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संदर्भ:
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 4.0 तीव्रता का एक उथला भूकंप दर्ज किया गया, जिसका केंद्र 5 किलोमीटर की गहराई पर था। इस हल्के झटके ने क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियों को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है।
भूकंप क्या है?
- भूकंप पृथ्वी के हिलने या कांपने की एक प्राकृतिक घटना है।
- यह तब होता है जब संचित ऊर्जा मुक्त होती है, जिससे तरंगें (waves) उत्पन्न होती हैं, जो सभी दिशाओं में फैलती हैं।
भूकंप से जुड़े प्रमुख बिंदु:
- हाइपोसेंटर (Hypocentre) या फोकस (Focus): वह स्थान जहाँ भूकंप उत्पन्न होता है।
- एपिसेंटर (Epicentre):
- फोकस के ठीक ऊपर पृथ्वी की सतह पर स्थित बिंदु।
- यह सबसे पहले भूकंप की तरंगों को अनुभव करता है।
- मीडिया और रिपोर्टों में आमतौर पर एपिसेंटर को भूकंप का स्थान दिखाया जाता है।
भूकंप क्यों आते हैं?
- टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल से: जब दो टेक्टोनिक प्लेटें एक–दूसरे से टकराती, दूर जाती या फिसलती हैं, तो संचित ऊर्जा के मुक्त होने से भूकंप आता है।
- मैग्मा (Magma) के निकलने या संकुचित होने से।
- रासायनिक या परमाणु विस्फोटों से।
भूकंप के कारण:
- टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल:
- पृथ्वी की ऊपरी परत(crust) टेक्टोनिक प्लेटों में विभाजित है, जो बहुत धीरे-धीरे हिलती हैं।
- जब घर्षण (friction) के कारण ये प्लेटें किनारों पर फंस जाती हैं, तो तनाव (stress) बढ़ता है।
- जब यह तनाव घर्षण को पार कर जाता है, तो प्लेटें फिसलती हैं, जिससे भूकंप की ऊर्जा मुक्त होती है।
- ज्वालामुखीय गतिविधि (Volcanic Activity):
- पृथ्वी के नीचे मैग्मा की गति दबाव में बदलाव लाती है, जिससे चट्टानों में दरारें पड़ती हैं।
- जब ज्वालामुखीय द्वार अचानक खुलते हैं, तो ज्वालामुखीय भूकंप आ सकते हैं।
- मानव गतिविधियाँ (Human Activities):
- सुरंग (Tunnel) निर्माण।
- बांधों और जलाशयों को भरना।
- भूतापीय ऊर्जा उत्पादन।
- तेल और प्राकृतिक गैस के लिए फ्रैकिंग
- अपशिष्ट जल निपटान
उथले भूकंप (Shallow Earthquake):
- उथले भूकंप0 से 70 किमी की गहराई पर उत्पन्न होते हैं।
- मध्यम गहराईवाले भूकंप 70 से 300 किमी पर और
- गहरे भूकंप300 से 700 किमी की गहराई पर होते हैं।
विनाशकारी प्रभाव:
- उथले भूकंप अधिक विनाशकारी होते हैंक्योंकि इनकी तरंगें सतह तक पहुंचने से पहले कम ऊर्जा नहीं खोतीं।
- उदाहरण:नवंबर 2022 में इंडोनेशिया में आए 6 तीव्रता के भूकंप ने 160 से अधिक लोगों की जान ले ली।
भूकंपीय तरंगें (Earthquake Waves):
शरीरिक तरंगें (Body Waves):
- ये फोकस (Focus) से उत्पन्न होती हैं और धरती के अंदर सभी दिशाओं में फैलती हैं।
- प्रकार:
- P-तरंगें (Primary Waves):सबसे तेज़ होती हैं और ठोस, द्रव व गैस से होकर गुजर सकती हैं।
- S-तरंगें (Secondary Waves):धीमी होती हैं और केवल ठोस माध्यम में यात्रा कर सकती हैं।
सतही तरंगें (Surface Waves):
- जब शरीर तरंगें सतह की चट्टानों से टकराती हैं, तोनई तरंगें उत्पन्न होती हैं, जिन्हें सतही तरंगें कहते हैं।
- L-तरंगें (Love Waves): ये पृथ्वी की सतह के साथ चलती हैं और सबसे अधिक विनाशकारी होती हैं।