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‘भारत कौशल रिपोर्ट 2025’ के अनुसार, 2025 तक भारत में ग्रेजुएट्स की रोजगार क्षमता 7 प्रतिशत बढ़कर 54.81 प्रतिशत तक पहुँचने की उम्मीद है। भारत कौशल रिपोर्ट 2025 के अनुसार, केरल भारत में सबसे अधिक रोजगार योग्य राज्यों में से रहा है।
भारत कौशल रिपोर्ट 2025 के बारे में:
- रिपोर्ट तैयार करने वाली संस्थाएँ:
- Confederation of Indian Industries (CII)
- Wheebox (एक प्रतिभा मूल्यांकन एजेंसी)
- All India Council for Technical Education (AICTE)
- आधार:
- भारतभर में हुए Global Employability Test (G.E.T.) में 5 लाख से अधिक उम्मीदवारों के आंकड़े
- 1,000 से अधिक कंपनियों के इनसाइट्स
- मुख्य उद्देश्य: भारत में रोजगार योग्य युवाओं की क्षमता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी employability का मूल्यांकन करना।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- 2025 में लगभग 55 प्रतिशत भारतीय ग्रेजुएट्स के वैश्विक रोजगार के योग्य होने की उम्मीद है, जो 2024 में 2 प्रतिशत था (7 प्रतिशत की वृद्धि)।
- रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रबंधन ग्रेजुएट्स (78 प्रतिशत) की वैश्विक रोजगार क्षमता सबसे अधिक है, उसके बाद इंजीनियरिंग छात्रों (5 प्रतिशत), MCA छात्रों (71 प्रतिशत) और विज्ञान ग्रेजुएट्स (58 प्रतिशत) का स्थान है।
- महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली जैसे राज्य रोजगार योग्य प्रतिभाओं के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहे हैं, जबकि पुणे, बेंगलुरु और मुंबई जैसे शहर कौशलपूर्ण कार्यबल प्रदान करने में अग्रणी हैं।
- लिंग विश्लेषण के अनुसार, पुरुषों के लिए रोजगार क्षमता 2025 में 8 प्रतिशत से बढ़कर 53.5 प्रतिशत होने की संभावना है, जबकि महिलाओं के लिए यह दर 50.9 प्रतिशत से घटकर 47.5 प्रतिशत होने का अनुमान है।
- 2025 तक, 50 प्रतिशत माध्यमिक और तृतीयक छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त होने की उम्मीद है, जिससे भारत वैश्विक प्रतिभा बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा।
- रिपोर्ट में यह भी बल दिया गया है कि व्यावसायिक प्रशिक्षण को उद्योग की आवश्यकताओं से जोड़ना, खासकर उभरते क्षेत्रों जैसे कि AI, साइबर सुरक्षा और ग्रीन एनर्जी में, अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सरकारी कौशल विकास योजनाएं:
- कौशल भारत मिशन (SIM): यह मिशन कौशल विकास, पुनः कौशल और उन्नत कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए MSDE द्वारा संचालित किया जाता है। इसमें कौशल विकास केंद्रों, कॉलेजों और संस्थानों के नेटवर्क के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित किया जाता है।
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY): यह योजना युवाओं को शॉर्ट-टर्म ट्रेनिंग और Recognition of Prior Learning (RPL) के माध्यम से कौशल प्रदान करती है। इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देना है।
- जन शिक्षण संस्थान (JSS): यह योजना गैर-लिखित, नव-लिखित और स्कूली ड्रॉपआउट्स को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है, विशेष रूप से महिलाओं, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग को प्राथमिकता दी जाती है।
- राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रचार योजना (NAPS):
यह योजना उद्योगों में अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण को बढ़ावा देती है और प्रशिक्षुओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसके तहत उद्योगों में मूलभूत प्रशिक्षण और कार्यस्थल पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। - शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (CTS): यह योजना ITIs के माध्यम से दी जाती है, जहां युवाओं को विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें उद्योगों के लिए तैयार किया जाता है और आत्म-रोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं।
- अन्य मंत्रालयों द्वारा योजनाएं: कई अन्य योजनाएं जैसे Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana (DDU-GKY), RSETI, NULM, TEJAS और SANKALP के द्वारा भी कौशल विकास और उन्नति के अवसर प्रदान किए जाते हैं।