Apni Pathshala

VSHORADS Missiles का सफल परीक्षण किया

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने राजस्थान के पोखरण (Pokhran) फील्ड फायरिंग रेंज में चौथी पीढ़ी की बहुत छोटी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली ( VSHORADS Missiles) के तीन सफल उड़ान परीक्षण किए हैं। ये परीक्षण पिछले दो दिनों में किए गए, जिनमें उच्च गति के लक्ष्यों पर निशाना (targeting high -speed goals) साधा गया, और अधिकतम दूरी और ऊंचाई पर अवरोधन जैसे महत्वपूर्ण मापदंडों का सफल प्रदर्शन हुआ।

मुख्य बिंदु (Key point):

  • विकासात्मक परीक्षण (Developmental tests): परीक्षणों के दौरान हथियार प्रणाली की “हिट-टू-किल” (लक्ष्य पर सीधा वार) क्षमता को विभिन्न परिदृश्यों में प्रदर्शित किया गया, जिसमें लक्ष्य की ओर बढ़ते, दूर जाते और पार करते हुए लक्ष्य पर वार करना शामिल था।
  • VSHORADS प्रणाली: यह मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे DRDO की रिसर्च सेंटर इमारत (RCI) और अन्य DRDO प्रयोगशालाओं द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
  • सेवाओं की भागीदारी (Participation of services): इस परियोजना में तीनों सेनाएं शुरू से ही शामिल रही हैं और विकासात्मक परीक्षणों में उन्होंने भाग लिया।
  • रक्षा मंत्री की बधाई (Congratulations to Defense Minister): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, सशस्त्र बलों और इस परियोजना से जुड़े उद्योगों को इस सफल विकासात्मक परीक्षण पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह नई मिसाइल, आधुनिक तकनीकों (Modern techniques ) से सुसज्जित है, जो सशस्त्र बलों को हवाई खतरों के खिलाफ तकनीकी बढ़त प्रदान करेगी।
  • प्रदर्शन (Performance): इन परीक्षणों ने हथियार प्रणाली की अधिकतम सीमा और ऊंचाई पर लक्ष्यों को मार गिराने की क्षमता का प्रदर्शन किया।

 VSHORADS Missiles क्या है (What is vshorads)?

बहुत छोटी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (Very short distance air defense system- VSHORADS) एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPAD) है, जिसे DRDO की रिसर्च सेंटर इमारत (RCI), हैदराबाद ने अन्य DRDO प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योग साझेदारों के साथ मिलकर स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया है।

डिजाइन (Design):

  • VSHORADS मिसाइल में कई नई तकनीकों को शामिल किया गया है, जिसमें छोटा किया गया रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) और एकीकृत एवियोनिक्स (avionics) शामिल हैं, जिन्हें परीक्षणों के दौरान सफलतापूर्वक सिद्ध किया गया है।
  • यह मिसाइल कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों को कम दूरी पर निष्क्रिय करने के लिए बनाई गई है और इसमें ड्यूल थ्रस्ट सॉलिड मोटर (dual thrust solid motor) द्वारा प्रेरित किया जाता है।
  • मिसाइल का डिज़ाइन, जिसमें लॉन्चर भी शामिल है, को इस प्रकार से अनुकूलित किया गया है कि इसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सके।

महत्त्व (Importance):

यह नई मिसाइल, जो आधुनिक तकनीकों (modern techniques) से लैस है, सशस्त्र बलों (armed forces) को और अधिक तकनीकी (technical) बढ़त प्रदान करेगी।

Reaction Control System (RCS) क्या है?

रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) एक ऐसा सिस्टम है जो छोटे थ्रस्टर्स का उपयोग करके किसी वस्तु की दिशा (attitude) को नियंत्रित और निर्देशित करता है।

  • यह प्रणाली किसी भी दिशा या दिशा के संयोजन में थोड़ी मात्रा में थ्रस्ट प्रदान करने में सक्षम होती है।
  • RCS प्रणाली टॉर्क (torque) भी प्रदान कर सकती है, जिससे किसी वस्तु की घूर्णन (pitch, yaw, और roll) को नियंत्रित किया जा सके।

MANPADS क्या हैं (What are MANPADS)?

MANPADS (मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम) छोटे दूरी के, हल्के और पोर्टेबल सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल होते हैं, जिन्हें व्यक्ति या छोटे समूह द्वारा दागा जा सकता है।

  • ये हवाई हमलों से सैनिकों को बचाने में मदद करते हैं और खास तौर पर कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों को निशाना बनाने में सबसे अधिक प्रभावी होते हैं।
  • MANPATs या Man-Portable Anti-Tank Systems का उपयोग भी इसी तरह किया जाता है, लेकिन इनका उद्देश्य सैन्य टैंकों को नष्ट करना या निष्क्रिय करना होता है।

विशेषताएँ (Features):

  • MANPADS की अधिकतम मारक दूरी 8 किलोमीटर तक होती है और यह 5 किलोमीटर की ऊंचाई पर लक्ष्यों को साधने में सक्षम होते हैं।
  • सबसे पहले MANPADS का उपयोग 1960 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ द्वारा किया गया था।

 VSHORADS से भारत को क्या फायदा होगा (How will VSHORADS benefit India)?

  • आसान और तेजी से तैनाती (Easy and fast deployment): VSHORADS अन्य मिसाइल प्रणालियों की तुलना में हल्का और ज्यादा पोर्टेबल है, जिससे इसे आसानी से और तेजी से तैनात किया जा सकता है, विशेष रूप से एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के पास के पहाड़ी इलाकों में।
  • सैन्य शस्त्रागार में कमी की भरपाई (Make up for the deficiency in the military arsenal): भारतीय सेना के मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम में एक महत्वपूर्ण कमी थी, खासकर उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर। हालांकि, पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के साथ सोवियत काल के ओएसए एके मिसाइल सिस्टम पहले से मौजूद हैं। VSHORADS इन कमियों को पूरी तरह से समाप्त करने में मदद करेगा।
  • भारी सिस्टम की तुलना में हल्का (Lighter than heavy systems): आकाश शॉर्ट रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल जैसी प्रणाली भारी होती है और इसका कवरेज 25 किलोमीटर तक होता है, जो एलएसी से दूर स्थित स्थिर सैन्य संरचनाओं के लिए उपयुक्त है। इसके विपरीत, VSHORADS को तेजी से और कम समय में तैनात किया जा सकता है, जिससे यह पहाड़ी युद्ध के लिए बेहतर साबित होगा।
  • पर्वतीय इलाकों में उपयोगी (Useful in mountainous terrain): इस प्रणाली को भारतीय सेना में शामिल करने पर, यह पर्वतीय युद्ध के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प साबित होगी। यह वायु रक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी और पूरी तरह सुसज्जित पैदल सेना इकाइयों के साथ तैनात की जा सकेगी।
  • सुरक्षित और तेज़ तैनाती की क्षमता (Safe and rapid deployment capability): रक्षा मंत्रालय का मानना है कि मौजूदा उत्तरी सीमा विवादों के मद्देनजर, ऐसे वायु रक्षा हथियारों पर ध्यान देना ज़रूरी है, जिन्हें आसानी से ले जाया जा सके और तेजी से चुनौतीपूर्ण इलाकों और समुद्री क्षेत्रों में तैनात किया जा सके। VSHORADS की खरीद से भारत की वायु रक्षा प्रणाली को मजबूती मिलेगी क्योंकि यह तेज़ी से तैनात की जा सकने वाली एक प्रभावी और विश्वसनीय प्रणाली है।

रक्षा क्षमताओं का आधुनिकीकरण और VSHORADS प्रणाली की भूमिका (Modernisation of Defence Capabilities and Role of VSHORADS System):

VSHORADS मिसाइल प्रणाली को अनुमान लगाया जा रहा है की भारतीय सेना द्वारा रूसी Igla मिसाइल प्रणालियों (Russian Igla missile systems) की जगह लेने के लिए विकसित किया गया है। Igla प्रणाली पहले से ही प्रभावी थी, लेकिन समय के साथ-साथ उन्नत वायुयान खतरा तकनीकों के सामने पुरानी पड़ चुकी है। VSHORADS प्रणाली नवीनतम तकनीकों से सुसज्जित है, जो इसे भविष्य के उभरते खतरों से निपटने में सक्षम बनाती है।

  • सफल परीक्षण और रक्षा बुनियादी ढांचे का विकास (Successful tests and development of defence infrastructure): VSHORADS के सफल परीक्षण ऐसे समय पर हुए हैं जब भारत अपने रक्षा ढांचे और क्षमताओं को आधुनिक बना रहा है। परीक्षणों के पूरा होने के बाद, अब ध्यान प्रारंभिक उपयोगकर्ता परीक्षणों और उत्पादन की ओर केंद्रित है। अधिकारियों का कहना है कि यह प्रणाली निकट भविष्य में सेना के लिए तैनात की जा सकती है।
  • स्वदेशी विकास और ‘आत्मनिर्भर भारत’ (Successful tests and development of defence infrastructure): VSHORADS प्रणाली का विकास और सफल परीक्षण न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। स्वदेशी रूप से विकसित यह प्रणाली भारत की रक्षा तकनीकी क्षमताओं को उजागर करती है और आयात पर निर्भरता को कम करती है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अनुरूप है, जो देश की रक्षा उद्योग को और सशक्त बना रहा है।
  • क्षेत्रीय सुरक्षा और भू-राजनीतिक महत्व (Regional security and geopolitical importance): भारत इंडो-प्रशांत क्षेत्र में अपनी बढ़ती भूमिका को भी मजबूत कर रहा है। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। VSHORADS जैसी स्वदेशी प्रणालियाँ न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करेंगी, बल्कि भारत की क्षेत्रीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
  • भविष्य की रक्षा चुनौतियों के लिए तैयार (Ready for future defence challenges): VSHORADS प्रणाली के सफल परीक्षण भारत के रक्षा आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं। यह प्रणाली भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगी और भविष्य में संभावित खतरे वाले क्षेत्रों में त्वरित तैनाती सुनिश्चित करेगी।

इग्ला-एस ((Igla-S) वायु रक्षा प्रणाली (Igla-S air defense system):

  • रूस द्वारा विकसित इग्ला-एस वायु रक्षा प्रणाली एक अत्यधिक प्रभावी मानव-पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली (MANPADS) है।
  • यह प्रणाली विभिन्न प्रकार के दृश्यमान फिक्स्ड-विंग और रोटरी-विंग विमानों (visible fixed-wing and rotary-wing aircraft) के साथ-साथ क्रूज मिसाइलों और ड्रोन जैसे छोटे हवाई लक्ष्यों को भी निशाना बना सकती है।
  • रेंज (Range): इसकी मारक क्षमता 500 मीटर से 6 किलोमीटर तक है और यह 5 किलोमीटर की ऊंचाई (altitudes) तक के लक्ष्यों पर हमला कर सकती है। मिसाइल की गति 400 मीटर प्रति सेकंड है और तैनाती का समय 13 सेकंड है।

प्रणाली के घटक (System components): Igla-S प्रणाली में 9M342 मिसाइल, 9P522 लॉन्चिंग मैकेनिज्म, 9V866-2 मोबाइल टेस्ट स्टेशन और 9F719-2 टेस्ट सेट शामिल हैं। ये सभी घटक कम ऊँचाई वाले हवाई जहाजों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन के खिलाफ एक मजबूत रक्षा प्रदान करते हैं ।

क्षमताएँ (Capabilities):

  • यह एक हाथ से चलने वाली रक्षा प्रणाली है, जिसे एक व्यक्ति या दल द्वारा संचालित किया जा सकता है।
  • यह कम ऊँचाई वाले हवाई जहाजों को गिराने के लिए डिज़ाइन की गई है और क्रूज मिसाइलों तथा ड्रोन जैसे हवाई लक्ष्यों की पहचान और नष्ट कर सकती है ।

तैनाती और रणनीतिक महत्व (Deployment and Strategic Importance): ये प्रणालियाँ विशेष रूप से भारत की उत्तरी सीमा पर उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में नए हवाई रक्षा इकाइयों के लिए हैं। एक रेजिमेंट को पहले से ही इन प्रणालियों से लैस किया जा चुका है ।

भविष्य की विकास और स्वदेशी प्रयास (Future developments and indigenisation efforts): Igla-S की तैनाती के बाद, सेना उन्नत लेजर-बीम राइडिंग और इन्फ्रारेड VSHORADs में संक्रमण की योजना बना रही है। इसके साथ ही, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेशी VSHORAD मिसाइलों के सफल उड़ान परीक्षण किए हैं, जो हवाई रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रगति का प्रतीक हैं ।

 भारत के कुछ अन्य वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम (Some other air defence missile systems of India):

  • अंतरिक्ष आधारित बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) प्रोग्राम (Space-based Ballistic Missile Defence (BMD) Programme): भारत का बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम (Ballistic Missile Defence Programme) दो-स्तरीय सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें ‘प्रिथ्वी एयर डिफेंस (PAD)’ और ‘एडवांस्ड एयर डिफेंस (AAD)’ शामिल हैं। PAD दुश्मन की मिसाइलों को ऊपरी वायुमंडल (50-80 किलोमीटर की ऊँचाई) पर नष्ट करता है, जबकि AAD निचले वायुमंडल में 15-30 किलोमीटर की ऊंचाई पर रक्षा करता है​
  • पृथ्वी एयर डिफेंस (Prithvi Air Defense – PAD)- इस डिफेंस सिस्टम की मिसाइलें बहुत अधिक ऊंचाई पर जाकर दुश्मन देश की मिसाइल या अन्य हवाई खतरे को तबाह कर सकती हैं। इसमें पृथ्वी सीरीज की सभी मिसाइलें शामिल हैं। मिसाइलों की रेंज 300 से 2000 किमी होती है। ये जमीन से 80 किलोमीटर ऊपर टारगेट को नष्ट कर सकती हैं। इनकी स्पीड करीब 6000 किमी/घंटा होती है।
  • एडवांस्ड एयर डिफेंस (Advanced Air Defense- AAD)- इसकी मिसाइलें कम ऊंचाई वाले टारगेट्स को मार गिराने के लिए बनाई गई हैं। ये मिसाइलें सिस्टम 5000 किमी या उससे ज्यादा दूरी से आने वाले हवाई खतरों को हवा में ही गिरा सकती हैं। ये 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक के टारगेट को गिरा सकती हैं। इनकी रेंज 150 से 200 किमी और स्पीड 5500 किमी/घंटा होती है।
  • अकाश मिसाइल प्रणाली (Akash Missile System): अकाश एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो मध्यम दूरी की रक्षा प्रदान करती है। इसे विशेष रूप से दुश्मन के हवाई जहाजों और ड्रोन को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हाल ही में इसकी नई पीढ़ी (Akash-NG) का सफल परीक्षण हुआ, जिसमें इसे उच्च गति के हवाई लक्ष्यों को मार गिराने में सक्षम पाया गया​
  • S-400: रूस से खरीदा गया S-400 सिस्टम, विश्व के सबसे शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणालियों में से एक है। यह सिस्टम दुश्मन के लड़ाकू विमान, मिसाइल और ड्रोन को 400 किलोमीटर दूर से ही नष्ट कर सकता है। इसे भारतीय सेना और वायु सेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 2018 में शामिल किया गया था​
  • स्वॉर्डफिश रडार (Swordfish Radar): यह एक लंबी दूरी का रडार सिस्टम है जो दुश्मन की मिसाइलों को ट्रैक करता है। यह प्रणाली दुश्मन की मिसाइलों की गति, दिशा, और टकराव बिंदु की जानकारी प्रदान करती है ताकि इंटरसेप्टर मिसाइल सही समय पर दागी जा सके​
  • बराक 8 (Barak 8): बराक 8 एक और उन्नत वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली (advanced air defense missile system ) है जो भारत और इजराइल (India and Israel) के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई है। यह प्रणाली हवाई खतरों से 100 किलोमीटर तक की दूरी पर रक्षा कर सकती है। यह मिसाइल प्रणाली जहाजों और अन्य स्थलों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त है और इसे भारत की नौसेना में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।

प्रश्न: भारतीय रक्षा के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  • VSHORADS मिसाइल प्रणाली स्वदेश में विकसित की गई है और इसे DRDO द्वारा निर्मित किया गया है।
  • VSHORADS का उद्देश्य ऊँचाई पर उड़ने वाले विमानों को मार गिराना है।
  • Igla-S प्रणाली की रेंज 2 किमी तक है और इसे हल्के वाणिज्यिक उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है।

उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. सभी 1, 2 और 3
  4. केवल 1

उत्तर: (a) केवल 1 और 2

स्पष्टिकरण (Explanation):

  • पहला कथन: सही है। VSHORADS (Very Short Range Air Defence System) एक स्वदेशी प्रणाली है जिसे DRDO द्वारा विकसित किया गया है।
  • दूसरा कथन: सही है। इसका उद्देश्य कम ऊँचाई पर उड़ने वाले विमानों, क्रूज मिसाइलों, और ड्रोन को नष्ट करना है।
  • तीसरा कथन: गलत है। Igla-S प्रणाली की रेंज 2 किमी से अधिक है, लेकिन यह हल्के वाणिज्यिक उपयोग के लिए नहीं, बल्कि सैन्य उपयोग के लिए डिज़ाइन की गई है।

Explore our Books: https://apnipathshala.com/product-category/books/

Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Blogs

Scroll to Top