संदर्भ:
हाल ही में बोट गतिविधियों और डिजिटल सुरक्षा में सेंध की बढ़ती घटनाओं के बीच CAPTCHA सिस्टम एक बार फिर सुर्खियों में हैं। ये घटनाएं न केवल CAPTCHA की महत्ता को उजागर करती हैं, बल्कि इस तकनीक की सीमाओं पर भी सवाल खड़ा करती हैं, खासकर तेजी से बदलते साइबर परिदृश्य में।
CAPTCHA क्या है?
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CAPTCHA का पूरा नाम:
- CAPTCHA का पूरा नाम है: Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart
- इसका अर्थ है: एक पूरी तरह से स्वचालित सार्वजनिक ट्यूरिंग परीक्षण जो कंप्यूटर और इंसानों के बीच अंतर करता है।
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CAPTCHA का उद्देश्य:
- यह एक सुरक्षा उपाय (security measure) है।
- इसका उपयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि कार्य करने वाला इंसान है या बॉट।
- वेबसाइटों को स्वचालित बॉट्स से सुरक्षा प्रदान करता है।
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CAPTCHA कैसे मदद करता है?
- वेबसाइट को स्पैम (Spam) से बचाता है।
- गलत उपयोग (Misuse)को रोकता है।
- यह सुनिश्चित करता है कि
- फॉर्म भरना,
- कमेंट करना,
- अकाउंट बनाना जैसी क्रियाएं
इंसानों द्वारा की जा रही हैं, न कि बॉट्स द्वारा।
CAPTCHA का विकास (Development):
- इसे 2000 के दशक की शुरुआत में विकसित किया गया।
- विकास का कारण:
- इंटरनेट पर बॉट्स की संख्या बढ़ गई थी जो
- नकली अकाउंट बनाते थे,
- वेबसाइट पर स्पैम करते थे,
- और डेटा चोरी करते थे।
- इन समस्याओं से निपटने के लिए CAPTCHA बनाया गया।
- इंटरनेट पर बॉट्स की संख्या बढ़ गई थी जो
- CAPTCHA का पेटेंट: पहला पेटेंट 2003 में किया गया था।
CAPTCHA कैसे काम करता है?
- मानव के लिए आसान, मशीन के लिए कठिन कार्य प्रस्तुत करना: CAPTCHA ऐसे कार्य दिखाता है जो:
- इंसानों के लिए आसान होते हैं।
- लेकिन मशीनों (बॉट्स) के लिए कठिन होते हैं।
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प्रस्तुत किए गए कार्यों के उदाहरण:
- बिकृत (distorted) टेक्स्ट को पहचानना
- चित्रों (images) में वस्तुएँ पहचानना, जैसे – “सभी ट्रैफिक लाइट चुनें”
- ध्वनि (audio CAPTCHA) में शब्द पहचानना, मशीनें इन कार्यों को इंसानों जितनी सटीकता से समझ नहीं पातीं।
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ट्यूरिंग टेस्ट के सिद्धांत पर आधारित:
- CAPTCHA, Turing Test के सिद्धांत पर काम करता है।
- ट्यूरिंग टेस्ट को ब्रिटिश गणितज्ञ Alan Turing ने 1950 के दशक में डिज़ाइन किया था।
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ट्यूरिंग टेस्ट का उद्देश्य:
- यह परखना कि क्या कोई मशीन ऐसा व्यवहार कर सकती है जो इंसानों जैसा लगे।
- अगर मशीन इंसान की तरह जवाब दे, तो वह ट्यूरिंग टेस्ट पास मानी जाती है।
CAPTCHA की सीमाएँ:
- दृष्टि या श्रवण बाधित लोगों के लिए पहुंच (Accessibility) की समस्याएँ।
- उपयोगकर्ताओं के लिए झुंझलाहट भरा हो सकता है, विशेष रूप से मोबाइल उपकरणों पर।
- AI और मशीन लर्निंग का उपयोग करने वाले उन्नत बॉट कुछ CAPTCHA सिस्टम को बायपास कर सकते हैं।
- एक अतिरिक्त सत्यापन चरण जोड़ता है, जिससे उपयोगकर्ता हतोत्साहित हो सकते हैं या उपयोगकर्ता अनुभव (UX) की गुणवत्ता कम हो सकती है।