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Exit Poll: Explained

चर्चा में क्यों ?

भारत एक लोकतांत्रिक देश (democratic country) है, जहां समय-समय पर चुनाव होते रहते हैं। ऐसे में, चुनावों से पहले एक सर्वेक्षण के माध्यम से अनुमान लगाया जाता है कि कौन सी पार्टी या उम्मीदवार चुनाव जीत रहा है। इसी संदर्भ में, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर (Haryana and Jammu and Kashmir) की 90-90 विधानसभा सीटों पर मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को की जाएगी। इस प्रक्रिया से पहले, शनिवार को एक्जिट पोल्स (exit polls) जारी किए गए, जिनके आधार पर पोल ऑफ पोल्स भी सामने आया है। दोनों राज्यों में सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की आवश्यकता है।

इस लेख के माध्यम से हम एक्जिट पोल (exit poll) और उसके महत्व, आलोचना और उसके नियमों के बारे में समझेंगे।

एक्जिट पोल (exit poll):

  • एक्जिट पोल (exit poll) एक ऐसा सर्वेक्षण (survey) है जो मतदाताओं से मतदान केंद्र से बाहर निकलने के तुरंत बाद किया जाता है।
  • इसके विपरीत, प्रवेश पोल उन सर्वेक्षणों को कहते हैं जो वास्तविक मतदान से पहले किए जाते हैं।
  • एक्जिट पोल (exit poll), मतदान के बाद किया जाने वाला एक सर्वेक्षण है, जिसका उद्देश्य मतदाताओं से एकत्र की गई जानकारी के आधार पर वास्तविक परिणामों की भविष्यवाणी (predict) करना है।
  • भारत में एक्जिट पोल का आरंभ 1957 में, दूसरे लोकसभा चुनावों के दौरान, भारतीय जनमत सर्वेक्षण संस्थान (Indian Opinion Survey Institute) द्वारा किया गया था।
  • एक्जिट पोल मतदान के अंतिम चरण के समापन के बाद किए जाते हैं, जो चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों (guidelines) के अनुसार होते हैं।
  • ये सर्वेक्षण, जो चुनावों से पहले किए जाने वाले जनमत सर्वेक्षणों से भिन्न होते हैं, मतदाताओं से उनकी मतदान प्रक्रिया के बाद प्रश्न पूछते हैं।
  • इन सर्वेक्षणों में मतदाता की प्रेरणाओं और पार्टी के प्रति प्राथमिकताओं के बारे में विभिन्न प्रश्न शामिल होते हैं।
  • एक्जिट पोल विभिन्न जनसांख्यिकी और भौगोलिक क्षेत्रों (demographics and geographic areas) का प्रतिनिधित्व करने वाले नमूनों के संग्रह के माध्यम से राजनीतिक पार्टियों और उनके प्रदर्शन के प्रति जनता की भावना को मापते हैं।

 एग्जिट पोल कैसे आयोजित किए जाते हैं (How are exit polls conducted)?

  • नमूना चयन (Sample selection): एक्जिट पोल आमतौर पर मतदान एजेंसियों या मीडिया संगठनों (agencies or media organizations) द्वारा आयोजित किए जाते हैं। मीडिया एजेंसी सबसे पहले सर्वेक्षण के लिए एक यादृच्छिक नमूना (random sample) चुनती है। एकत्र किया गया नमूना विविध और कुल मतदाता समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाला होना चाहिए।
  • प्रश्नावली विकास (Questionnaire Development): एजेंसियाँ आवश्यक डेटा इकट्ठा करने के लिए एक प्रभावी प्रश्नावली विकसित करती हैं। प्रश्नों में मतदाता की जनसांख्यिकी जानकारी, मतदान प्राथमिकताएँ, मतदान के कारण, और अन्य प्रासंगिक कारक शामिल होते हैं।
  • साक्षात्कार (Interview): मतदाताओं का साक्षात्कार प्रश्नावली के आधार पर किया जाता है। मतदाता का साक्षात्कार मतदान केंद्र से बाहर निकलने के तुरंत बाद लिया जाता है। यह सर्वेक्षण आमने-सामने के साक्षात्कार या आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से किया जा सकता है।
  • डेटा संग्रह (Data Collection): मतदाताओं के उत्तरों को रिकॉर्ड किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि डेटा को सटीक रूप से कैप्चर किया गया है।
  • डेटा विश्लेषण (Data Analysis): एक बार डेटा संग्रह पूरा हो जाने के बाद, मतदान एजेंसियाँ सर्वेक्षण के उत्तरों का विश्लेषण करती हैं ताकि विभिन्न जनसांख्यिकीय समूहों के बीच मतदान पैटर्न, प्रवृत्तियों और प्राथमिकताओं की पहचान की जा सके। डेटा को प्रोसेस और विश्लेषित करने के लिए सांख्यिकीय तकनीकों और सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जा सकता है।
  • परिणामों का वितरण (Distribution of results): डेटा का विश्लेषण करने के बाद, परिणामों को जनता में वितरित किया जाता है। एक्जिट पोल के परिणाम प्रेस विज्ञप्तियों, मीडिया ब्रीफिंग्स या मीडिया एजेंसियों की वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाते हैं।

एक्जिट पोल्स का उद्देश्य (Purpose of Exit Polls):

  • चुनाव परिणामों का अनुमान (Estimating election results): एक्जिट पोल्स तुरंत मतदान केंद्रों के बाहर किए जाते हैं। ये संभावित चुनाव परिणामों का अनुमान लगाने में मदद करते हैं।
  • मतदाता व्यवहार को समझना (Understanding voter behaviour): ये सर्वेक्षण यह जानने में मदद करते हैं कि विभिन्न आयु, लिंग और अन्य वर्गों के मतदाता किस कारण से एक विशेष उम्मीदवार या मुद्दे का समर्थन कर रहे हैं।
  • अभियान रणनीतियों को सूचित करना (Informing campaign strategies): राजनीतिक पार्टियाँ एक्जिट पोल्स के डेटा का उपयोग अपनी रणनीतियों को बेहतर बनाने के लिए करती हैं।
  • मतदाता की भागीदारी बढ़ाना (Increasing voter participation): एक्जिट पोल्स यह दर्शाते हैं कि चुनाव में मतदान महत्वपूर्ण है, जिससे अधिक लोग मतदान के लिए प्रेरित होते हैं।
  • जवाबदेही और पारदर्शिता (Accountability and transparency): ये सर्वेक्षण चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को बढ़ाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि चुनाव निष्पक्ष है।

 भारत में एक्जिट पोल के नियामक ढांचा (Regulatory framework of exit poll in India):

नियमन की आवश्यकता (Need for Regulation): एक्जिट पोल यदि समय से पहले जारी किए जाएँ, तो यह मतदान व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, एक्जिट पोल का नियमन चुनावी अखंडता को बनाए रखने और मतदान प्रवृत्तियों के बारे में गलत और भ्रामक पूर्वानुमान के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक है। एक्जिट पोल के नियमन से सटीक और विश्वसनीय जानकारी का प्रसार सुनिश्चित कर धोखाधड़ी (fraud) और हेरफेर (manipulation) को रोका जा सकता है। इसके द्वारा चुनावी प्रक्रिया में स्थिरता और विश्वास को बढ़ावा मिलता है।

प्रतिनिधित्व का जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of the People Act), 1951: इस अधिनियम के सेक्शन 126A के तहत, मतदान के दौरान एक्जिट पोल के परिणामों का प्रकाशन और प्रसार (publication and dissemination) निषिद्ध (prohibited) है। RPA अधिनियम के अंतर्गत, भारत के चुनाव आयोग को चुनाव प्रक्रिया का प्रबंधन और नियमन करने का अधिकार प्राप्त है। यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है। ECI को चुनावी प्रक्रिया के नियमन के व्यापक जनादेश के तहत एक्जिट पोल के संचालन के लिए दिशा-निर्देश और निर्देश जारी करने का अधिकार है।

भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India- ECI): एक्जिट पोल के लिए मुख्य नियामक प्राधिकरण भारत का चुनाव आयोग है।

  • अनुच्छेद 324 (Article 324) के तहत, ECI मीडिया एजेंसियों को एक्जिट पोल के परिणामों के प्रकाशन या जारी करने से रोकता है।
  • चुनाव आयोग (Election Commission) आमतौर पर एक “निषेध अवधि” (prohibition period) लगाता है, जिसके दौरान एक्जिट पोल के परिणामों का प्रकाशन या प्रसार (published or disseminated) नहीं किया जा सकता है।
  • यह निषेध अवधि पहले चरण के मतदान की शुरुआत से लेकर अंतिम चरण के मतदान के समापन तक जारी रहती है।
  • ECI के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन (Violation) के लिए 2 साल की जेल, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
  • ECI उन मीडिया एजेंसियों को भी पंजीकरण (registration) की अनिवार्यता रखता है, जो एक्जिट पोल का संचालन करती हैं। एक्जिट पोल संचालित करने की इच्छुक मीडिया एजेंसियों को आमतौर पर चुनाव आयोग के पास अपने संगठन का विवरण प्रस्तुत कर पंजीकरण के लिए आवेदन करना होता है। सत्यापन प्रक्रिया (verification process) के बाद, मीडिया एजेंसियों को मंजूरी दी जा सकती है। पंजीकरण ECI को इन मीडिया एजेंसियों की विश्वसनीयता बनाए रखने में मदद करता है।
  • पंजीकृत मीडिया आउटलेट्स (Registered media outlets) को आमतौर पर ECI द्वारा जारी कुछ नियमों और विनियमों (आचार संहिता) का पालन करना आवश्यक होता है।

 अन्य देशों में एक्जिट पोल की स्थिति (Status of exit polls in other countries):

  • संयुक्त राज्य अमेरिका (United States): अमेरिका में एक्जिट पोल को नियंत्रित करने के लिए कोई विशेष कानून नहीं हैं। जबकि एक्जिट पोल के परिणामों को जारी करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, इन्हें आमतौर पर तब तक प्रकाशित नहीं किया जाता जब तक सभी मतदान समाप्त नहीं हो जाते।
  • जर्मनी (Germany): जर्मनी में एक्जिट पोल के लिए कड़े नियम हैं। सभी मतदान केंद्रों पर मतदान पूरा होने से पहले एक्जिट पोल के परिणामों को प्रकाशित करना अवैध है, जो चुनावी पारदर्शिता को बनाए रखने की दिशा में एक मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom): यूके में एक्जिट पोल परिणामों के प्रकाशन पर कोई कानूनी नियम नहीं हैं, लेकिन मीडिया आउटलेट्स मतदान समाप्त होने तक परिणाम जारी करने से परहेज करते हैं।
  • बुल्गारिया (Bulgaria): बुल्गारिया में अंतिम मतदान दिवस से पहले एक्जिट पोल के परिणामों को प्रकाशित करना प्रतिबंधित और दंडनीय है, जो चुनावी प्रक्रिया को संरक्षित करने के महत्व को उजागर करता है।
  • सिंगापुर (Singapore): सिंगापुर में एग्जिट पोल (Exit polls) पर पूर्ण प्रतिबंध (Ban) लगा दिया गया है।

एक्जिट पोल की सटीकता कैसे आंकें (How to Assess the Accuracy of Exit Polls)?

  • नमूना विधियाँ (Sampling methods): एक्जिट पोल Conduct करने में प्रयुक्त नमूना विधियों की विश्वसनीयता महत्वपूर्ण होती है। एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया और प्रतिनिधि नमूना अधिक सटीक परिणाम उत्पन्न करने की संभावना रखता है। एक अच्छे, या सटीक, मतदाता सर्वेक्षण के लिए कुछ सामान्य मानदंड हैं जैसे बड़ा और विविध नमूना आकार और स्पष्ट रूप से तैयार किया गया प्रश्नावली जो पूर्वाग्रह से मुक्त हो।
  • संरचित प्रश्नावली (Structured questionnaires): एक्जिट पोल जैसे सर्वेक्षण डेटा एक संरचित प्रश्नावली का उपयोग करके कई उत्तरदाताओं का साक्षात्कार करके एकत्र करते हैं, चाहे वह फोन पर हो या आमने-सामने। विकासशील समाजों के अध्ययन केंद्र के अनुसार, “संरचित प्रश्नावली के बिना, डेटा को न तो व्यवस्थित रूप से एकत्र किया जा सकता है और न ही वोट शेयर के अनुमान प्राप्त करने के लिए प्रणालीबद्ध रूप से विश्लेषण किया जा सकता है।”
  • जनसांख्यिकीय प्रतिनिधित्व (Demographic representativeness): यह सुनिश्चित करना कि सर्वेक्षण की गई जनसंख्या समग्र मतदान जनसंख्या का जनसांख्यिकीय रूप से प्रतिनिधित्व करती है, आवश्यक है। यदि कुछ समूह अधिक या कम प्रतिनिधित्व वाले हैं, तो इससे पूर्वानुमान की सटीकता पर प्रभाव पड़ सकता है।
  • नमूना आकार (Sample size): एक बड़ा नमूना आकार महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे ज्यादा मायने रखता है कि नमूना बड़े जनसंख्या का कितनी अच्छी तरह प्रतिनिधित्व करता है, न कि नमूने के आकार से।

 एक्जिट पोल की आलोचनाएँ (Criticisms of exit polls):

  • पक्षपात की धारणा (Perception of bias): यदि एक्जिट पोल Conduct करने वाली एजेंसी को पक्षपाती (biased) माना जाता है, तो ये पोल विवादास्पद (controversial) हो सकते हैं। इस धारणा के कारण परिणामों की विश्वसनीयता (reliability) पर प्रश्न उठ सकता है।
  • प्रश्नों का प्रभाव (Influence of questions): सर्वेक्षण के प्रश्नों का चयन, शब्दावली और समय, तथा नमूने की प्रकृति द्वारा इन सर्वेक्षणों को प्रभावित किया जा सकता है। यदि प्रश्न स्पष्ट नहीं हैं या पूर्वाग्रहित हैं, तो इससे प्राप्त परिणाम भ्रामक हो सकते हैं।
  • प्रतिस्पर्धियों द्वारा प्रेरित (Motivated by competitors): आलोचकों (Critics) का तर्क है कि कई मतदाता और एक्जिट पोल अपने प्रतिकूलों द्वारा प्रेरित और प्रायोजित होते हैं, और इससे मतदाताओं के चुनाव पर विकृत प्रभाव पड़ सकता है।
  • जनसांख्यिकीय प्रतिनिधित्व की कमी (Lack of demographic representation): यदि सर्वेक्षण में कुछ जनसांख्यिकीय समूहों का प्रतिनिधित्व सही ढंग से नहीं किया गया है, तो इससे परिणामों की सटीकता प्रभावित हो सकती है।
  • अतिशयोक्ति का डर (Fear of exaggeration): कुछ विश्लेषक यह मानते हैं कि एक्जिट पोल के परिणाम मतदाताओं के वास्तविक विचारों को अतिशयोक्तिपूर्ण रूप से दर्शा सकते हैं। जब ये परिणाम चुनावी रात को जल्दबाजी में जारी किए जाते हैं, तो इससे मतदाता निर्णय को प्रभावित किया जा सकता है।
  • फर्जी नतीजों का खतरा (Threat of fake results): कभी-कभी एजेंसियाँ जानबूझकर गलत या भ्रामक परिणाम पेश कर सकती हैं, जो चुनावी प्रक्रिया में अव्यवस्था पैदा कर सकती हैं।
  • मीडिया का दबाव (Media pressure): मीडिया द्वारा एक्जिट पोल के परिणामों को जल्दी से रिपोर्ट करना, यह धारणा पैदा कर सकता है कि किसी पार्टी या उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित है, जिससे कुछ मतदाता प्रभावित हो सकते हैं और मतदान से हिचकिचा सकते हैं।
  • सामाजिक दबाव (Social pressure): एक्जिट पोल के परिणामों का प्रभाव ऐसा हो सकता है कि मतदाता अपने चुनाव को बदल सकते हैं, केवल इसलिए कि वे देख रहे हैं कि अन्य लोग किसे वोट दे रहे हैं। यह एक सामाजिक दबाव पैदा कर सकता है, जिससे वास्तविक जनसांख्यिकीय भावनाएँ नहीं दिखाई देतीं।

क्या हैं जनमत सर्वेक्षण (Opinion Polls)?

  • परिभाषा (Definition): ओपिनियन पोल को ‘पूर्व-चुनाव सर्वेक्षण’ (pre-election surveys) कहा जाता है, जो मतदाताओं के विचारों को इकट्ठा करते हैं या चुनावों से पहले का मूड समझते हैं।
  • प्रश्नों की विविधता (Variety of questions): ये सर्वेक्षण लोगों से उनके मतदान के इरादों, प्राथमिकताओं, राय और विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर उनके दृष्टिकोण के बारे में पूछते हैं।
  • विषय क्षेत्र (Subject area): ओपिनियन पोल कई प्रकार के विषयों और सवालों को कवर कर सकते हैं, जबकि एक्जिट पोल केवल मतदान व्यवहार पर केंद्रित होते हैं।
  • आयोजन (Conduct): इन सर्वेक्षणों का संचालन मीडिया आउटलेट्स या सर्वेक्षण एजेंसियों द्वारा किया जाता है, लेकिन कभी-कभी राजनीतिक पार्टियाँ या उम्मीदवार भी इन्हें कमीशन कर सकते हैं।

एक्जिट पोल और ओपिनियन पोल में अंतर (Difference between Exit Polls and Opinion Polls):

  • समय के आधार पर विभाजन (Division based on time): एक्जिट पोल मतदाता के मतदान करने से पहले किए जाते हैं, जबकि ओपिनियन पोल मतदान के बाद किए जाते हैं। इसका अर्थ है कि ओपिनियन पोल मतदाताओं की योजनाओं को मापते हैं, जबकि एक्जिट पोल वास्तविक मतदान को मापते हैं।
  • सटीकता (Accuracy): एक्जिट पोल को ओपिनियन पोल की तुलना में अधिक सटीक माना जाता है क्योंकि ये मतदान प्रक्रिया की वास्तविकता को दर्शाते हैं, न कि केवल मतदाताओं के इरादों या विचारों को।
  • विचारों में परिवर्तन का प्रभाव (Effect of change in opinion): एक्जिट पोल उस समय के बीच मतदाताओं के विचारों या व्यवहार में परिवर्तन से प्रभावित नहीं होते, जबकि ओपिनियन पोल इस समस्या का सामना करते हैं, जब सर्वेक्षण और मतदान के बीच समय में मतदाता की राय बदल सकती है।

2024 लोकसभा चुनाव में एक्जिट पोल की असफलता (Exit poll failure in 2024 Lok Sabha elections):

  • गलत भविष्यवाणियाँ (Wrong predictions): लगभग सभी एक्जिट पोल ने BJP के लिए 350 से अधिक सीटें का अनुमान लगाया, जबकि पार्टी ने केवल 293 सीटें जीतीं।
  • जनता की प्रतिक्रिया (Public response): गलत भविष्यवाणियों के कारण पोलिंग कंपनियों ने सार्वजनिक माफी मांगी और उनके तरीकों की जांच की मांग उठी।
  • बाजार पर प्रभाव (Market impact): एक्जिट पोल ने शुरुआत में शेयर बाजार में विश्वास बढ़ाया, लेकिन चुनाव परिणामों ने भारी गिरावट लाई, जिसमें लगभग $400 बिलियन (लगभग ₹33,36,284 करोड़) की वैल्यू खत्म हो गई।
  • राजनीतिक आरोप (Political allegations): विपक्षी नेताओं, जैसे राहुल गांधी, ने BJP पर पोल में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया और विधियों में पारदर्शिता की मांग की।
  • सर्वेक्षण में चुनौतियाँ (Challenges in the survey): विश्लेषकों ने एक विविध देश में एक्जिट पोल करने में आने वाली कठिनाइयों का जिक्र किया, जैसे कि पूर्वाग्रहित नमूने, अपर्याप्त नमूना आकार और लॉजिस्टिक समस्याएँ।
  • सर्वेक्षण की जटिलता (Complexity of surveys): भारत में मतदान को यूरोपीय संघ में मतदान करने की जटिलता के साथ जोड़ा गया, जिसमें सटीक सर्वेक्षणों के लिए सीमित बजट और संसाधन हैं।
  • वैकल्पिक विधियाँ (Alternative methods): कुछ कंपनियों, जैसे KCore एनालिटिक्स, ने परिणामों की अधिक सटीकता के लिए AI और सोशल मीडिया डेटा का उपयोग किया, जो पारंपरिक मतदान विधियों से अलग है।
  • विश्वसनीयता के मुद्दे (Credibility issues): एक्जिट पोल की असफलता ने पोलिंग एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।

आगे बढ़ने का रास्ता (Way forward):

  • सुधारी गई विधि (Improved methodology): एक्जिट पोल की सटीकता बढ़ाने के लिए सर्वेक्षण तकनीकों और प्रश्नावली के सही निर्माण जैसी प्रक्रियाओं को सुधारने की आवश्यकता है। एक मजबूत और संतुलित नमूना तैयार करना महत्वपूर्ण है।
  • गुणवत्ता नियंत्रण उपाय (Quality control measures): एक्जिट पोल के परिणामों में त्रुटियों को कम करने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण के उपायों को अपनाना चाहिए। इसमें साक्षात्कारकर्ताओं को प्रशिक्षित करना, डेटा संग्रह प्रक्रियाओं की निगरानी करना और डेटा की सटीकता और वैधता की जाँच शामिल होनी चाहिए।
  • सर्वेक्षण एजेंसियों और नियामक प्राधिकरणों के बीच सहयोग (Collaboration between survey agencies and regulatory authorities): एक्जिट पोल के लिए परिष्कृत दिशा-निर्देशों के लिए नियामक प्राधिकरणों और मीडिया एजेंसियों के बीच अधिक सहयोग होना चाहिए। चुनाव आयोग (ECI) और मीडिया एजेंसियों के बीच सहयोग से अधिक सटीक एक्जिट पोल परिणाम मिल सकते हैं।
  • अनुसंधान और नवाचार (Research and innovation): एक्जिट पोल Conduct करने के लिए नई विधियों, तकनीकों और दृष्टिकोणों के विकास में अनुसंधान और नवाचार में निवेश करने से उनकी सटीकता, दक्षता और चुनावों और मतदाता व्यवहार के तेजी से विकसित हो रहे परिदृश्य में प्रासंगिकता बढ़ाई जा सकती है।

प्रश्न:

निम्नलिखित बयानों पर विचार करें: एक्जिट पोल और ओपिनियन पोल के बारे में:

  • ओपिनियन पोल एक ऐसा सर्वेक्षण है जो यह जानने के लिए किया जाता है कि मतदाताओं ने चुनाव में कैसे मतदान किया है।
  • प्रतिनिधित्व के लोगों के अधिनियम, 1951 में एक्जिट पोल के विनियमन का प्रावधान है।
  • वर्तमान में, एक्जिट पोल केवल चुनाव के अंतिम चरण के समाप्त होने के बाद ही प्रसारित किए जा सकते हैं।

उपरोक्त दिए गए बयानों में से कितने सही हैं?

[A] केवल एक

[B] केवल दो और तीन

[C] सभी तीन

[D] कोई नहीं

उत्तर: [B] केवल दो और तीन

व्याख्या (Explanation):

  • बयान (statement) 1 गलत है: ओपिनियन पोल एक पूर्व-चुनाव सर्वेक्षण (pre-election survey) है जो मतदाताओं के चुनाव से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर उनके विचार जानने के लिए किया जाता है। इसमें मतदाताओं से विभिन्न प्रश्न पूछे जाते हैं ताकि यह विश्लेषण किया जा सके कि कौन से मुद्दे उन पर असर डाल रहे हैं और चुनाव का परिणाम क्या हो सकता है। एक्जिट पोल एक ऐसा सर्वेक्षण है जो यह बताता है कि मतदाताओं ने चुनाव में कैसे मतदान किया है। ये मतदान स्थलों के बाहर किए जाते हैं ताकि मतदान के व्यवहार और चुनाव परिणामों का अनुमान लगाया जा सके।
  • बयान (Statement) 2 सही है: प्रतिनिधित्व के लोगों के अधिनियम, 1951 की धारा 126A में चुनावी मतदान शुरू होने से लेकर अंतिम चरण के मतदान समाप्त होने तक एक्जिट पोल पर प्रतिबंध लगाया गया है।
  • बयान (Statement) 3 सही है: वर्तमान में, एक्जिट पोल केवल चुनाव के अंतिम चरण (final stage) के समाप्त होने के बाद ही प्रसारित किए जा सकते हैं।

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