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ई-कोर्ट परियोजना भारत की न्यायपालिका में डिजिटल परिवर्तन और न्याय तक सुलभता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वाकांक्षी पहल है। इसे न्याय विभाग और भारत के सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति के सहयोग से लागू किया जा रहा है। यह परियोजना राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत न्यायपालिका के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) विकास के लिए तैयार की गई है।
ई-कोर्ट परियोजना का विकास:
- पहला चरण (2011-2015)
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की शुरुआत: 488 न्यायालय परिसरों और 342 जेलों को जोड़ा गया।
- मूलभूत आईसीटी ढांचा:
- न्यायालयों में आईसीटी का उपयोग शुरू हुआ।
- डिजिटल केस रिकॉर्डिंग की सुविधा।
- दूसरा चरण (2015-2023)
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उपकरणों का विस्तार:
- तालुक स्तर के सभी न्यायालय परिसरों में वीसी उपकरण प्रदान किए गए।
- 14,443 अदालत कक्षों के लिए अतिरिक्त वीसी उपकरण।
- 2,506 वीसी केबिन स्थापित।
- सतर्कता केंद्र सुविधाएं: 3,240 न्यायालय परिसरों और 1,272 जेलों के बीच सतर्कता केंद्र स्थापित।
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उपकरणों का विस्तार:
- ई-कोर्ट परियोजना का तीसरा चरण (2023-2027): सितंबर 2023 में ₹7,210 करोड़ के बजटीय परिव्यय के साथ ई-कोर्ट के चरण III को स्वीकृति प्रदान की गई।
मुख्य विशेषताएँ:
- डिजिटल बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करना:
- 10,200 प्रतिष्ठानों (500 जेल, 700 जिला सरकारी अस्पताल, 9,000 अदालतें) में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग अवसंरचना का उन्नयन।
- न्यायपालिका के लिए एक केंद्रीकृत और मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म।
- सुलभता में सुधार:
- न्यायिक प्रक्रिया को डिजिटल रूप से सक्षम बनाना।
- नागरिकों और अधिवक्ताओं के लिए न्याय तक आसान पहुँच।
- ई-फाइलिंग और केस ट्रैकिंग:
- मुकदमों की स्थिति की ऑनलाइन जानकारी।
- ई-फाइलिंग और दस्तावेज़ों का डिजिटल प्रबंधन।
- समावेशी न्याय प्रणाली: न्यायपालिका को सभी के लिए अधिक सुलभ, कुशल और पारदर्शी बनाना।
- ग्रीन कोर्ट पहल: कागज रहित कार्यप्रणाली को बढ़ावा।
परियोजना का प्रभाव:
- समय और संसाधनों की बचत: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ने न्यायिक प्रक्रिया को तेज़ और सुलभ बनाया।
- नागरिकों के लिए सशक्तिकरण: डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ने पारदर्शिता बढ़ाई और दूरदराज़ के इलाकों में रहने वालों के लिए न्याय तक पहुंच आसान की।
- सुधारात्मक न्यायिक प्रबंधन: चरण III के माध्यम से न्यायपालिका में डिजिटल गवर्नेंस को सुदृढ़ किया जाएगा।
भविष्य की दृष्टि:
ई-कोर्ट परियोजना का उद्देश्य भारतीय न्यायपालिका को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप डिजिटल रूप से सक्षम और समावेशी बनाना है। चरण III की सफलता से न्यायिक कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता, और नागरिक सहभागिता में सुधार होगा, जिससे न्यायिक प्रणाली अधिक विश्वसनीय और उत्तरदायी बनेगी।