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INS तुशिल

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हाल ही में नवीनतम बहुउद्देश्यीय भूमिका वाले रडार से बच निकलने में सक्षम गाइडेड मिसाइल की युद्ध प्रणाली से लैस INS तुशिल (एफ 70) को रूस में कलिनिनग्राद के यंतर शिपयार्ड में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।

INS तुशिल : मुख्य बिंदु

  1. परिचय:
    • INS तुशील प्रोजेक्ट 1135.6 का अपग्रेडेड क्रिवाक III क्लास का फ्रिगेट है।
    • यह तलवार क्लास और टेग क्लास के जहाजों का अपग्रेडेड संस्करण है।
  2. निर्माण और अनुबंध:
    • अनुबंध अक्टूबर 2016 में भारतीय नौसेना, भारत सरकार और जेएससी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के बीच हुआ।
    • निर्माण की निगरानी भारतीय विशेषज्ञों ने कलिनिनग्राद, रूस में की।
  3. तकनीकी विशेषताएं:
    • लंबाई: 125 मीटर; वजन: 3900 टन।
    • स्टेल्थ और स्थिरता में उन्नत।
    • गति: 30 नॉट से अधिक।
    • स्वदेशी सामग्री: 26% तक बढ़ाई गई।
  4. प्रमुख भारतीय योगदानकर्ता (OEMs): ब्रह्मोस एयरोस्पेस, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, केलट्रॉन, टाटा से नोवा, जॉनसन कंट्रोल्स इंडिया आदि।
  5. परीक्षण और ट्रायल्स:
    • जहाज ने फैक्टरी सी ट्रायल्स, स्टेट कमेटी ट्रायल्स और डिलीवरी एक्सेप्टेंस ट्रायल्स को सफलतापूर्वक पूरा किया।
    • ट्रायल्स में सभी रूसी उपकरणों और हथियार प्रणालियों का परीक्षण शामिल था।
  6. नाम और आदर्श वाक्य:
    • नाम ‘तुशील’ का अर्थ: रक्षक कवच।
    • आदर्श वाक्य: ‘निर्भय, अभेद्य और बलशील’।
  7. समुद्री सेवा और उपयोगिता:
    • यह फ्रिगेट पश्चिमी नौसेना कमान के पश्चिमी बेड़े में शामिल होगा।
    • दुनिया के सबसे उन्नत फ्रिगेट्स में से एक।
  8. भारतरूस साझेदारी: यह जहाज भारत-रूस सहयोग का प्रतीक है।
  9. युद्ध क्षमता:
    • जहाज अत्याधुनिक तकनीकों और मजबूत प्रहार क्षमताओं के लिए जाना जाता है।
    • यह युद्धपोत भारतीय और रूसी विशेषज्ञता का उत्कृष्ट मिश्रण है।

INS तुशील: हथियार और युद्धक क्षमताएं

  1. मिसाइल सिस्टम:
    • 8 इगला-1ई
    • 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल क्लब
    • 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप और लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइल
  2. नेवल गन्स:
    • 100 मिमी A-190E नेवल गन
    • 76 मिमी ओटो मेलारा नेवल गन
  3. क्लोजइन वेपन सिस्टम (CIWS):
    • 2 AK-630 CIWS गन
    • 2 काश्तान CIWS गन
  4. अन्य हथियार: 2 टॉरपीडो ट्यूब्स (533 मिमी) और रॉकेट लॉन्चर

भारतरूस रक्षा सहयोग:

  1. सहयोग: भारत और रूस के बीच रक्षा साझेदारी दशकों पुरानी है।
  2. INS तुशील इसका प्रमुख उदाहरण है।
  3. 2016 समझौता: इस समझौते के तहत दो फ्रिगेट (INS तुशील और INS तमाल) रूस में बनाए जाने को लेकर हुआ था।
    • दो और फ्रिगेट भारत के गोवा शिपयार्ड में रूसी तकनीकी सहायता से बनाए जाएंगे।
  4. यंतर शिपयार्ड का अनुभव: यंतर शिपयार्ड ने पहले भी भारतीय नौसेना के लिए तीन तलवार क्लास फ्रिगेट बनाए हैं।
    • यह भारतीय नौसेना की जरूरतों को पूरा करने में अनुभवी है।
  5. विशेष प्रणालियों का समझौता:
    • यह सौदा केवल जहाज निर्माण तक सीमित नहीं है।
    • इसमें भारत के लिए 22 विशेष प्रणालियां शामिल हैं, जैसे:
      • संचार उपकरण
      • हथियार प्रणालियां

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