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नेविगेशन के लिए ध्रुवीकृत चाँदनी

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संदर्भ:

ध्रुवीकृत चाँदनी: सिडनी स्थित मैक्वेरी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने खोज की है कि दो प्रजातियों के रात्रिचर बुल चींटियाँ (Myrmecia pyriformis और Myrmecia midas) नेविगेशन के लिए ध्रुवीकृत चंद्र प्रकाश (polarised moonlight) पर निर्भर करती हैं

ध्रुवीकृत चाँदनी क्या है?

  • ध्रुवीकृत चाँदनी वह चंद्रमा का प्रकाश है, जो पृथ्वी के वायुमंडल में बिखरने (scattering) के कारण एक निश्चित दिशा में कंपन करने लगता है।
  • प्रत्यक्ष चंद्रप्रकाश अ-ध्रुवीकृत (unpolarised) होता है, लेकिन जब यह वायुमंडल की वायु अणुओं और धूलकणों से टकराता है, तो यह ध्रुवीकृत (polarised) हो जाता है।
  • ध्रुवीकृत चंद्रप्रकाश की तीव्रता ध्रुवीकृत सूर्यप्रकाश की तुलना में बहुत कम होती है, जिससे इसे अधिकांश जीव पहचान नहीं पाते।
  • चंद्रप्रकाश में ध्रुवीकरण का पैटर्न स्थिर रहता है, जिससे रात्रिचर (nocturnal) जीव इसे नेविगेशन टूल की तरह उपयोग कर सकते हैं।

नेविगेशन में इसका महत्व

  • कई रात्रिचर जीव, जैसे बुल चींटियाँ (Myrmecia pyriformis और Myrmecia midas), दिशानिर्धारण के लिए आकाशीय संकेतों पर निर्भर करते हैं।
  • चंद्रमा की प्रत्यक्ष स्थिति बादलों और चरणों (phases) के अनुसार बदलती रहती है, लेकिन ध्रुवीकृत चंद्रप्रकाश का पैटर्न स्थिर रहता है
  • यह चींटियों को हल्के चंद्रमा (crescent) या घटते चंद्रमा (waning) के दौरान भी प्रभावी रूप से दिशा पहचानने में मदद करता है, जब प्रकाश की तीव्रता काफी कम होती है।

परिणाम और निष्कर्ष:

  1. ध्रुवीकृत चंद्रप्रकाश द्वारा मार्गदर्शन:
    • चींटियाँ पूर्णिमा, बढ़ते (waxing) और घटते (waning) चंद्रमा के दौरान ध्रुवीकृत चंद्रप्रकाश का उपयोग कर दिशाओं का पता लगाती हैं।
    • सटीकता चंद्रमा के चरणों पर निर्भर करती है, और जब चंद्रमा नहीं होता, तो यह तरीका प्रभावी नहीं रहता।
  2. आंतरिक दूरी की गणना:
    • चींटियाँ यात्रा के दौरान लगातार अपनी दूरी का आकलन करती हैं
    • यदि उन्हें यात्रा के बीच में छोड़ दिया जाए, तो वे फिर भी अपने घोंसले तक की शेष दूरी का अनुमान बनाए रखती हैं।
  3. सौर नेविगेशन से समानता:
    • वैज्ञानिकों ने पाया कि सौर प्रकाश और चंद्रप्रकाश दोनों का उपयोग चींटियाँ दिशा निर्धारण के लिए करती हैं
    • इससे संकेत मिलता है कि कई कीट सूर्य और चंद्रमा दोनों से दिशा पहचानते हैं

चींटियाँ और नेविगेशन:

  • पहले के शोधों से पता चला है कि बुल चींटियाँ (Bull Antsध्रुवीकृत सूर्यप्रकाश का उपयोग करके दिशा निर्धारण करती हैं।
  • लेकिन जैसे ही दिन का प्रकाश कम होता है, उन्हें रात्रिचर परिस्थितियों के अनुकूल होना पड़ता है।
  • वर्तमान अध्ययन दर्शाता है कि ये चींटियाँ पूरे चंद्र चक्र (lunar cycle) में ध्रुवीकृत चंद्रप्रकाश का पता लगा सकती हैं।
  • वे e-vector पैटर्न (ध्रुवीकृत प्रकाश की दिशा) के आधार पर अपनी दिशा समायोजित करती हैं, जो चंद्रमा की स्थिति के अनुसार बदलता रहता है।
  • यह क्षमता विशेष रूप से बढ़ते (waxing) और पूर्णिमा (full moon) के चंद्र चरणों में सहायक होती है, जब चंद्रमा का प्रकाश अधिक तीव्र होता है।

खोज का महत्व:

  • यह शोध दूसरा ऐसा मामला है जहाँ किसी जीव को ध्रुवीकृत चंद्रप्रकाश (Polarised Moonlight) का उपयोग करते हुए पाया गया है। पहला उदाहरण डंग बीटल (Dung Beetle) का था।
  • बुल चींटियों की यह क्षमता, कि वे ध्रुवीकृत चंद्रप्रकाश की मदद से दिशा निर्धारण कर सकती हैं, प्राणी नेविगेशन (Animal Navigation) को समझने के नए रास्ते खोलती है।

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