Data Exclusivity
संदर्भ:
भारत ने यूनाइटेड किंगडम (UK) के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) में डेटा एक्सक्लूसिविटी को शामिल न करके अपने $25 बिलियन के जेनेरिक दवा उद्योग को सुरक्षित किया है। यह निर्णय न केवल आम जनता के लिए सस्ती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करता है, बल्कि जेनेरिक दवाओं के तेज़ लॉन्च को भी बढ़ावा देता है।
- यह कदमयूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) समझौते में भारत की पहले से अपनाई गई नीति को दोहराता है।
- भारत नेTRIPS (Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights) मानकों के भीतर रहते हुए यह नीति बनाई है, जिससे उसके फार्मा निर्यात और स्थानीय निर्माताओं के हित सुरक्षित रहते हैं।
- डेटा एक्सक्लूसिविटीकी अनुमति देने से बड़ी दवा कंपनियों को नए जेनेरिक विकल्पों में देरी करने का अवसर मिलता, जिससे दवाओं की कीमतें अधिक होतीं।
यूके एफटीए से डेटा एक्सक्लूसिविटी बाहर
- हालिया घोषणा:
- भारत और यूके ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप दिया है।
- यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार को व्यापक रूप से उदार बनाएगा।
डेटा एक्सक्लूसिविटी पर विवाद:
- यूके की मांग:
- यूके एफटीए में डेटा एक्सक्लूसिविटी प्रावधान शामिल करना चाहता था।
- इसका उद्देश्य: भारतीय जेनेरिक दवा निर्माताओं को दवा पेटेंट धारकों द्वारा उत्पन्न नैदानिक परीक्षण डेटा का उपयोग करने से रोकना।
- भारत का रुख:
- भारत ने एफटीए से डेटा एक्सक्लूसिविटी प्रावधानों को बाहर रखकर अपनी जेनेरिक दवा उद्योग की रक्षा की।
- इससे पहले, भारत ने 2024 में चार-राष्ट्रीय यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के एफटीए में भी इसी तरह की मांग को अस्वीकार कर दिया था।
डेटा एक्सक्लूसिविटी क्या है?
- परिभाषा: यह एक निश्चित अवधि है जिसके दौरान दवा नवाचारकर्ता द्वारा नियामक निकाय को प्रस्तुत नैदानिक और गैर-नैदानिक परीक्षण डेटा का उपयोग जेनेरिक निर्माताओं द्वारा नहीं किया जा सकता।
उद्देश्य:
- नैदानिक परीक्षणों के दौरान उत्पन्न डेटा की सुरक्षा करना।
- डेटा पर अनन्य अधिकार प्राप्त करके, नवाचारकर्ता कंपनियाँ प्रतिस्पर्धियों को सस्ती जेनेरिक दवाओं का विपणन लाइसेंस प्राप्त करने से रोक सकती हैं।
भारत में डेटा एक्सक्लूसिविटी कानून का अभाव:
- कानूनी ढांचा: भारतीय औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और नियम, 1945 में डेटा एक्सक्लूसिविटी का प्रावधान नहीं है।
जोखिम:
- डेटा एक्सक्लूसिविटी कानून की अनुपस्थिति से परीक्षण डेटा का अनुचित व्यावसायिक उपयोग हो सकता है।
- भारतीय कानून उन कंपनियों को इस डेटा का उपयोग करने की अनुमति देते हैं जो पेटेंट समाप्त होने के बाद दवाओं की नकल बनाती हैं।
- यदि जेनेरिक कंपनियों को स्वतंत्र रूप से वही डेटा उत्पन्न करना पड़े, तो उनकी लॉन्च प्रक्रिया में देरी होगी।
भारतीय जेनेरिक दवा उद्योग:
- महत्त्व:
- अनुमानित मूल्य: लगभग 25 बिलियन डॉलर
- उत्पादन का लगभग आधा हिस्सा निर्यात किया जाता है।
- वैश्विक संदर्भ: डेटा एक्सक्लूसिविटी, विश्व व्यापार संगठन (WTO) के तहत व्यापार संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकार (TRIPS) समझौते से परे है।
निष्कर्ष: यूके एफटीए में डेटा एक्सक्लूसिविटी को शामिल न करने का निर्णय भारत के जेनेरिक दवा उद्योग के लिए एक बड़ी राहत है। इससे सस्ती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता बनी रहेगी।
