Download Today Current Affairs PDF
संदर्भ:
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने हाल ही में “आधार प्रमाणीकरण फॉर गुड गवर्नेंस (सामाजिक कल्याण, नवाचार, ज्ञान) संशोधन नियम, 2025″ अधिसूचित किए हैं।
- इन नियमों के तहतनिजी संस्थाओं को आधार प्रमाणीकरण सुविधा प्राप्त करने की प्रक्रिया को निर्धारित किया गया है, जो प्रस्ताव की मंजूरी के आधार पर प्रदान की जाएगी।
आधार प्रमाणीकरण 2025 संशोधन की प्रमुख बातें:
आधार प्रमाणीकरण के दायरे का विस्तार:
- सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं को विशिष्ट जनहित सेवाओं के लिए आधार प्रमाणीकरण उपयोग करने की अनुमति।
- यह ई–कॉमर्स, यात्रा, पर्यटन, आतिथ्य (हॉस्पिटैलिटी) और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों तक विस्तारित होगा, जिससे सरकारी पहलों से परे सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित होगी।
सुविधाजनक जीवन एवं सेवा वितरण में सुधार:
- आधार प्रमाणीकरण से नागरिकों के लिए सेवा उपलब्धता आसान होगी, जिससे प्रशासनिक जटिलताएँ और देरी कम होंगी।
- यह सेवा प्रदाताओं और उपयोगकर्ताओं के बीच भरोसेमंद लेनदेन सुनिश्चित करेगा।
आधार प्रमाणीकरण अनुरोधों की स्वीकृति प्रक्रिया:
- इच्छुक संस्थाओं को सम्बंधित मंत्रालय या विभाग के पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा।
- भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) इन आवेदनों की समीक्षा करेगा और अपनी सिफारिशें प्रदान करेगा।
इन संशोधनों का महत्व:
- बेहतर शासन और नवाचार:
- आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके नवाचार डिजिटल समाधान विकसित करने को प्रोत्साहन।
- सरकार और निजी संस्थाओं के बीच सशक्त साझेदारी को बढ़ावा, जिससे बेहतर शासन सुनिश्चित होगा।
- विश्वसनीय लेनदेन (Trusted Transactions): आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से सेवा प्रदाता और सेवा प्राप्तकर्ता के बीच सुरक्षित और भरोसेमंद लेनदेन की गारंटी।
- कुशल सेवा वितरण (Efficient Service Delivery):
- प्रक्रियाओं को सरल और तेज बनाकर आधार-सक्षम सेवाओं की तेजी से और कुशलतापूर्वक डिलीवरी सुनिश्चित करना।
- संशोधन से व्यक्तियों के लिए आधार–सक्षम सेवाओं की आसान पहुँच बढ़ेगी।
- आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके नवाचार डिजिटल समाधान विकसित करने को प्रोत्साहन मिलेगा।
- सरकार और अन्य संस्थाओं के बीच बेहतर प्रशासनिक समाधान के लिए सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
आधार के बारे में:
- आधार एक 12-अंकीय विशिष्ट पहचान संख्या है, जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) जारी करता है।
- UIDAI एक वैधानिक प्राधिकरण है, जिसे आधार अधिनियम, 2016 के तहत स्थापित किया गया है।
- आधार डेटा संरचना:
- जनसांख्यिकीय डेटा (Demographic Data): नाम, लिंग, जन्म तिथि, पता।
- बायोमेट्रिक डेटा (Biometric Data): फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन, और चेहरे की तस्वीर।
- आधार अधिनियम, 2016 की धारा 7: सरकार केंद्र या राज्यों के समेकित निधि (Consolidated Fund of India/States) से वित्त पोषित योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए आधार अनिवार्य कर सकती है।
- आधार मेटा डेटा (AADHAAR Meta Data): सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, आधार डेटा को 6 महीने से अधिक संग्रहीत नहीं किया जा सकता।