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संदर्भ:
वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) 2024: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) 2024 में घरेलू वित्त और उपभोग ऋण से जुड़ी चिंताओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) 2024 में घरेलू ऋण में चिंताजनक वृद्धि को उजागर किया गया है, जो जून 2021 में GDP के 6% से बढ़कर जून 2024 में 42.9% तक पहुँच गया है।
वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) 2024 के मुख्य बिंदु:
- बढ़ता हुआ घरेलू ऋण (Rising Household Debt):
- घरेलू ऋण-से-जीडीपी अनुपात (Household Debt-to-GDP Ratio) जून 2021 के 36.6% से बढ़कर जून 2024 में 42.9% हो गया, जबकि घरेलू संपत्तियों में कमी आई।
- ऋण वृद्धि का कारण उधारकर्ताओं की संख्या में वृद्धि है, न कि प्रत्येक उधारकर्ता के कर्ज में वृद्धि।
- सब-प्राइम उधारकर्ता (Sub-prime Borrowers) कम हो रहे हैं; अब दो-तिहाई ऋण प्राइम और सुपर-प्राइम उधारकर्ताओं (Prime and Super-prime Borrowers) से संबंधित हैं।
- ऋण लेने के उद्देश्य में बदलाव (Shift in Borrowing Purpose):
- ऋण लेने के तरीकों में बदलाव – निम्न-आय समूहों में संपत्ति निर्माण (Asset Creation) की बजाय उपभोग (Consumption) के लिए अधिक असुरक्षित ऋण (Unsecured Loans) लिया जा रहा है।
- सुपर-प्राइम उधारकर्ता (Super-prime Borrowers): 64% ऋण संपत्ति निर्माण के लिए उपयोग किए जा रहे हैं।
- सब-प्राइम उधारकर्ता (Sub-prime Borrowers): लगभग 50% ऋण उपभोग के लिए उपयोग हो रहे हैं।
- निम्न-आय समूह असुरक्षित क्रेडिट (जैसे, क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन) पर अधिक निर्भर हैं।
- निम्न–आय वाले घरों के लिए बढ़ता वित्तीय तनाव: सितंबर 2023 से क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन में अधिक डिफॉल्ट (Defaults) देखे गए हैं।
- असुरक्षित ऋण (Unsecured Debt) में डिफॉल्ट, सुरक्षित ऋणों (जैसे, हाउसिंग लोन, वाहन ऋण) को भी प्रभावित कर सकते हैं।
- निम्न-आय वर्ग में बढ़ता वित्तीय तनाव (Financial Stress) आर्थिक स्थिरता को कमजोर कर सकता है।
उपभोग ऋण लेने में चिंताजनक रुझान:
- बढ़ते उपभोग ऋण: उपभोग के लिए ऋण (जैसे, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड ऋण) का हिस्सा बढ़ा है, जबकि उत्पादक उद्देश्यों (जैसे, हाउसिंग या शिक्षा) के लिए ऋण का हिस्सा कम है।
- घरेलू संपत्तियों में गिरावट: घरेलू संपत्तियाँ जून 2021 में जीडीपी का 110.4% से घटकर मार्च 2024 में 108.3% हो गई हैं, जो यह दर्शाता है कि ऋण लेना संपत्ति निर्माण में परिवर्तित नहीं हो रहा है।
- ऋण लेने में आय की असमानता:
- सुपर-प्राइम उधारकर्ताओं (Super-prime Borrowers) के 64% ऋण संपत्ति निर्माण के लिए हैं।
- सब-प्राइम उधारकर्ताओं (Sub-prime Borrowers) के लगभग 50% ऋण उपभोग के लिए हैं, जो ₹5 लाख वार्षिक से कम कमाने वाले निम्न-आय वाले परिवारों को अधिक प्रभावित कर रहे हैं।
- असुरक्षित ऋण का तनाव: सितंबर 2023 की तुलना में सितंबर 2024 में पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड ऋण में डिफॉल्ट्स की संख्या बढ़ गई है, जो निम्न-आय वाले उधारकर्ताओं में वित्तीय दबाव को दर्शाता है।
- जोखिम का बढ़ता प्रभाव:
- लगभग 50% उधारकर्ताओं के पास असुरक्षित ऋण (जैसे, क्रेडिट कार्ड ऋण) के साथ-साथ हाउसिंग या वाहन ऋण भी हैं।
- एक श्रेणी में डिफॉल्ट होने पर सभी ऋणों को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिससे वित्तीय प्रणाली में जोखिम और भी बढ़ सकता है।