oil spills concerns
संदर्भ:
केरल तट के समीप समुद्र में लाइबेरियाई ध्वज वाला एक मालवाहक जहाज़, जिसमें कुल 640 कंटेनर थे (इनमें से 13 में खतरनाक सामग्री मौजूद थी), पलट गया और डूब गया। यह घटना समुद्री सुरक्षा, पर्यावरणीय जोखिम और तटीय प्रबंधन के दृष्टिकोण से बेहद गंभीर मानी जा रही है।
ऑयल स्पिल (Oil Spill): कारण और प्रभाव–
मुख्य कारण:
- प्राकृतिक आपदाएँ – तूफान या समुद्री हलचल से टैंकरों को नुकसान
- मानव त्रुटियाँ – संचालन में लापरवाही
- उपकरण विफलता – टैंकर या पाइपलाइन में तकनीकी खराबी
प्रभाव:
जल पर प्रभाव–
- तेल पानी की सतह पर फैल जाता है क्योंकि इसकी घनता कम होती है।
- यह सतह को ढक लेता है जिससे धूप नीचे नहीं पहुँचती, और
- फोटोसिंथेसिस बाधित होती है।
- फाइटोप्लैंकटन मर जाते हैं, जो समुद्री ऑक्सीजन के प्रमुख स्रोत होते हैं।
समुद्री जीवन पर प्रभाव–
- फाइटोप्लैंकटन की कमी से खाद्य श्रृंखला प्रभावित होती है।
- तेल के विषैले प्रभाव से मछलियों और अकशेरुकी जीवों में
- प्रजनन क्षमता और
- विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है (EPA के अनुसार)।
पक्षियों पर प्रभाव–
- तेल से पंख चिपक जाते हैं, जिससे वे
- गर्मी बनाए नहीं रख पाते (इंसुलेशन में कमी),
- हाइपोथर्मिया हो जाता है,
- और डूबने की संभावना बढ़ जाती है।
(oil spills concerns) ऑयल स्पिल की सफाई के तरीके और चुनौतियाँ:
ऑयल स्पिल की सफाई के प्रमुख तरीके–
- स्किमिंग (Skimming):
- समुद्र की सतह से तेल को हटाना।
- इससे तेल संवेदनशील तटीय इलाकों तक पहुंचने से पहले रोका जा सकता है।
- इन सिचू बर्निंग (In Situ Burning):
- तेल के एकत्रित हिस्से को समुद्र में जलाना।
- यह तेज़ी से तेल को कम करने का तरीका है, खासकर जब तेल एक जगह केंद्रित हो।
- रासायनिक डिस्पर्सेंट्स:
- तेल को छोटे-छोटे कणों में तोड़ना ताकि माइक्रोब्स उन्हें आसानी से खा सकें।
- माइक्रोब्स तेल को कम हानिकारक यौगिकों में तोड़ देते हैं।
सफाई में चुनौतियाँ:
- तेज फैलाव: तेल समुद्र में तेजी से फैलता है, जिससे सफाई मुश्किल होती है।
- मौसम की बाधाएँ: तेज़ समुद्री लहरें और धाराएँ सफाई कार्य को कठिन बनाती हैं।
- तेल के गुणधर्म: कुछ तेल पानी में मिलकर नीचे डूब जाता है या इमल्शन बनाता है, जिससे अलगाव मुश्किल हो जाता है।
- पर्यावरणीय जोखिम:
- रासायनिक डिस्पर्सेंट्स समुद्री जीवों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
- मैन्युअल सफाई श्रमसाध्य होती है और दूरदराज के इलाकों में कम प्रभावी होती है।
गंभीर ऑयल स्पिल के दीर्घकालिक प्रभाव–
- अधिक गंभीर मामलों में, तेल फैलने के प्रभाव दशकों तक महसूस किए जा सकते हैं।
- उदाहरण: 2010 का Deepwater Horizon तेल रिसाव, जो इतिहास के सबसे बड़े दुर्घटनाग्रस्त तेल रिसावों में से एक है।
- घटना की शुरुआत: 20 अप्रैल 2010
- कुल तेल रिसाव: 4 मिलियन बैरल से अधिक
- अवधि: लगभग 87 दिन तक लगातार रिसाव
- प्रभाव:
- गल्फ ऑफ मेक्सिको के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को गहरा नुकसान
- हजारों जलीय जीवों की मौत हुई
यह घटना समुद्री जीवन, तटीय क्षेत्र और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं पर दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ गई।