Nalanda University
संदर्भ:
प्रख्यात अर्थशास्त्री सचिन चतुर्वेदी ने बिहार स्थित नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति (Vice-Chancellor) के रूप में पदभार ग्रहण किया। उनके नेतृत्व से विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और शोध गतिविधियों को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
(Nalanda University) नालंदा विश्वविद्यालय: एक प्राचीन बौद्ध शिक्षाकेंद्र
- स्थापना: नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 5वीं शताब्दी में गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम द्वारा की गई थी।
- संरचना एवं कला: विश्वविद्यालय परिसर में स्तूप, मंदिर, विहार (आवासीय व शैक्षणिक भवन) तथा शिल्पकला के उत्कृष्ट उदाहरण (स्टुको, पत्थर और धातु में) शामिल हैं।
- राजकीय संरक्षण: इसे कन्नौज के हर्षवर्धन (7वीं सदी) तथा पाल वंश के शासकों (8वीं–12वीं सदी) का संरक्षण प्राप्त था।
- विनाश: लगभग 800 वर्षों तक समृद्ध रहने के बाद इसे 12वीं सदी में बख्तियार खिलजी द्वारा जला दिया गया।
- पुनः खोज व खुदाई: इसके अवशेषों की पहली पहचान सर फ्रांसिस बुकानन ने की थी। इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा इसका व्यवस्थित उत्खनन और संरक्षण किया गया।
- अंतरराष्ट्रीय महत्व:
- प्रसिद्ध चीनी विद्वान ह्वेनसांग (Xuanzang) ने 637 और 642 ई. में यहां अध्ययन किया था।
- यह विश्वविद्यालय विश्व भर के छात्रों को आकर्षित करता था और भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय माना जाता है।
विश्व धरोहर: नालंदा के खंडहरों को सन् 2016 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।