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संदर्भ:
IQAir ने हाल ही में 7वीं वार्षिक विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 जारी की है, जिसमें दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों, क्षेत्रों और स्थानों में वायु प्रदूषण की चिंताजनक प्रवृत्तियों को उजागर किया गया है।
विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 के प्रमुख बिंदु:
- डेटा स्रोत: 138 देशों, क्षेत्रों और क्षेत्रों के 8,954 स्थानों पर 40,000 से अधिक वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों से डेटा लिया गया।
- मुख्य निष्कर्ष: केवल 17% वैश्विक शहर WHO के वायु प्रदूषण मानकों को पूरा कर पाए।
सबसे स्वच्छ देश:
- सात देश (ऑस्ट्रेलिया, बहामास, बारबाडोस, एस्टोनिया, ग्रेनेडा, आइसलैंड और न्यूजीलैंड) WHO के वार्षिक PM2.5 मानक 5 µg/m3 को पूरा कर पाए।
सबसे प्रदूषित देश (2024):
- चाड (8 µg/m3): WHO मानक से 18 गुना अधिक।
- बांग्लादेश (0 µg/m3): WHO मानक से 15 गुना अधिक।
- पाकिस्तान (7 µg/m3): WHO मानक से 14 गुना अधिक।
- कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (2 µg/m3): WHO मानक से 11 गुना अधिक।
- भारत (6 µg/m3): WHO मानक से 10 गुना अधिक।
महानगरीय क्षेत्र:
- सबसे प्रदूषित: बर्निहाट (असम-मेघालय सीमा), भारत – 128.2 µg/m3 वार्षिक औसत PM2.5।
- सबसे स्वच्छ: मायाग्वेज़, प्यूर्टो रिको – 1.1 µg/m3 वार्षिक औसत PM2.5।
सबसे प्रदूषित राजधानी: दिल्ली (भारत) – 91.8 µg/m3 वार्षिक औसत PM2.5।
क्षेत्रीय स्थिति:
- सबसे प्रदूषित: मध्य और दक्षिण एशिया – दुनिया के शीर्ष सात सबसे प्रदूषित शहर इसी क्षेत्र में हैं।
- सबसे स्वच्छ: ओशिनिया – क्षेत्र के 57% शहर WHO PM2.5 मानक 5 µg/m3 को पूरा करते हैं।
भारत सरकार द्वारा वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदम:
- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) (2019): लक्षित शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए निगरानी, उत्सर्जन मानकों और जन जागरूकता पर केंद्रित।
- BS-VI उत्सर्जन मानक (2020): वाहनों के लिए देशव्यापी लागू किए गए उत्सर्जन मानक।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY): पारंपरिक ईंधन के बजाय स्वच्छ ईंधन (LPG) के उपयोग को बढ़ावा देना।
- फेम योजना (FAME): इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित करना।
- GRIHA: इको-फ्रेंडली इमारतों के निर्माण और संचालन को बढ़ावा देना।
- कचरा प्रबंधन कार्यक्रम: स्वच्छ भारत अभियान के तहत बेहतर कचरा निपटान की व्यवस्था।
- वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग: NCR और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता की निगरानी और सुधार।
- GRAP: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आपातकालीन उपाय।
- सार्वजनिक परिवहन: बसों और मेट्रो सिस्टम के उपयोग को बढ़ावा देना ताकि वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम किया जा सके।