की भागीदारी: परियोजना के लिए स्थानीय समुदायों की भागीदारी और जागरूकता आवश्यक है, ताकि चीता संरक्षण के प्रति समर्थन बढ़े।
कूनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park):स्थान: कूनो राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के श्योपुर और मुरैना जिलों में स्थित है। इसका नाम कूनो नदी के नाम पर रखा गया है। स्थापना: इसे 1981 में वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा दिया गया, 2018 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त हुआ। क्षेत्रफल: इस राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल 344.686 वर्ग किमी (133.084 वर्ग मील) है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पाये जाने वाले वन्यजीव:
प्रमुख पक्षी: भारतीय गिद्ध, ब्राउन फिश उल्लू, मोर, स्पॉटेड उल्लू। प्रोजेक्ट चीता: यह परियोजना चिता पुनर्वास परियोजना के तहत 17 सितंबर 2022 को शुरू की गई थी। |
निष्कर्ष: प्रोजेक्ट चीता ने अपने दो वर्षों में कुछ मामूली सफलताएँ हासिल की हैं, लेकिन इसके दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिए कई चुनौतियाँ और सवाल अभी भी बने हुए हैं। भविष्य में, चीतों की बेहतर स्थिति और उनकी स्थायी आबादी स्थापित करने के लिए ठोस योजनाएँ और प्रयास आवश्यक हैं।
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2 thoughts on “प्रोजेक्ट चीता: दो साल बाद की स्थिति”
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