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Global Alliance Against Hunger and Poverty चर्चा में क्यों ?
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित 19वें जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा, और अन्य वैश्विक नेताओं की उपस्थिति में भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन की शुरुआत की गई।
- इस पहल का उद्देश्य 2030 तक भूख खत्म करना और 500 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालना है।
Global Alliance Against Hunger and Poverty:
रियो डी जेनेरियो में आयोजित 19वें जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान, भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन (Global Alliance) की शुरुआत की गई। इस पहल का उद्देश्य दुनिया से भूख और गरीबी को जड़ से समाप्त करना है।
ब्राजील के राष्ट्रपति के अनुसार–
ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने एफएओ (खाद्य और कृषि संगठन) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा:
- 2024 तक 733 मिलियन लोग अल्पपोषण का सामना कर रहे है।
- यह संख्या ब्राजील, मैक्सिको, जर्मनी, यूके, दक्षिण अफ्रीका और कनाडा की कुल आबादी के बराबर है।
- यह स्थिति उस दुनिया में अस्वीकार्य है जो प्रति वर्ष 6 बिलियन टन भोजन का उत्पादन करती है, लेकिन जहां सैन्य खर्च 2.4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचता है।
- उन्होंने इसे मानवता के लिए एक बड़ा अन्याय बताया, जहां भोजन के अधिकारों का हर दिन उल्लंघन हो रहा है।
भारत का समर्थन और योगदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि की और खाद्य सुरक्षा और गरीबी उन्मूलन के लिए भारत की उपलब्धियों का उल्लेख किया।:
- 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया।
- 800 मिलियन लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
- 550 मिलियन लोग दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ उठा रहे हैं।
- 60 मिलियन वरिष्ठ नागरिक (70 वर्ष से अधिक आयु के) मुफ्त स्वास्थ्य बीमा के लिए पात्र बनाए गए हैं।
- महिला सशक्तिकरण: पीएम मोदी ने महिला नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत के प्रयासों को रेखांकित किया।
ग्लोबल साउथ के लिए चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लोबल साउथ के लिए चिंता का जिक्र किया।
वैश्विक संघर्षों के कारण उत्पन्न खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट का सबसे ज्यादा असर ग्लोबल साउथ (कम विकसित और विकासशील देशों) पर पड़ रहा है।
- नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को स्थायी जी-20 सदस्यता देकर ग्लोबल साउथ की आवाज को बढ़ाया गया।
- उन्होंने वैश्विक शासन संस्थाओं में सुधार करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
संस्थापक सदस्य
यह गठबंधन 148 संस्थापक सदस्यों के साथ शुरू हुआ, जिसमें शामिल हैं:
- 82 देश
- अफ्रीकी संघ और यूरोपीय संघ
- 24 अंतरराष्ट्रीय संगठन
- 9 अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान
- 31 गैर–सरकारी और परोपकारी संगठन
सदस्यता और विस्तार
- खुली सदस्यता: यह गठबंधन केवल G20 देशों तक सीमित नहीं है; सभी देश सदस्य बन सकते हैं।
- पहले सदस्य:
- ब्राजील और बांग्लादेश सबसे पहले शामिल हुए।
- सभी G20 देशों ने इस पहल में भाग लिया है।
- वैश्विक भागीदारी: हर महाद्वीप के देशों और संगठनों की भागीदारी से यह गठबंधन भूख और गरीबी से लड़ने के लिए एकजुट प्रयास कर रहा है।
यह पहल दुनिया भर में न्यायसंगत और स्थायी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
ग्लोबल अलायंस की कार्य संरचना
- एफएओ का योगदान:
- यह गठबंधन का तकनीकी मुख्यालय होगा।
- एफएओ अपनी स्वायत्तता बनाए रखेगा।
- वित्त पोषण और सहयोग:
- ब्राजील ने 2030 तक गठबंधन की 50% लागत का वित्त पोषण करने की प्रतिबद्धता जताई है।
- जर्मनी, नॉर्वे, पुर्तगाल और स्पेन जैसे देशों ने अतिरिक्त वित्तीय योगदान देने की घोषणा की है।
- रणनीतिक पहल:
- नियमित शिखर सम्मेलन आयोजित करना।
- कार्यों की निगरानी, जवाबदेही और प्रगति सुनिश्चित करने के लिए उच्च स्तरीय चैंपियंस परिषद का गठन।
ग्लोबल अलायंस का उद्देश्य
- भुखमरी और गरीबी को खत्म करना:
- गठबंधन का लक्ष्य 2030 तक 500 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालना है।
- सामाजिक सुरक्षा:
- सामाजिक सुरक्षा और नकद हस्तांतरण के माध्यम से कमजोर आबादी की गरिमा को बहाल करना।
- वैश्विक एकजुटता:
- विकसित देशों, वित्तीय संस्थानों, और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करना।
यह पहल भूख और गरीबी से लड़ने के लिए वैश्विक स्तर पर एक मजबूत प्रयास है और इसे 2030 तक दुनिया से भूख मिटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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