Special 301 Report
संदर्भ:
अमेरिका की 2025 की स्पेशल 301 रिपोर्ट के तहत भारत को एक बार फिर से ‘प्रायोरिटी वॉच लिस्ट‘ में शामिल किया गया है। यह निर्णय बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) की सुरक्षा में असंगत प्रगति को लेकर लिया गया है।
क्या है Special 301 Report?
- प्रकाशन संस्था: S. Trade Representative (USTR)
- प्रथम प्रकाशन: 1989
- कानूनी आधार: S. Trade Act of 1974 की Section 182 के तहत
- प्रकार: एक वार्षिक रिपोर्ट जो दुनियाभर में बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) की स्थिति का मूल्यांकन करती है।
मुख्य उद्देश्य:
- उन देशों की पहचान करना जिनकी बौद्धिक संपदा सुरक्षा नीतियाँ अमेरिकी व्यवसायों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।
- वैश्विक IPR वातावरण में सुधार को प्रोत्साहन देना।
- रिपोर्ट के निष्कर्ष द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं, टैरिफ और निवेश प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं।
2025 की रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:
Priority Watch List में भारत सहित ये देश शामिल: भारत, चीन, इंडोनेशिया, रूस, और अर्जेंटीना
भारत के खिलाफ प्रमुख चिंताएँ:
- Indian Patents Act की अस्पष्ट व्याख्या (विशेषकर फार्मास्युटिकल पेटेंट्स के संदर्भ में)
- पायरेसी, काउंटरफिटिंग, और डिजिटल चोरी के विरुद्ध कमजोर प्रवर्तन
- ट्रेड सीक्रेट सुरक्षा के लिए मज़बूत कानूनी ढाँचे की कमी
- ICT, सोलर और दवाओं जैसे IPR-संवेदनशील उत्पादों पर उच्च सीमा शुल्क
अन्य मुद्दे: Signal theft, Academic सामग्री की बिना अनुमति पुनर्प्रकाशन, Technological protection उपायों की अवहेलना
भारत की स्थिति का क्या असर हो सकता है?
- व्यापार और निवेश वार्ताओं में दबाव
- IPR नीतियों में संशोधन के लिए अमेरिका की ओर से बढ़ा हुआ आग्रह