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संदर्भ:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) ने हाल ही में अपनी नौवीं वर्षगांठ मनाई, यह योजना भारतीय किसानों को व्यापक फसल बीमा कवरेज प्रदान करके उनकी आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY):
परिचय:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) एक केंद्रीय क्षेत्र योजना (Central Sector Scheme) है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीटों या बीमारियों के कारण फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
मुख्य विशेषताएँ:
- पात्रता (Eligibility):
- सभी किसान, जिनमेंबटाईदार (Sharecroppers) और किरायेदार (Tenant Farmers) शामिल हैं, इस योजना के तहत पात्र हैं।
- केवलअधिसूचित फसलों (Notified Crops) और अधिसूचित क्षेत्रों (Notified Areas) में खेती करने वाले किसानों को कवर किया जाता है।
- किसानों की भागीदारी:
- किसानों के लिए यह योजनास्वैच्छिक (Voluntary) है।
- गैर–ऋणी (Non-loanee) किसानइस योजना के तहत कुल कवरेज का 55% हिस्सा बनाते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत कवर किए जाने वाले जोखिम
- उपज हानि: सूखा, बाढ़, कीट और बीमारियों जैसीअपरिहार्य आपदाओं (Non-preventable Risks) के कारण होने वाले नुकसान पर मुआवजा।
- बुआई न कर पाने की स्थिति: प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण यदि किसान बुआई नहीं कर पाते, तो उन्हें मुआवजा दिया जाता है।
- फसल कटाई के बाद होने वाली हानि: प्राकृतिक आपदाओं के कारणकटाई के 14 दिनों के भीतर फसल के नष्ट होने पर बीमा कवर।
- स्थानीय आपदाएं: ओलावृष्टि, भूस्खलन, बादल फटने जैसीस्थानीय आपदाओं से होने वाली क्षति का भी बीमा कवरेज।
सरकारी सहायता और बजट
- हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है।
- इन योजनाओं के लिए ₹69,515.71 करोड़ का कुल बजट आवंटित किया गया है।
तकनीकी उन्नति (Technological Advancements)
- PMFBY आधुनिक तकनीकों जैसे उपग्रह चित्रण (Satellite Imagery), ड्रोन (Drones) और रिमोट सेंसिंग (Remote Sensing) का उपयोग करता है।
- इन तकनीकों की मदद से फसल क्षेत्र का अनुमान, उपज मूल्यांकन और क्षति मूल्यांकन किया जाता है।
- YES-TECH प्रणाली को खरीफ 2023 में पेश किया गया, जिससे उपज के आकलन की सटीकता बढ़ी और दावों के त्वरित एवं निष्पक्ष निपटान में सहायता मिली।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) से जुड़ी चुनौतियाँ
- क्लेम निपटान में देरी: नौकरशाही बाधाएँऔर बीमा कंपनियों व राज्य सरकारों के बीच विवाद भुगतान प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं।
- राज्यों की वापसी और क्रियान्वयन समस्याएँ: बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, आंध्र प्रदेशजैसे कई राज्यों ने प्रीमियम सब्सिडी पर वित्तीय बोझ के कारण योजना से खुद को अलग कर लिया।
- कम जागरूकता और किसान भागीदारी: दूरदराज के क्षेत्रों के कई किसान अभी भीयोजना के लाभों से अनजान हैं, जिससे उनकी भागीदारी सीमित रहती है।
- डेटा और तकनीकी सीमाएँ: वास्तविक समय पर मौसम डेटा की कमी और फसल हानि के आकलन में देरी से क्लेम प्रोसेसिंग प्रभावित होती है।