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संदर्भ:
रूस ने भारत को Su-57 फाइटर जेट के संयुक्त उत्पादन के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ साझेदारी की पेशकश की है। इसका उद्देश्य पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (FGFA) तकनीक का स्थानीयकरण करना है।
रूस–भारत FGFA साझेदारी प्रस्ताव (Su-57E):
रूस का प्रस्ताव:
- Rosoboronexport, रूस की राज्य–स्वामित्व वाली रक्षा निर्यात कंपनी, ने Aero India 2025 में भारत के साथ Su-57E (पांचवीं पीढ़ी का फाइटर एयरक्राफ्ट – FGFA) के निर्माण में साझेदारी की पेशकश की।
- कंपनी ने Hindustan Aeronautics Limited (HAL) के संयंत्र में FGFA के स्थानीय उत्पादन का प्रस्ताव दिया, जिसकी शुरुआत 2025 में हो सकती है।
- पांचवीं पीढ़ी की प्रौद्योगिकियाँ भारत को प्रदान की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:
- इंजन
- AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार
- ऑप्टिक्स और AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) तत्व
- सॉफ्टवेयर और संचार प्रणाली
- वायु-युद्धक हथियार
- यह तकनीकी सहयोग भारत के Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) राष्ट्रीय कार्यक्रम को भी मजबूत कर सकता है।
प्रतिबंध–मुक्त आपूर्ति आश्वासन:
- Rosoboronexport ने आश्वस्त किया कि भारत में FGFA का निर्माण देश को प्रतिबंधों के जोखिम से बचाएगा।
- इससे किसी भी भविष्य की आपूर्ति शृंखला बाधा (जैसे, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण आवश्यक घटकों की अनुपलब्धता) की चिंता नहीं होगी।
संयुक्त विकास पृष्ठभूमि:
- 2010 में भारत और रूस ने FGFA परियोजना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- इस परियोजना को Sukhoi Design Bureau, Rosoboronexport, और HAL द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन और विकसित किया जाना था।
- भारत और रूस दोनों ने प्रारंभिक डिजाइन के लिए $295 मिलियन का निवेश किया।
- 2018 में, भारत ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित कई मुद्दों के कारण इस परियोजना से हटने का निर्णय लिया।
Su-57 फाइटर जेट: रूस का पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट
- Su-57 रूस की United Aircraft Corporation (UAC) द्वारा विकसित एक पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है।
- इसे वायु श्रेष्ठता (Air Superiority) और जमीनी हमले (Ground Attack) के लिए डिज़ाइन किया गया है।
Su-57 फाइटर जेट की प्रमुख विशेषताएँ:
- स्टील्थ डिज़ाइन:
- निम्न रडार क्रॉस–सेक्शन (RCS) के साथ कॉम्पोजिट मटेरियल और रडार–एब्जॉर्बिंग कोटिंग से बना है।
- इसे रडार पर पकड़ पाना मुश्किल होता है, जिससे यह दुश्मन के डिटेक्शन से बच सकता है।
- AESA रडार: मल्टी-बैंड एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार से लैस, जो बेहतर स्थितिजन्य जागरूकता (Situational Awareness) प्रदान करता है।
- सुपरमैन्युवरेबिलिटी: थ्रस्ट-वेक्टरिंग इंजन का उपयोग करता है, जिससे यह बेहद उच्च गतिशीलता प्राप्त करता है।
- सुपरसोनिक क्रूज़िंग (Supercruise): बिना आफ्टरबर्नर के सुपरसोनिक स्पीड बनाए रख सकता है, जिससे ईंधन की बचत और लंबी रेंज ऑपरेशन संभव होता है।
- AI-इंटीग्रेटेड सिस्टम: AI-सक्षम एवियोनिक्स का उपयोग करता है, जो युद्ध के दौरान तेजी से निर्णय लेने में मदद करता है।
- उन्नत हथियार प्रणाली: हाइपरसोनिक मिसाइलों, हवा-से-हवा (Air-to-Air) और हवा-से-जमीन (Air-to-Ground) प्रिसीजन-गाइडेड हथियारों को ले जाने में सक्षम।