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संदर्भ:
फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया: CPCB द्वारा NGT को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का स्तर अत्यधिक पाया गया। यह जल गुणवत्ता और स्वच्छता को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न करता है।
प्रयागराज में फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया संदूषण (CPCB रिपोर्ट) के मुख्य बिंदु:
- अत्यधिक प्रदूषण: फीकल कोलीफॉर्म का स्तर 2,500 यूनिट प्रति 100 मिलीलीटर की अनुमेय सीमा से अधिक पाया गया है।
- सीवेज प्रदूषण संकेतक: फीकल कोलीफॉर्म सीवेज (गंदे पानी) के संदूषण का मुख्य संकेतक है।
- स्वास्थ्य जोखिम: जल में अत्यधिक फीकल बैक्टीरिया की मौजूदगी डायरिया, टाइफाइड और कॉलरा जैसी जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ाती है।
- जलीय जीवन के लिए खतरा: अत्यधिक कार्बनिक प्रदूषण से पानी में ऑक्सीजन की कमी होती है, जिससे जलीय जीवों का जीवन प्रभावित होता है।
- नदी की सेहत पर संकट: यह संदूषण पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है, जिसे रोकने के लिए जल गुणवत्ता सुधार के उपाय जरूरी हैं।
फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया:
- परिचय– कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का एक समूह है जो गरम रक्त वाले जानवरों और मनुष्यों की आंतों में पाया जाता है।
- मूल स्रोत– फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया मुख्य रूप से मानव या पशु अपशिष्ट (मल) में मौजूद होते हैं।
- प्रदूषण संकेतक– पानी में फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की उपस्थिति यह दर्शाती है कि वह सीवेज या पशु अपशिष्ट से दूषित हो सकता है।
- हानिकारक प्रभाव– सभी कोलीफॉर्म बैक्टीरिया हानिकारक नहीं होते, लेकिन इनकी मौजूदगी यह संकेत देती है कि पानी में अन्य खतरनाक रोगजनक (Pathogens) जैसे वायरस, परजीवी, साल्मोनेला (Salmonella), और ई.कोलाई ( coli) मौजूद हो सकते हैं।
- उपयोग– जल प्रदूषण की जांच में फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का उपयोग जल संदूषण के संकेतक के रूप में किया जाता है।
फीकल कोलीफॉर्म की मौजूदगी क्या दर्शाती है?
- जल स्रोतों में सीवेज प्रदूषण– फीकल कोलीफॉर्म की उपस्थिति सीवेज या मल जल से जल स्रोतों के प्रदूषित होने का संकेत देती है।
- रोगजनक बैक्टीरिया की संभावना– इसमें टाइफाइड, हेपेटाइटिस-A और गैस्ट्रोएंटेराइटिस जैसे बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया और वायरस मौजूद हो सकते हैं।
- खराब अपशिष्ट प्रबंधन– सीवेज सिस्टम में रिसाव, असंतुलित कचरा प्रबंधन और कृषि अपशिष्ट का जल स्रोतों में मिलना जल प्रदूषण का कारण बनता है।
फीकल कोलीफॉर्म का BOD और COD पर प्रभाव:
- BOD (Biochemical Oxygen Demand) वृद्धि–
- फीकल कोलीफॉर्म जैविक कचरे का अपघटन (decomposition) करता है, जिससे घुले हुए ऑक्सीजन (DO) की खपत बढ़ जाती है।
- यह BOD के स्तर को बढ़ाता है, जिससे जल में ऑक्सीजन की कमी होती है और जलीय जीवों का दम घुट सकता है।
- COD (Chemical Oxygen Demand) वृद्धि–
- सीवेज और औद्योगिक कचरे से आए हानिकारक रसायनजल में मिलकर COD बढ़ाते हैं।
- COD वृद्धि का मतलब पानी में गैर-बायोडिग्रेडेबल प्रदूषकों की अधिकता होती है, जो जल गुणवत्ता को खराब कर पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाती है।