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संदर्भ:
नए शोध के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में पृथ्वी के आंतरिक कोर (Inner Core) के आकार में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भूकंपीय तरंगों (Seismic Waves) के विश्लेषण के आधार पर यह बदलाव पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) को प्रभावित कर सकता है।
पृथ्वी की तीन प्रमुख परतें:
- क्रस्ट (Crust) – बाहरी ठोस परत–
- यह पृथ्वी की सबसे बाहरी परत है।
- यह ठोस चट्टानों से बनी होती है, मुख्य रूप से बेसाल्ट और ग्रेनाइट।
- इसका औसत मोटाई 5-70 किमी होती है।
- महाद्वीपीय क्रस्ट (Continental Crust) और महासागरीय क्रस्ट (Oceanic Crust) में विभाजित।
- मैंटल (Mantle) – सबसे मोटी परत–
- यह क्रस्ट के नीचे स्थित परत है और लगभग 2900 किमी मोटी होती है।
- इसमें उच्च तापमान और घनत्व वाली लोहे और मैग्नीशियम-युक्त ठोस चट्टानें होती हैं।
- अस्थेनोस्फीयर (Asthenosphere): मैंटल की आंशिक रूप से पिघली हुई परत, जहां टेक्टोनिक प्लेटें गतिशील रहती हैं।
- कोर (Core) – पृथ्वी का केंद्र: पृथ्वी का सबसे अंदरूनी भाग, दो भागों में विभाजित:
- बाहरी कोर (Outer Core)
- यह तरल अवस्था में होता है और निकेल (Ni) और लौह (Fe) से बना होता है।
- मैग्मा और पिघली हुई धातुओं से युक्त।
- पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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आंतरिक कोर (Inner Core):
- यह ठोस अवस्था में होता है और मुख्य रूप से निकेल और लौह से बना होता है।
- अत्यधिक दबाव के कारण, हजारों डिग्री तापमान के बावजूद यह ठोस रहता है।
- यह पृथ्वी की स्वतंत्र रूप से घूमने वाली परत है और चुंबकीय क्षेत्र बनाए रखने में सहायक है।
पृथ्वी का कोर और इसका महत्व:
- मैग्नेटिक फील्ड और जीवन की रक्षा:
- पृथ्वी का कोर जीवन की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- यह एक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है, जो हमें सूर्य की हानिकारक विकिरण (radiation) से बचाता है।
- आंतरिक कोर (Inner Core) बाहरी कोर और पृथ्वी के अन्य भागों से स्वतंत्र रूप से घूमता है।
- यदि यह गति रुक जाए, तो पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र समाप्त हो सकता है, जिससे यह मंगल की तरह हो सकती है, जहां मजबूत चुंबकीय क्षेत्र मौजूद नहीं है।
- आंतरिक कोर में संभावित बदलाव:
- वैज्ञानिकों का मानना है कि आंतरिक कोर का आकार बदल सकता है।
- यह परिवर्तन उस सीमा (Boundary) पर हो सकता है, जहां ठोस आंतरिक कोर और तरल बाहरी कोर मिलते हैं।
- इसके पीछे ऊष्मा प्रवाह (Heat Flow), गुरुत्वाकर्षण (Gravity), और धातुओं के प्रवाह (Metal Flow) जैसे कारक जिम्मेदार हो सकते हैं।
- महत्व: यदि कोर में बदलाव आता है, तो यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है।
- यह बदलाव भविष्य में पृथ्वी की जलवायु, उपग्रह संचार और जीवमंडल (Biosphere) पर असर डाल सकता है।