Apni Pathshala

अयोग्यता (Disqualification)

Disqualification

संदर्भ:

कर्नाटक के विधायक जी. जनार्दन रेड्डी को अयोग्य ठहराया गया है, क्योंकि उन्हें हैदराबाद स्थित सीबीआई मामलों के लिए नियुक्त प्रधान विशेष न्यायाधीश द्वारा दोषी करार दिया गया है।

अयोग्यता (Disqualification) के बारे में:

अयोग्यता क्या है?

  • किसी विधायक या सांसद की अयोग्यता का अर्थ है कानूनी या संवैधानिक उल्लंघन के कारण विधानमंडल से सदस्यता का समाप्त होना।
  • इसका उद्देश्य सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी बनाए रखना और आपराधिक सजा या अयोग्य आचरण वाले व्यक्तियों को पद पर बने रहने से रोकना है।

संवैधानिक और वैधानिक प्रावधान:

  1. संवैधानिक प्रावधान
  • अनुच्छेद 191(1)(e): राज्य विधायकों पर लागू; कानून के तहत दोषसिद्धि के लिए अयोग्यता।
  • अनुच्छेद 102(1): संसद सदस्यों के लिए समान प्रावधान।
  • दसवीं अनुसूची: दल-बदल के कारण अयोग्यता से संबंधित; 52वें संविधान संशोधन (1985) के तहत जोड़ा गया।
    • उद्देश्य: निर्वाचित सदस्यों द्वारा दल बदलने या पार्टी निर्देशों के विरुद्ध कार्य करने से रोकना।
  1. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA), 1951
  • धारा 8(1): दुश्मनी बढ़ाने और चुनावी धोखाधड़ी जैसे अपराध।
  • धारा 8(2): दहेज और खाद्य अपमिश्रण मामलों में दोषसिद्धि।
  • धारा 8(3): दो वर्ष या उससे अधिक की सजा पर लागू; रिहाई के छह वर्ष बाद तक अयोग्यता बनी रहती है।
  • धारा 9 से 11B: भ्रष्टाचार, सरकारी अनुबंध, खर्च न घोषित करने और अयोग्यता हटाने की प्रक्रिया से संबंधित।

महत्वपूर्ण सुप्रीम कोर्ट के निर्णय:

  1. यूनियन ऑफ इंडिया बनाम एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (2002)
  • मतदाताओं का अधिकार: उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड जानने का अधिकार।
  • निर्णय: आजीवन प्रतिबंध का प्रावधान नहीं किया।
  1. मुख्य चुनाव आयुक्त बनाम जन चौकीदार (2013)
  • फैसला: विचाराधीन कैदी ‘निर्वाचक’ नहीं माने जाएंगे, इसलिए चुनाव लड़ने के अयोग्य।
  • संशोधन: संसद ने 2013 में संशोधन कर इस फैसले को पलट दिया, जिससे विचाराधीन कैदियों को चुनाव लड़ने की अनुमति मिली।
  1. लिली थॉमस केस (2013)
  • फैसला: RP अधिनियम, 1951 की धारा 8(4) को असंवैधानिक घोषित किया।
  • प्रभाव: सजा होने पर तत्काल अयोग्यता, अपील करने पर भी सदस्यता नहीं बचती।
  1. पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (2018)
  • फैसला: गंभीर आपराधिक आरोपों का चुनावी हलफनामे में खुलासा अनिवार्य।
  • आजीवन प्रतिबंध का निर्णय संसद पर छोड़ा।

निष्कर्ष:

  • भारत में सांसदों की अयोग्यता को सुचारु बनाने के लिए एक मजबूत संवैधानिक और कानूनी ढांचा है।
  • सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसलों ने जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए इस ढांचे को और मजबूत किया है।
  • राजनीतिक पूर्वाग्रह और आपराधिकरण जैसे मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए, और सुधार की आवश्यकता बनी हुई है।
  • लोकतांत्रिक संस्थानों में जनविश्वास बनाए रखने के लिए इन प्रावधानों को और सुदृढ़ करना आवश्यक है।

 

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top