Vietnam War
संदर्भ:
वियतनाम ने युद्ध की समाप्ति की 50वीं वर्षगांठ मनाई, लेकिन लाखों वियतनामी अब भी उस जहरीले रसायन “एजेंट ऑरेंज“ के दुष्परिणाम झेल रहे हैं, जिसका उपयोग युद्ध के दौरान अमेरिका ने किया था।
पृष्ठभूमि: उपनिवेशवाद से स्वतंत्रता तक
- फ्रांसीसी शासन: वियतनाम 19वीं सदी से फ्रांसीसी उपनिवेश ‘फ्रेंच इंडोचाइना’ का हिस्सा था (लाओस और कंबोडिया सहित)।
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान: जापान ने वियतनाम पर कब्जा कर लिया, लेकिन फ्रांसीसी प्रशासन को आंशिक रूप से बनाए रखा।
- स्वतंत्रता की घोषणा (1945): जापान की हार के बाद, हो ची मिन्ह के नेतृत्व में वियत मिन्ह ने वियतनाम की स्वतंत्रता की घोषणा की।
- पहला इंडोचाइना युद्ध (1946–1954): फ्रांस ने फिर से नियंत्रण पाने की कोशिश की, लेकिन डियेन बियेन फू की लड़ाई में हार के साथ युद्ध समाप्त हुआ।
वियतनाम युद्ध (दूसरा इंडोचाइना युद्ध) – 1955 से 1975
- संघर्ष:
- उत्तर वियतनाम (साम्यवादी) बनाम दक्षिण वियतनाम (गैर-साम्यवादी)।
- युद्ध की जड़ में विचारधारा और सत्ता का टकराव था।
- उत्तर वियतनाम:
- नेतृत्व: हो ची मिन्ह और कम्युनिस्ट पार्टी।
- सहयोगी: सोवियत संघ, चीन, और अन्य साम्यवादी देश।
- दक्षिण वियतनाम:
- नेतृत्व: शुरुआत में नगो दिन दीम, बाद में कई सैन्य तख्तापलट।
- सहयोगी: अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड आदि।
- अमेरिकी हस्तक्षेप:
- अमेरिका ने साम्यवाद को रोकने के लिए भारी सैन्य हस्तक्षेप किया (डोमिनो सिद्धांत)।
- 1960 के दशक में अमेरिकी सैनिकों की संख्या चरम पर थी।
वियतनाम युद्ध के प्रमुख कारण
- वियतनाम का विभाजन (1954): पहले इंडोचाइना युद्ध के बाद 1954 के जिनेवा समझौते के तहत वियतनाम को अस्थायी रूप से 17वें समानांतर (17th Parallel) पर उत्तर वियतनाम (साम्यवादी) और दक्षिण वियतनाम (गैर–साम्यवादी) में बाँटा गया था।
- शीत युद्ध की तनावपूर्ण स्थिति:
- अमेरिका ने एशिया में साम्यवाद के फैलाव को एक खतरे के रूप में देखा।
- डोमिनो सिद्धांत (Domino Theory) के अनुसार, अगर एक देश साम्यवादी बनता है, तो उसके पड़ोसी भी उसी राह पर चल सकते हैं।
- आंतरिक संघर्ष और वियत कॉंग विद्रोह:
- दक्षिण वियतनाम में वियत कॉंग (Viet Cong) नामक साम्यवादी समर्थक गुरिल्ला संगठन ने हथियार उठा लिए।
- उनका उद्देश्य था पूरे वियतनाम को एकीकृत करके साम्यवादी शासन स्थापित करना।
वियतनाम युद्ध के प्रभाव:
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ: युद्ध के दौरान प्रयुक्त रासायनिक हथियारों (जैसे एजेंट ऑरेंज) के कारण
- जन्म दोष,
- कैंसर,
- मधुमेह (डायबिटीज़),
- और तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार व्यापक रूप से उत्पन्न हुए।
- पर्यावरणीय क्षति:
- जिन क्षेत्रों में रसायनों का छिड़काव हुआ, वे वर्षों तक कृषि योग्य नहीं रहे।
- इससे वन्यजीवों को भारी नुकसान, मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट, और स्थानीय लोगों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ा।
- दीर्घकालिक पारिस्थितिक प्रभाव: यह क्षति आज भी कई इलाकों में प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर रही है।