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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं को सशक्त बनाने में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जल जीवन मिशन की भूमिका पर प्रकाश डाला।
जल जीवन मिशन (JJM) और महिलाओं का सशक्तिकरण:
- समय की बचत:
- ग्रामीण इलाकों में महिलाएं पानी लाने के लिए दूर-दूर तक पैदल जाती थीं।
- जल जीवन मिशन के तहत घरों में नल से जल मिलने से उनका समय बच रहा है।
- यह समय वे शिक्षा, कौशल विकास या आय अर्जित करने जैसे कार्यों में लगा सकती हैं।
- स्वास्थ्य और कल्याण:
- साफ पानी मिलने से जलजनित बीमारियों का खतरा कम हो गया है।
- इससे महिलाओं और उनके परिवारों की सेहत में सुधार हुआ है।
- बेहतर स्वास्थ्य के चलते उनकी कार्यक्षमता बढ़ी है।
- आर्थिक अवसर:
- समय और स्वास्थ्य में सुधार के साथ महिलाएं कार्यबल में अधिक सक्रियता से भाग ले रही हैं।
- इससे वे घर की आय और आर्थिक विकास में योगदान दे रही हैं।
- एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं की उत्पादक गतिविधियों में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
- शिक्षा का प्रोत्साहन:
- पहले पानी लाने के कारण स्कूल से वंचित रहने वाली लड़कियां अब नियमित रूप से स्कूल जा रही हैं।
- इससे उनकी शिक्षा में सुधार हो रहा है और भविष्य में बेहतर अवसर मिल सकते हैं।
- सामाजिक सम्मान:
- पानी लाने के बोझ से मुक्त होकर महिलाओं की सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है।
- इससे उन्हें अपने समुदाय में अधिक आवाज और सम्मान मिल रहा है।
जल जीवन मिशन (JJM): एक परिचय
- लक्ष्य:
- अगस्त 2019 में शुरू किया गया यह मिशन हर ग्रामीण परिवार को 2024 तक नल से जल की सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य रखता है।
- “WASH” (जल, स्वच्छता और स्वच्छता) आधारित गांव विकसित करने की दिशा में काम करना।
- प्रगति और उपलब्धियां:
- 2019 में केवल 23 करोड़ (17%) घरों में नल कनेक्शन था, जो अक्टूबर 2024 तक बढ़कर 15.35 करोड़ (79.31%) हो गया।
- कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 100% कवरेज।
- मुख्य घटक:
- जल गुणवत्ता सुनिश्चित करना।
- जल स्रोतों की स्थिरता बनाए रखना।
- ग्रेवाटर (उपयोग किए गए पानी) का प्रबंधन करना।
निष्कर्ष: जल जीवन मिशन सतत विकास लक्ष्यों (SDG-6: स्वच्छ जल और स्वच्छता) को पूरा करने की दिशा में एक बड़ी पहल है। यह न केवल जल आपूर्ति सुनिश्चित करता है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके जीवन को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभा रहा है।