संदर्भ:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय क्रिटिकल खनिज मिशन (NCMM) की स्थापना को मंजूरी दी है, जिसके लिए सात वर्षों में ₹16,300 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
राष्ट्रीय क्रिटिकल खनिज मिशन (NCCM) के बारे में:
- अवधि एवं वित्तीय प्रावधान:
- यह मिशन वित्त वर्ष 2024-25 से 2030-31 तक चलेगा।
- ₹16,300 करोड़ का वित्तीय प्रावधान और ₹18,000 करोड़ अतिरिक्त फंडिंग विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (PSUs) से जुटाई जाएगी।
- नोडल मंत्रालय: खनन मंत्रालय (Ministry of Mines)
- उद्देश्य:
- भारत की क्रिटिकल मिनरल आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करना।
- घरेलू और विदेशी स्रोतों से खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत करना (तकनीकी, नियामक और वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना)।
- नवाचार, कौशल विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना (खनिज अन्वेषण, खनन, प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण में)।
क्रिटिकल मिनरल्स: महत्वपूर्ण खनिज वे खनिज हैं जो आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।
- लिथियम के अलावा 23 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की गई है, जिनमें शामिल हैं:
- वैनेडियम, टंगस्टन, मोलिब्डेनम, प्लेटिनम ग्रुप तत्व, रेयर अर्थ एलिमेंट्स, पोटाश आदि।
शासन व्यवस्था:
- मिशन सचिवालय:
- संयुक्त सचिव (Joint Secretary) के नेतृत्व में संचालित होगा।
- इसमें खनिज विज्ञानी, खनिज अर्थशास्त्री और खनन एवं वित्त क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
- क्रिटिकल मिनरल्स पर एम्पावर्ड कमेटी:
- कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित होगी।
- संबंधित मंत्रालयों के सदस्य शामिल होंगे।
भारत द्वारा क्रिटिकल मिनरल आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए उठाए गए कदम:
खनिज और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन: 2023 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया है, ताकि क्रिटिकल मिनरल्स के अन्वेषण और खनन को बढ़ावा दिया जा सके।
- GSI द्वारा अन्वेषण परियोजनाएं:
- भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण भारत (GSI) ने पिछले तीन वर्षों में 368 क्रिटिकल मिनरल्स के लिए अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की हैं।
- वर्तमान में 195 परियोजनाएं 2024-25 के वित्तीय वर्ष में चल रही हैं।
- 2025-26 के लिए GSI 227 परियोजनाओं को क्रिटिकल मिनरल्स के लिए शुरू करने जा रहा है।
- KABIL (Khanij Bidesh India Limited):
- यह खनन मंत्रालय का एक संयुक्त उद्यम है।
- अर्जेंटीना के कातामार्का प्रांत में 15703 हेक्टेयर का क्षेत्र अधिग्रहित किया गया है, जहां लिथियम के अन्वेषण और खनन के लिए कार्य किया जाएगा।
- कस्टम ड्यूटी में छूट:
- 2024-25 के केंद्रीय बजट में क्रिटिकल मिनरल्स पर कस्टम ड्यूटी को समाप्त कर दिया गया है।
- इसका उद्देश्य देश में क्रिटिकल मिनरल्स की उपलब्धता बढ़ाना और भारत में प्रसंस्करण सुविधाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करना है।
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