Download Today Current Affairs PDF
संदर्भ:
1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री ने “PM धन-धन्य कृषि योजना “ की घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना और देशभर के 1.7 करोड़ किसानों की आजीविका में सुधार करना है।
- सके अंतर्गत कम कृषि उत्पादकता वाले 100 ज़िलों को शामिल किया गया है, जिससे 7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे, फसल कटाई के बाद भंडारण बढ़ाने, सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करने का लक्ष्य रखा गया।
PM धन-धन्य कृषि योजना के बारे में:
- यह एक नई योजना है, जिसका उद्देश्य 100 कृषि संकटग्रस्त क्षेत्रों में किसानों का समर्थन करना है।
- इन क्षेत्रों में फसल उत्पादकता कम है और किसानों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने में कठिनाइयाँ होती हैं।
PM धन-धन्य कृषि योजना की प्रमुख बातें:
- राज्य सरकारों के सहयोग से इस योजना के तहत देश के 100 जिलों को कवर किया जाएगा।
- लगभग 1.7 करोड़ किसान इससे लाभान्वित होंगे।
- ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देकर, पलायन को मजबूरी के बजाय एक विकल्प बनाने का लक्ष्य।
पाँच प्रमुख फोकस क्षेत्र:
- कृषि उत्पादकता बढ़ाना।
- सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना।
- किसानों के लिए ऋण उपलब्धता को आसान बनाना।
- फसल विविधीकरण और सतत कृषि पद्धतियों को अपनाना।
- ग्राम पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता को बढ़ाना।
बजट 2025: कृषि पर ध्यान–
- दलहनों में आत्मनिर्भरता:
- सरकार तूर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान के साथ छह वर्षीय अभियान शुरू करेगी।
- जलवायु-अनुकूल बीज और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किए जाएंगे।
- नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) अगले चार वर्षों तक किसानों से अधिकतम मात्रा में दलहन खरीदने के लिए तैयार रहेंगे।
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की बढ़ी हुई सीमा: 7.7 करोड़ किसानों के लिए KCC की ऋण सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई।
- उच्च उपज देने वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन: 100+ उच्च उपज वाली और कीट–प्रतिरोधी बीज किस्मों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान को मजबूत किया जाएगा।
- कपास उत्पादकता मिशन: 5 वर्षीय पहल के तहत सतत् कृषि, अतिरिक्त लंबे रेशे वाले कपास का उत्पादन और गुणवत्ता सुधार को बढ़ावा दिया जाएगा।
- बिहार में मखाना बोर्ड: मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्द्धन के लिए बिहार में एक मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा।
- फलों और सब्जियों के लिए व्यापक कार्यक्रम:
- कुशल आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत किया जाएगा।
- किसानों के लिए बेहतर बाजार मूल्य सुनिश्चित किया जाएगा।
- असम में यूरिया संयंत्र: कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए ब्रह्मपुत्र घाटी उर्वरक निगम लिमिटेड (BVFCL) परिसर में 12.7 लाख मीट्रिक टन क्षमता का नया यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा।