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अंतरिक्ष आधारित निगरानी (SBS) मिशन

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हाल ही में, सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) ने अंतरिक्ष आधारित निगरानी (SBS) मिशन के तीसरे चरण को मंजूरी दी है। इस मिशन का उद्देश्य नागरिक और सैन्य अनुप्रयोगों के लिए भूमि और समुद्री क्षेत्र में बेहतर जागरूकता लाना है।

प्रमुख बिंदु:

  • उपग्रहों का प्रक्षेपण: इस मिशन में पृथ्वी की निचली कक्षा (Low Earth Orbit) और भूस्थिर कक्षा (Geostationary Orbit) में कम-से-कम 52 उपग्रहों का प्रक्षेपण शामिल होगा।
    • 21 उपग्रह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा बनाए जाएंगे।
    • 31 उपग्रह विभिन्न निजी कंपनियों द्वारा निर्मित किए जाएंगे।
  • संचालन: SBS मिशन का संचालन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा किया जाएगा।
  • सशस्त्र बलों का समर्थन: तीनों सशस्त्र बलों (थल, जल, और वायु) के पास भूमि, समुद्र या वायु आधारित मिशनों के लिए समर्पित उपग्रह होंगे।

SBS मिशन के चरण:

  • पहला चरण: SBS के पहले चरण की शुरुआत वर्ष 2001 में हुई, जिसमें चार उपग्रहों, जैसे रिसैट 2 का प्रक्षेपण शामिल था।
  • दूसरा चरण: SBS 2 का आरंभ वर्ष 2013 में छह उपग्रहों, जैसे रिसैट 2A के प्रक्षेपण के साथ किया गया।

समर्थन और लक्ष्य:

  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: SBS 3 मिशन को भारत द्वारा अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन प्राप्त करने, फ्रांस के साथ सैन्य उपग्रहों के संयुक्त निर्माण, और उपग्रह रोधी मिसाइल क्षमताओं से समर्थन प्राप्त होगा।
  • रणनीतिक लक्ष्य: भारत का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शत्रु की पनडुब्बियों का पता लगाने और अपनी भूमि और समुद्री सीमाओं पर शत्रु द्वारा किए जा रहे बुनियादी ढांचे के निर्माण पर नजर रखने की क्षमता हासिल करना है।

सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS):

सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण निकाय है, जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा नीतियों से संबंधित मामलों पर चर्चा और निर्णय लेना है।

प्रमुख जानकारी:

  • अध्यक्ष: CCS का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है।
  • सदस्य:
    • प्रधानमंत्री
    • रक्षा मंत्री
    • गृह मंत्री
    • वित्त मंत्री
    • विदेश मंत्री

कार्य:

  • CCS भारत की रक्षा और सुरक्षा से संबंधित सभी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • यह समिति भारत की कानून-व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की समीक्षा करती है।
  • CCS राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए आवश्यक विभिन्न कदमों पर चर्चा करती है।
  • समिति विदेशी मामलों के नीतिगत मामलों से भी निपटती है, जिनका आंतरिक या बाह्य सुरक्षा निहितार्थ हो सकता है।
  • CCS अन्य देशों के साथ सुरक्षा संबंधी समझौतों पर विचार करती है।
  • यह उन राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करती है जो राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं।

कैबिनेट समितियाँ:

कैबिनेट समितियाँ भारतीय संविधान में नहीं उल्लिखित हैं, लेकिन ये केंद्रीय मंत्रिमंडल पर बोझ कम करने के लिए मंत्रियों के छोटे समूहों को विशेष नीति क्षेत्रों पर निर्णय लेने की अनुमति देती हैं।

गठन और पुनर्गठन: ये समितियाँ नई सरकार के सत्ता में आने या मंत्रिमंडल में फेरबदल होने पर बनाई या पुनर्गठित की जाती हैं।

प्रमुख कैबिनेट समितियाँ:

  1. आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति
  2. राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति
  3. निवेश और विकास पर कैबिनेट समिति
  4. केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति
  5. संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति
  6. रोजगार और कौशल विकास पर कैबिनेट समिति
  7. आवास संबंधी कैबिनेट समिति
  8. मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति

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